लखनऊ (ब्यूरो)। महानगर में रईसजादों की थार गाड़ी कहर बनकर दौड़ी और पेपर मिल कालोनी तिराहे के पास बुधवार देर रात स्मार्ट सिटी के तहत सड़क की मरम्मत में लगे दो मजदूरों को कुचल डाला। हादसे में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने दोनों को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान गुरुवार को दोनों की मौत हो गई। मजदूरों की मौत के बाद परिजनों व मोहल्ले के लोगों ने निशातगंज चौैराहे पर शवों को रखकर प्रदर्शन किया। परिवार वालों ने आरोपी थार ड्राइवर की गिरफ्तारी के साथ मजूदरों के पत्नी व मासूम बच्चों के लिए मुआवजे की मांग की। करीब दो घंटे तक चले प्रदर्शन से ट्रांस गोमती का पूरा इलाका चोक हो गया। एसीपी महानगर के साथ महानगर व मयेदगंज पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और आक्रोशित परिजनों को समझा बुझाकर शांत कराया, जिसके बाद जाम खुलवाया जा सका।

गाड़ी ने मजदूरों को उड़ाया

बनारस के चौबेपुर निवासी सुपरवाइजर अनूप पांडेय स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पेपरमिल तिराहे पर काम करा रहे हैं। रोड पर दिन में ट्रैफिक लोड अधिक होने के चलते काम रात में किया जा रहा था। उनका कहना है कि रात 2.30 बजे स्मृति वाटिका की तरफ से आ रही तेज रफ्तार थार गाड़ी ने वहां काम कर रहे दो मजदूरों को उड़ा दिया। गाड़ी की टक्कर से दोनों 30-40 मीटर तक घसिटते चले गए। अचानक हुए हादसे के बाद कंपनी के अन्य कर्मचारी अपने साथियों को बचाने के लिए गाड़ी की तरफ भागे।

गाड़ी छोड़ मौके से भागा ड्राइवर

कंपनी के सुपरवाइजर अनूप पांडेय ने बताया कि हादसे के बाद थार में सवार ड्राइवर व अन्य लोग गाड़ी छोड़ भाग निकले। साथियों की मदद से घायल दोनों कर्मचारियों को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दोनों मजदूरों की पहचान रायबरेली लालगंज निवासी संदीप और निशातगंज सुरेंद्र के तौर पर हुई। अनूप पांडेय की तहरीर पर गुरुवार सुबह बिना नंबर की थार गाड़ी के मालिक व ड्राइवर के खिलाफ महानगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई।

निशातगंज चौराहे पर शव रख प्रदर्शन

परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें देर से सुरेंद्र की मौत की जानकारी दी। पोस्टमार्टम कराने के बाद घरवाले शव लेकर निशातगंज चौराहा पहुंचे और गुरुवार शाम को जाम लगा दिया। परिजनों मुआवजे की मांग कर रहे थे। सुरेंद्र के परिवार में पत्नी मिनी, बेटा सच्चन (3) और 11 माह की बेटी लाडो है। घरवालों ने सुरेंद्र की पत्नी को नौकरी और आर्थिक सहायता की मांग की। प्रदर्शन के दौरान वहां पर जाम लग गया। पुलिस ने किसी तरह परिवारजन को आश्वासन देकर जाम खुलवाया। इसके बाद घरवाले शव लेकर अंतिम संस्कार के लिए निकले।

गाड़ी छोड़कर भागे आरोपित

आरोप है कि थार में चालक के अलावा अन्य लोग भी सवार थे। दुर्घटना के बाद आरोपी गाड़ी छोड़कर भाग निकले। पुलिस ने गाड़ी को कब्जे में ले लिया। दुर्घटना में गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई है। आरोप है कि पुलिस अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। पीडि़त परिवार ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है।

ट्रांस गोमती का ट्रैफिक हुआ ध्वस्त

दो मजूदरों की मौत के बाद मुआवजे व कार्रवाई की मांग को लेकर निशातगंज चौराहे पर परिवार व स्थानीय लोगों ने शव रखकर जाम लगा दिया। दोपहर 4 बजे से ट्रांसगोमती एरिया का ट्रैफिक पूरी तरह ध्वस्त हो गया। निशातगंज ओवर ब्रिज के बगल से जाने वाले क्रासिंग की तरफ वाले रास्ते को बैरीकेडिंग कर बंद कर दिया, जबकि ओवर ब्रिज पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। कुकरैल बंधे मोड़ तक वाहनों की लंबी कतार से दोनों तरफ का ट्रैफिक तीन घंटे तक प्रभावित रहा।

बेटी के बर्थडे की तैयारी कर रहा था

11 माह की हो चुकी बेटी लाडो के पहले बर्थडे को लेकर सुरेंद्र चाहता था कि वह घर में एक बड़ा कार्यक्रम करे और सारे रिश्तेदारों व परिचितों को बुलाए, जिसके लिए वह कुछ महीनों से दिन-रात काम कर रहा था।

बुधवार बाजार से लिए थे कपड़े

महानगर गोल मार्केट में साप्ताहिक बुध बाजार में सुरेंद्र ने लाडो के लिए नए कपड़े व खिलौने खरीदे थे। जिसे वह गुरुवार सुबह बेटी के जागने से पहले देने वाला था। बेटी की खुशियों को देखने से पहले रईसजादों की थार गाड़ी ने उसे मौत की नींद सुला दिया।

पहचान के बाद भी लावारिस पड़ा शव

सुरेंद्र के साथ हादसे का शिकार हुए संदीप की मौत के कई घंटे बाद भी जानकारी उसके परिजनों तक नहीं पहुंच सकी। गुरुवार देर शाम तक संदीप का शव परिजनों के इंतजार में मॉर्चुरी में ही पड़ा रहा।

गाड़ी में नंबर प्लेट नहीं है, लेकिन चेसिस नंबर के आधार पर आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। परिवार वालों की मांगों को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाया जा रहा है।

-जया शांडिल्य, एसीपी, महानगर