- अगर डॉक्टर मना करें तो न रखें रोजा

- हेल्पलाइन पर रोज हो रहे सवाल जवाब

LUCKNOW: रमजान के मुबारक महीने में खुदा पाक ने रोजे फर्ज किये हैं, इसकी रातों में नमाज यानि तरावीह को नफ्ल करार दिया गया है। यह महीना सब्र का है और सब्र का बदला जन्नत है। यह महीना लोगों के साथ हमदर्दी करने का है। इस महीने में मोमिन की रोजी बढ़ा दी जाती है, जो व्यक्ति किसी को इफ्तार करा दे तो उसके गुनाह माफ हो जाते हैं। वह दोजख से आजाद हो जायेगा और उसको इस रोजेदार के बराबर सवाब मिलेगा। रमजान का महीना कुरान पाक का महीना है इसलिए हर रोजेदार को चाहिए कि इस मुबारक माह में अधिक से अधिक कुरान करीम की तिलावत करें। दिन में रोजा रखें और रात को पूरे माह बीस रकआत तरावीह पढ़ें। गरीबों, जरूरतमंदों, मोहताजों और परेशान लोगों की खूब मदद की जाए। अपने को अपने बच्चों और घरों को गुनाहों से बचायें।

सुन्नी सवाल जवाब

सवाल । बीमारी की वजह से मेरा इम्यून सिस्टम कमजोर है, ऐसी हालत में क्या रोजा रख सकता हूं।

जवाब । पहले से मौजूद बीमारी की वजह से अगर किसी का इम्यून सिस्टम कमजोर है और डॉक्टर की राय है कि कोरोना वायरस की वजह से उसके लिए रोजा रखना खतरनाक हो सकता है तो उसको रोजा नहीं रखना चाहिए। बाद में कजा करें।

सवाल । क्या कोरोना से मरने वाले शहीद शुमार होगें।

जवाब । जी हां! शहीद शुमार होगें।

सवाल । क्या कोरोना वबा को देखते हुए जनाजे की नमाज में शिरकत जरूरी है।

जवाब । हर शख्स के लिए जरूरी नहीं है। घर और खानदान वाले पढ़ लें यही काफी है।

सवाल । क्या हम अपनी जकात अपने मुलाजिम को उसके वेतन के बदले में दे सकते हें।

जवाब । नहीं दे सकते हैं।

सवाल । कोरोना वबा से बचाव के लिए एक नुस्खा यह बताया गया है कि थोड़ा काफूर, कुछ लौगें और कुछ अजवाइन पीस कर एक पुडि़या में रख लें और दिन में कई बार उसको सूघें। क्या इससे रोजा टूट जायेगा।

जवाब । सुफुफ सूंघने में अंदर जाने का डर है इसलिए यह सही नहीं है।

शिया सवाल.जवाब

सवाल । अगर किसी व्यक्ति को डॉक्टर रोजा रखने से मना कर दे तो क्या हुक्म है।

जवाब । डॉक्टर के मना करने के बाद इंसान को चाहिए कि रोजा ना रखे और अगर वह रोजा रख लेता है तो उसकी कजा करेगा।

सवाल । अगर काई व्यक्ति रोजा को मानने और उस के वाजिब होने से इंकार कर दे तो ऐसे के लिए क्या हुक्म है।

जवाब । अगर ईश्वर की तरफ से वाजिब इबादत का अगर कोई इंकार कर दे तो वह काफिर है।

सवाल । अगर नमाज पढ़ने वाला व्यक्ति नमाज खत्म करने के बाद शक करे किसी हिस्से में कि पता नहीं सही पढ़ा कि नहीं या भूला तो क्या हुक्म है।

जवाब । नमाजी अगर नमाज खत्म करने के बाद किसी हिस्से में शक करेगा तो उसकी कोई परवाह नहीं की जाएगी और नमाज सही होगा।

सवाल । क्या लड़की का रोजा रखकर ऑफिस में पुरुषों के साथ काम करना रोजे को बाकी रखेगा।

जवाब । इस्लाम में महिला को इजाजत नहीं है कि वह बगैर परदा पुरुषों के साथ काम करे, लेकिन रोजा सही होगा।

सवाल । जकात किन नौ चीजों पर वाजिब है।

जवाब । जकात नौ चीजों पर वाजिब है। गेहूं, जौ, खजूर, किशमिश, सोना, चांदी, ऊंट, गाय, भेड़ व बकरी,

फैमिली कोट

इस महामारी को हम सभी को मिलकर ही हराना होगा। रमजान के पवित्र महीने में सभी से अपील है कि अपने घरों में ही रहकर नमाज अदा करें। जरूरतमंदों की हरसंभव मदद करें ताकि उनको कोई दिक्कत न हो। ऊपरवाले से दुआ करें कि जल्द यह संकट खत्म हो।

। साजिद अहमद कुरैशी, महानगर

सुन्न्‍‌ाी हेल्पलाइन

लोग अपने सवालात दोपहर 2 बजे से 4 बजे के दौरान इन नंबरों 9415023970, 9335929670, 9415102947, 7007705774, 9140427677 और

पर सवाल पूछ सकते हैं।

शिया हेल्पलाइन

महिलाओं के लिए हेल्प लाइन नंबर 6386897124 है जबकि शिया हेल्प लाइन के लिए सुबह 10 से 12 बजे तक 9415580936, 9839097407 नंबर पर संपर्क करें।

समय

इफ्तार । गुरुवार

सुन्नी ण् 6रू37 शाम

शिया ण् 6रू46 शाम

सहरी । शुक्त्रवार

सुन्नी ण् 4रू07 सुबह

शिया ण् 3रू59 सुबह