- पुराने और वर्तमान छात्रों के बीच हुए फुटबॉल मैच के दौरान खूब हुई हूटिंग

- विविध कार्यक्रमों के नाम रहा एलयू के शताब्दी वर्ष समारोह का तीसरा दिन

LUCKNOW: शताब्दी वर्ष समारोह के तीसरे दिन शनिवार को जहां फुटबॉल मैच ने सबमें रोमांच भरा वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भी अपनी अमिट छाप छोड़ी। मौजूदा और पुराने स्टूडेंट्स के बीच हुए फुटबॉल मैच में पुराने स्टूडेंट्स की टीम पर युवा जोश भारी पड़ा।

जमकर हुई हूटिंग

अरे ओ पेटू वाले चाचा थोड़ा छोटा किक मारो, देखो अंकल का लोवर न सरक जाए, कुछ ऐसे हूटिंग फुटबॉल मैच के दौरान देखने को मिली। मैच शुरू होने से पहले भरतनाट्यम की मनमोहक प्रस्तुति हूई। मैच की शुरुआत वीसी प्रो। आलोक कुमार राय ने फुटबॉल पर किक मारकर की। इस मैच में पूर्व छात्र वर्तमान छात्रों से 4-0 से हार गए, वहीं महिला वर्ग के मैच में वर्तमान छात्राओं से पूर्व छात्राएं 4-1 से हारीं।

संतुलित आहार, जीवन का आधार

फैकल्टी ऑफ लॉ के प्रांगण में सुबह 7:30 बजे से वृहद योग स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया गया। इस दौरान संतुलित खान पान के बारे में योगाचायरें ने बताया कि सात्विक एवम संतुलित आहार जीवन का महत्वपूर्ण आधार है। भारतीय परम्परा की खान पान व्यवस्था शरीर के स्वास्थ्य एवं रोगों से बचाव में सर्वोत्तम हैं। योग सत्र के दौरान फैकल्टी ऑफ योगा एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन के डॉ। अमरजीत यादव, डॉ। उमेश कुमार शुक्ला, डॉ। सतेन्द्र कुमार मिश्रा, तथा लॉ फैकल्टी के शिक्षकगण मौजूद रहे।

कृषि महाविद्यालय रहा अव्वल

विज्ञान मेले में चंद्र भानु गुप्ता कृषि पीजी डिग्री कॉलेज बक्शी का तालाब लखनऊ द्वारा लगाए गए स्टॉल पर महाविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग द्वारा बनाए गए जैविक कीटनाशक से कीटों का कैसे प्रबंधन किया जाए, इसकी जानकारी डॉ। सत्येंद्र कुमार सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि आज के परिवेश में जैविक कीटनाशक का प्रयोग किया जाए इस को बढ़ावा देने के लिए जैविक कीटनाशक ही प्रमुख साधन है। उद्यान विभाग द्वारा विलुप्त हो रही सेम की किस्म पर विशेष प्रदर्शन किया गया है, जिसकी जानकारी डॉक्टर जसकरन सिंह ने दी। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो। योगेश कुमार शर्मा ने बताया कि कल विशेष रूप से स्टॉल लगाया जाएगा।

दास्तानगोई के सुने किस्से

समारोह के दौरान कथाकार हिमांशु बाजपेयी ने अपनी खूबसूरत दास्तान-ए-तमन्ना-ए-सरफरोशी, काकोरी क्रांति की कहानी का प्रदर्शन किया। उन्होंने असफाक उल्ला खान और राम प्रसाद बिस्मिल की कहानी सुनाई और कहा कैसे उन्होंने आजादी की लड़ाई में वषरें पहले ब्रिटिश सरकार के खिलाफ तब तक के सबसे बड़े डकैती को अंजाम देने की कोशिश की थी।

बाक्स

हक है मेरा

शनिवार को यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स की ओर से तैयार किए गए नुक्कड़ नाटक हम है मेरा का प्रदर्शन भी किया गया। इसमें महिलाओं के जीवन में आने वाली समस्याओं का दर्शाया गया। नाटक में अंशुल भारतीय, प्रशांत, शिवांश, राज पांडे, सदफ तसनीम, विशाल को मिलाकर 21 स्टूडेंट्स शामिल थे।