- मेयो अस्पताल प्रबंधन ने तीमारदारों को सुनाया फरमान

- फरमान सुन तीमारदारों में मचा हड़कंप

- केजीएमयू ने पहुचाएं जंबो सिलेंडर

फैक्ट फाइल

- 290 मरीज मरीज बलरामपुर कोविड हॉस्पिटल में

- 06 कंपनियां डेली करती हैं ऑक्सीजन सप्लाई

- 06 कंपनियां करती हैं राजधानी में उत्पादन

- 5 हजार 40 सिलिंडर का हो रहा डेली उत्पादन

- 08 हजार से ज्यादा की हो रही है डेली खपत

LUCKNOW: सरकार के तमाम दावों के बावजूद राजधानी में ऑक्सीजन की किल्लत लगातार बनी हुई है, जिसकी वजह से ऑक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती मरीजों की जान पर बन आई है। आलम यह है कि राजधानी के कई बड़े कोविड अस्पतालों ने अपने यहां ऑक्सीजन न होने की नोटिस चिपका कर मरीजों को कहीं और ले जाने के लिए बोल दिया गया, जिसमें टीएस मिश्रा और मेयो और चरक अस्पताल शामिल हैं। वहीं बलरामपुर और लोकबंधु कोविड अस्पताल में भी ऑक्सीजन की भारी किल्लत पैदा हो गई है। कई अस्पतालों ने भर्ती मरीजों को बाहर निकालना शुरू कर दिया है। ज्यादातर अस्पतालों में एक घंटे से लेकर 24 घंटे तक का ही आक्सीजन शेष रह गया है। इससे यहां भर्ती करीब 10 हजार मरीजों की जान खतरे में पड़ गई है।

टीएस मिश्रा हॉस्पिटल के 50 मरीज केजीएमयू शिफ्ट

ऑक्सीजन की किल्लत होने के कारण टीएस मिश्रा अस्पताल से मंगलवार रात करीब 50 मरीजों को केजीएमयू में शिफ्ट कराया गया। वहीं मेयो अस्पताल प्रबंधन ने बुधवार दोपहर अपने यहां भर्ती कोविड मरीजों के तीमारदारों को फोन कर मरीजों को कहीं और ले जाने के लिए बोल दिया, जिसके लिए महज 20 मिनट का समय दिया गया। अचानक पहुंची कॉल से तीमारदारों में हड़कंप मच गया। किसी तरह भागते दौड़ते तीमारदार अस्पताल पहुंचे। इस दौरान अपनों की चिंता की वजह से लोग रोने लगे। हालांकि बाद में केजीएमयू द्वारा दोनों संस्थानों में जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर भेजे गये। तब जाकर तीमारदारों ने राहत की सांस ली। इस दौरान कई मरीजों को अपने यहां भर्ती भी किया।

फोटो है

मेयो हॉस्पिटल ने नोटिस चिपकाया

राजधानी के गोमतीनगर स्थित मेयो हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों का इलाज होता है। अस्पताल प्रबंधन ने गेट के बाहर नोटिस लगा दी कि सीएम और केंद्र सरकार को कई बार ऑक्सीजन की कमी की समस्या बताने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में भर्ती मरीजों का इलाज संभव नहीं हो पा रहा है। इसी को देखते हुए सभी तीमारदार अपने मरीजों को हायर सेंटर ले जायें। अस्पताल का कहना है कि प्रशासन द्वारा उनको रोजाना 400 सिलेंडर देने का वादा किया गया था, लेकिन इसके बावजूद सिलेंडर की आपूिर्त नहीं की जा रही है। ऐसे में ऑक्सीजन की कमी के कारण ऐसी स्थिति बन गई है। हम लोगों की कोई सुनने वाला नहीं है।

केजीएमयू ने पहुंचाई मदद

ऑक्सीजन की किल्लत की समस्या को देखते हुए केजीएमयू की ओर से तत्काल मदद पहुंचाई गई। प्रवक्ता डॉ। सुधीर सिंह ने बताया कि 20 अप्रैल को टीएस मिश्रा और मेयो कॉलेज में अचानक ऑक्सीजन का संकट होने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद तत्काल टीएस मिश्रा कॉलेज को 70 जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर दिए गए। वहीं मेयो कॉलेज को भी 10 जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति की गई है। इसके अलावा मरीजों की स्थिति की विकटता को देखते हुए दोनों संस्थानों के मरीजों को रोगियों को केजीएमयू के कोविड अस्पताल में शिफ्ट कर उपचार भी दिया गया है। शिफ्ट हुए रोगियों में 8 रोगियों को वेंटिलेटर की आवश्यकता थी। इन समस्त रोगियों का अतिशीघ्र उपचार सुनिश्चित किया गया है।

बलरामपुर में भी ऑक्सीजन की कमी

बलरामपुर कोविड अस्पताल में भी कुछ घंटों की ऑक्सीजन सप्लाई रह गई है। बलरामपुर अस्पताल में इस समय करीब 290 कोविड मरीज भर्ती हैं। अस्पताल प्रशासन ऑक्सीजन के संकट को लेकर सीएमओ और डीएम को पिछले कई दिनों से लगातार मेल और फोन के माध्यम से जानकारी दे चुका है, लेकिन इसके बावजूद अबतक कोई भी कार्रवाई बड़े अधिकारियों द्वारा नहीं की गई है जबकि जिला प्रशासन का कहना है कि सभी जगहों पर ऑक्सीजन की व्यवस्था कराई जा रही है। वहीं बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ। आरके गुप्ता ने बताया कि ऑक्सीजन का स्टॉक जल्द खत्म होने वाला है। अस्पताल के निदेशक डॉ। राजीव लोचन का कहना है कि अस्पताल में अभी करीब 8 घंटे की ऑक्सीजन सप्लाई बची हुई है। उच्च अधिकारियों को लगातार जानकारी दी जा रही है।

जिला प्रशासन फेल

राजधानी में जिला प्रशासन द्वारा लगातार निजी अस्पतालों को कोविड अस्पताल बनाया जा रहा है। उनको मरीज भर्ती करने के लिए कहा जा रहा है। साथ ही ऑक्सीजन की सप्लाई भी की जायेगी, लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडर पर्याप्त संख्या में जिला प्रशासन पहुंचाने में लगातार नाकाम साबित हो रहा है। आलम यह है कि बीते पांच दिनों से राजधानी में ऑक्सीजन खत्म हो चुका है, जिसकी वजह से आसपास के इलाकों से ऑक्सीजन की आपूर्ति कराई जा रही है, लेकिन तमाम दावों के बावजूद अस्पतालों को ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल पा रहे हैं, जिसका खामियाजा गंभीर मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।

जरूरत के अनुसार हो रही सप्लाई

राजधानी में कोविड प्रबंधन अधिकारी बनाये गये डॉ। जीएस वाजपेयी ने बताया कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी चल रही है, उनको जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है। उनका रिजर्व कोटा जो है वो कम हो गया है क्योंकि सप्लाई और रिजर्व कोटा में बड़ा गैप हो गया है। हम लोग लगातार जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन सप्लाई कर रहे है क्योंकि कोरोना के इलाज में ऑक्सीजन की बहुत जरूरत पड़ रही है। डिमांड के अनुसार सप्लाई करने की पूरी कोशिश की जा रही है। किसी भी मरीज को दिक्कत न हो यह देखा जा रहा है।

कोट

हमारे पास 24 घंटे की ऑक्सीजन बची है। डीआरडीओ से 40 सिलिंडर आ गए हैं। इसी तरह 30 सिलेंडर दूसरी जगह से मिले हैं।

- डॉ। राजीव लोचन, डायरेक्टर, बलरामपुर हॉस्पिटल