लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में हनुमान जन्मोत्सव गुरुवार को बड़ी श्रद्धा और धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान हनुमान मंदिरों में विशेष श्रृंगार, पूजन, महाआरती, सुंदरकांड पाठ के साथ प्रसाद वितरित किया गया। जगह-जगह भंडारों का आयोजन भी हुआ। श्री हनुमत प्राकट्योत्सव के उपलक्ष्य में श्री संकट मोचन हनुमान जी मंदिर, हनुमान सेतु में अखंड रामायण का पाठ का समापन एवं श्री राम मारुति यज्ञ का आयोजन हुआ। वहीं, हनुमान जी को दूध, दही, घी, शहद, चीनी, पंचामृत, अष्टगंध, गुलाब जल, गंगाजल से स्नान कराकर दुग्धाभिषेक किया गया। भव्य आरती हुई एवं भोग प्रसाद लगाया गया। सभी भक्तों को निरंतर प्रात काल से रात्रि तक श्री गणेश जी द्वार से प्रसाद वितरण किया गया। वहीं, देर शाम तक भक्तों के आने का सिलसिला जारी रहा। भक्त हाथ में भोग लिए प्रभु के दर्शनों को आतुर दिखे।

लगा 11 किलो लड्डू का भोग

चौक में पक्का पुल स्थित प्राचीन लेटे हुए हनुमान जी मंदिर में सुबह सिंदूर लेपन के साथ हनुमान जी का भव्य फूलों से श्रृंगार किया गया। भक्तों द्वारा मंदिर परिसर को गुब्बारों से सजाया गया था। साथ ही 51 दीपों की भव्य आरती के बाद हनुमान जी के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए बूंदी के 11 किलो के लड्डू का भोग लगाया गया। वहीं, ठाकुरगंज के मां पूर्वी देवी एवं महाकालेश्वर मंदिर में आचार्य गंगाधर पुनेठा के सानिध्य में 51 भक्तों द्वारा 21 बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। इस दौरान भक्तों में भंडारा का प्रसाद वितरित किया गया।

जगह-जगह लगे भंडारे

हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर राजधानी में जगह-जगह भक्तों द्वारा भंडारा का आयोजन किया गया। इन भंडारों में आलू-पूड़ी, छोला-पूड़ी, चावल, बूंदी, खीर आदि का प्रसाद भक्तों में वितरित किया गया। इस दौरान भक्तों की भीड़ देखते ही बन रही थी।

नमोस्तुते मां गोमती की आरती हुई

चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के अवसर पर गुरुवार को श्रीमनकामेश्वर मठ-मंदिर की ओर से नमोस्तुते मां गोमती की आरती की गई। डालीगंज गोमती तट पर स्थित मंदिर के उपवन घाट पर महंत देव्यागिरी की अगुवाई में 11 वेदियों से आरती हुई। इससे पहले उपवन घाट पर मंदिर के सेवादारों ने सुंदरकांड का पाठ किया। मंदिर की श्रीमहंत देव्यागिरी महाराज ने हनुमान जी का विधि-विधान से पूजन किया। इस दौरान घाट हनुमान जी के जयघोष से गूंज उठा। सूर्यास्त के बाद प्रदोष बेला में घंटे और शंख ध्वनि के बीच माता की आरती शुरू हुई। उपवन घाट को दीपों की माला से सजाया गया। घाट पर कहीं ओम तो कहीं स्वास्तिक आकार में हजारों दीप सजाए गए। इसके बाद श्रीराम भक्त हनुमान जी की लीलाओं का मंचन किया गया।