लखनऊ (ब्यूरो)। आज के समय में ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने अपनी जिंदगी में किसी न किसी रूप में नशे को शामिल कर लिया है। फर्क सिर्फ इतना है कि कोई ज्यादा तो कोई कम क्वांटिटी में इसे यूज कर रहा हैै। पर क्या आपको पता है कि जिस भी नशे को आप इस्तेमाल कर रहे हैं, वह बॉडी के लिए कितना खतरनाक होता है। धीरे-धीरे यह नशा आपको अंदर से खोखला कर रहा है। इससे हमारे शरीर पर दुष्प्रभाव देखने को मिलता है। इसकी वजह से राजधानी में सैकड़ों जिंदगियां बर्बाद हो चुकी हैं। आखिर किस नशे का इस्तेमाल करने पर हमारी बॉडी पर क्या दुष्प्रभाव पड़ता है, जानने के लिए पढ़ें दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की खास रिपोर्ट

सबसे ज्यादा युवा गिरफ्त में

एक आकड़े के मुताबिक, नशा धीरे-धीरे हमारी युवा पीढ़ी को अपनी गिरफ्त में लेता जा रहा है। गांजा, स्मैक, हेरोइन, चरस, कोकीन, नशीली गोलियां आदि मादक पदार्थों की चपेट में युवा वर्ग खासतौर से आ रहा है। नशे के सेवन से लोग क्षय रोग, हृदय रोग आदि गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इसे लेकर डॉक्टर्स का भी कहना है कि लोगों को नशे से दूर रहना चाहिए, जो लोग नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं उनके शरीर पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है। जिससे वे बीमारियों की चपेट में आते चले जाते हैं।

बढ़ जाता है बॉडी का टेम्प्रेचर

केजीएमयू न्यूरो डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो। आरके गर्ग का कहना है कि ड्रग्स लेने से धीरे-धीरे हमारी शारीरिक एवं मानसिक क्षमता कम हो जाती है। इसके अलावा मेमोरी कम होने के साथ ब्रेन डैमेज होने का रिस्क बढ़ जाता है। इसके अलावा ड्रग्स लेने से बॉडी का टेम्प्रेचर बढ़ जाता है, हार्ट और पल्स रेट भी तेज हो जाती है। वहीं, नशे के आदी व्यक्ति को जब इसकी डोज नहीं मिलती है तो वह बेचैन होने लगता है। इतना ही नहीं, कई बार इस बेचैनी में वह क्राइम भी कर देता है।

किस नशे का कैसा दुष्प्रभाव

गांजा - नियमित रूप से गांजा पीने से तनाव और अवसाद की स्थिति पैदा हो सकती है। प्रजनन तंत्र पर इसका हानिकारक प्रभाव होता है। प्रोस्टेट कैंसर और बांझपन की समस्या होने की आशंका बढ़ जाती है। गले और मुंह में जलन, कैंसर और खांसी बनी रहती है।

कोकीन- इसका सेवन सूंघकर या तंबाकू के साथ किया जाता है। इसके सेवन से दिमाग पर जोर पड़ता है और भ्रम की स्थिति बन जाती है। इसके अलावा यह हार्ट रेट के साथ बीपी को भी बढ़ाता है। यह नशा लोगों को मानसिक रूप से कमजोर बनाता है।

हेरोइन-यह डायएसिटिल ईस्टर है, जो मॉर्फिन से बनता है इसे ग्लास ट्यूब से धुंए के रूप में लिया जाता है। इसका नशा व्यक्ति के रेस्पेरेट्री सिस्टम पर प्रभाव डालता है। जो लोग यह नशा करते हैं, उनकी धमनियों में थक्का जम जाता है और फेफड़े, लिवर एवं किडनी भी धीरे-धीरे खराब होना शुरू हो जाते हैं।

एलएसडी- यह एक टेबलेट है। इसका सेवन करने पर अजीब तस्वीरें दिखने या अलग तरह की आवाजें सुनाई देने का अहसास होता है। इसमें व्यक्ति काल्पनिक दुनिया में चला जाता है, जहां उसे अपनी ही तरह का सुख मिलता है। इसका सीधा असर उसके दिमाग पर पड़ता है, जो खतरे से खाली नहीं है।

चरस- इसके पीते ही सब स्लो फील होता है। कुछ ही मिनटों में नशा शुरू हो जाता है और आंखें बहुत लाल हो जाती हैं। आलस बढ़ जाता है। यह गांजे और भांग की अपेक्षा बहुत अधिक हानिकारक होता है और इसके अधिक व्यवहार से मस्तिष्क में विकार आ जाता है।

स्मैक- इसका सेवन करने से नशे से व्यक्ति काफी उग्र हो जाता है और उसे लगता है कि दुनिया का सबसे ताकतवर इंसान है। इसमें उसके अपराध करने की भी आशंका बनी रहती है। काफी दिनों तक यह नशा करने के बाद व्यक्ति को अकेलेपन की दिक्कत होने लगती है।

यह भी जान लीजिए

- 01 सिगरेट जिंदगी के नौ मिनट पी जाती है।

- 01 पीक गुटखा या तंबाकू की तीन मिनट लाइफ घटा देती है।

- 07 सेकेंड में मादक पदार्थ या तंबाकू से एक मौत होती है।

- 90 परसेंट फेफड़े का कैंसर व 25 परसेंट रोगों का कारण नशा है।

इस तरह छोड़ें नशा

- मन को पक्का करें और कभी नशा न करने की सोचें।

- अगर नशा नहीं छूट रहा है तो उसकी क्वांटिटी घटा दें।

- अगर आप नशा छोड़ने के इच्छुक हैं तो अपनों का सहारा लें।

- सिगरेट या गुटखे की तलब हो तो इलायची या सौंफ आदि लें।

- दवाओं के जरिए भी ड्रग्स की लत को छोड़ा जा सकता है।

- योग, ध्यान और एक्सरसाइज कर खुद को फिट रखें।

अक्सर देखा गया है कि किसी के कहने पर नशा तो कर लिया जाता है, लेकिन यही बाद में आदत बन जाती है, जो हमारे शरीर के लिए घातक साबित हो जाती है। जब नशे की डोज नहीं मिलती है तो शख्स बेचैनी महसूस करता है। वह शारीरिक और मानसिक कमजोरी से पीड़ित हो जाता है।

-प्रो। आरके गर्ग, एचओडी, न्यूरो डिपार्टमेंट, केजीएमयू