- हिस्ट्रीशीटर बेटे से मां भी बेहद खफा, आंखों में आसू और जुबां पर गुस्सा

LUCKNOWजब पकड़े मिलै, उसे तो जान से खत्म कर दिया जाए। आज हई मिल जाये तो तुरंतै खत्म कर दिया जाए। जेल मा जाए तो वहां से निकालकर खत्म कर दिया जाए। यह गुस्सा उस मां सरला दुबे का है, जिसके बेटे विकास दुबे पर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोप है। आंखों में आंसू और उनके कपकपाते होंठों से निकला हर शब्द बेटे के खिलाफ था। उन्होंने साफ कहाकि एक नंगा होय तो घर का सत्यानाश हुई जावत है

तीन महीने से नहीं मिला

सरला दुबे ने बताया कि विकास होली के बाद से लखनऊ नहीं आवा है। जब से जेल से छूटा है, आपन बच्चों के साथ गांव मा रह रहा है। ओखा फोन तक नहीं आवत है।

छुटका आठ से अलग

उन्होंने बताया कि छुटका बिटवा दीप प्रकाश बड़का से करीब आठ साल से अलग रह रहा है। बड़का के तेज होवन के कारण छुटका सिर्फ खेतन से गल्ला पानी ले आवत है। ऐखे सिवा और कौना लेना देना नहीं है। बड़कवा छोटी बहु और बेटे का भी कभुन हाल नहीं लेवत है।

का बताएं, किस्मत मा आग लागी राहे

सरला ने बताया कि हमार तो किस्मत में आग लागी रहे। दोनों बिटवा को पढ़ावन में सारी जिंदगी लगाय दिहा और ओखा नतीजा यो राहे। ओखा नाम एयरफोर्स में भी आवो, नेवी में भी आवो लेकिन ऐखे मारे न भेजा कि वो दूर चली जहिए। बहुरिया तो दस साल से प्रधान है। उसे तो अब्दुल कलाम ने दिल्ली बुलाकर ईनाम दिया राहे।

काहे करोय, केखे पीछे करोय

कपकपाती आवाज में सरला ने बताया कि अच्छा खास वो पुल बनवा राहे थे, सड़कें बनवाये राहे थे तो फिर काहे करोय ये सब, केखे पीछे करोय। अब तो 50-52 साल उम्र रहाय, एकन बार सोचन तो चाहिये।

गनर नहीं मिले

जब से संतोष शुक्ला मरे, तब से कौनो गनर नहीं मिला। पहले घर मा दुई-दुई गनर राहत राहें। संतोष को लागत राहे कि जब तक विकास है, वो विधायक नहीं बन पावेगा। इस वजह से विकास पर कई बार हमलेऊ भी होए। विकास दुई बार जिला पंचायती लड़ा और जीता।