- कारापाल व उपकारापाल पर हमला व जेल में पथराव का मामला

- सोमवार को तय होना था आरोप, कोर्ट ने दिया था पेश होने का आदेश

LUCKNOW:

वर्ष 2000 में कारापाल व उपकारापाल पर हमला, जेल में पथराव व जानमाल की धमकी देने के मामले में एमपीएमएलए की विशेष अदालत ने मुख्तार अंसारी को सोमवार को पेश करने का आदेश दिया था। मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी। माना जा रहा है कि 19 अप्रैल को मुख्तार व अन्य के खिलाफ आरोप तय किए जांएगे। इस मामले में मुख्तार के अलावा यूसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित व लालजी यादव पर आरोप तय होना है। इनमें यूसुफ चिश्ती व आलम न्यायिक हिरासत में जेल में हैं, जबकि कल्लू पंडित व लालजी यादव जमानत पर रिहा हैं। मुख्तार अंसारी की अनुपस्थिति से आरोप तय नहीं हो पा रहे है। विशेष जज पवन कुमार राय ने पिछली कई तारीखों पर मुख्तार अंसारी को पेश कराने के संदर्भ में यूपी पुलिस के संबधित आला अफसरों व जिला कारागार रूपनगर, पंजाब के वरिष्ठ अधीक्षक को भी निर्देश दिया था।

जेल में पथराव का मामला

तीन अप्रैल, 2000 को इस मामले की एफआइआर लखनऊ के कारापाल एसएन द्विवेदी ने थाना आलमबाग में दर्ज कराई थी। एफआइआर के मुताबिक पेशी से वापस आए बंदियों को जेल में दाखिल कराया जा रहा था। इनमें से एक बंदी चांद को विधायक मुख्तार अंसारी के साथ के लोग मारने लगे। आवाज सुनकर कारापाल एसएन द्विवेदी व उपकारापाल बैजनाथ राम चौरसिया तथा कुछ अन्य बंदीरक्षक उसे बचाने का प्रयास करने लगे। इस पर उन्होंने इन दोनों जेल अधिकारियों व प्रधान बंदीरक्षक स्वामी दयाल अवस्थी पर हमला बोल दिया। किसी तरह अलार्म बजाकर स्थिति को नियंत्रित किया गया। अलार्म बजने पर यह सभी भागने लगे और जेल अधिकारियों पर पथराव करते हुए जानमाल की धमकी भी दी थी। इस मामले में यूसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित व लालजी यादव आदि के साथ ही मुख्तार अंसारी को भी नामजद किया गया था।