लखनऊ (ब्यूरो)। परिवहन विभाग और परिवहन निगम द्वारा यात्री सुविधाओं को लेकर तमाम दावे किए जाते है, लेकिन सुविधाएं हरी झंडी के इंतजार में लटकी रहती हैं। इसी के तहत आरटीओ को प्रदेश स्तर पर 38 हाईटेक इंटरसेप्टर वाहन मिले हैं। जिससे तेज रफ्तार, ड्रंक ड्राइविंग आदि पर रोक लगाई जा सके। शासन से समय न मिलने के कारण यह वाहन धूल फांक रहे हैं। अधिकारी उम्मीद जता रहे हंै कि जल्द सीएम द्वारा समय मिलते ही इन योजनाओं का लोकापर्ण किया जाएगा।

चार इंटरसेप्टर लखनऊ को

राजधानी में आए दिन ओवर स्पीडिंग और ड्रंक ड्राइव के चलते हादसे हो रहे हैं। इन हादसों को रोकने के लिए परिवहन विभाग 38 हाईटेक इंटरसेप्टर वाहन रोड पर उतरने की तैयारी कर रहा है। ये वाहन राजधानी आ चुके हैं। इन्हें 19 मंडलों में बांटा जाना है। चार इंटरसेप्टर लखनऊ आरटीओ को भी मिले हैं।

ये होगी विशेषता

इन वाहनों में एक लेजर स्पीडगन लगी है जो करीब 500 दायरे के भीतर वाहनों का चालान काट सकती है। इसके द्वारा काटा गया चालान वाहन स्वामी को मैसेज के तौर पर मिल जाएगा। इसके अलावा इसमें अग्निशमन उपकरण भी लगा हुआ है। साथ ही इसकी पिछली सीट पर ऑपरेटर के लिए जगह और आगे जांच करने वाले अधिकारी और कर्मचारी बैठ सकेंगे।

सीएम से मिलनी है हरी झंडी

सीएम द्वारा हरी झंडी न मिलने के कारण इन वाहनों को मंडल में भेजा नहीं जा पा रहा है। जिसकी वजह से ये इंटरसेप्टर धूल फांक रही हैं। अधिकारियों के मुताबिक इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द से जल्द इनको मंडल में भेजा दिया जाएगा।

विभाग को मिले इंटरसेप्टर दिसबंर माह में काम करने लगेंगे। इससे विभाग को वाहनों की ओवर स्पीड रोकने में मदद मिलेगी।

-अखिलेश द्विवेदी, एआरटीओ प्रशासन