लखनऊ (ब्यूरो)। पूर्वोत्तर रेलवे की तरफ से लखनऊ जंक्शन के पास हॉट एक्सल व हॉट बॉक्स डिटेक्टर लगाने तैयारी चल रही है। इसके लगने के बाद से बोगियों के पहियों में लगने वाली आग पर अंकुश लगाया जा सकेगा। इसके पहले नॉर्थ सेंट्रल रेलवे ने प्रयागराज और कानपुर स्टेशन के पास इस सिस्टम को लगाया था। यहां पर यह डिटेक्टर सफल होने के बाद अब इसे लखनऊ जंक्शन में लगाया जाएगा। पूर्वोतर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि हॉट एक्सल व हॉट बॉक्स डिटेक्टर का ट्रायल सफल रहा है। अब इसको लखनऊ जंक्शन समेत अन्य स्टेशनों पर भी लगाने की तैयारी है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इस व्यवस्था को शुरू कर दिया जाएगा।

टेम्प्रेचर को कैच करने में सक्षम

हाई स्पीड ट्रेनों के बढऩे की वजह से हॉट एक्सल व हॉट बॉक्स डिटेक्टर एक जरूरी टेक्नोलॉजी हो गई है। इसको रेलवे के सभी जोन यूज कर रहे हैं। यह मशीन 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार पर क्रास होने वाली गाड़ी के एक्सल व व्हील पर फोकस कर टेम्प्रेचर को कैच करने में सक्षम हैं। इन डिटेक्टर के लगने के बाद ट्रेनों में सुरक्षा और बेहतर हो जाएगी। इसके अलावा मार्ग में अचानक हॉट एक्सल की वजह से हो रहे हादसे और लेट लतीफी को भी रोका जा सकेगा। जिससे पैसेंजर्स को भी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

मोबाइल नंबरों पर मिलेगा अलर्ट

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, यह डिटेक्टर दो-दो प्रॉक्सीमीटर सेंसर व इंफ्रा रेड सेंसर और एचबीडी बॉक्स को मिलाकर बनाया गया है। जिसमें प्रॉक्सीमीटर सेंसर ट्रेनों की स्पीड, वह किस दिशा में जा रही हैं और कितना लोड है, इसकी डिटेल रिकॉर्ड करता है। वहीं, इंफ्रा सेंसर एक्सल और पहिये पर फोकस करते हुए टेम्प्रेचर का डेटा रिकॉर्ड करता है। ये दोनों सेंसर इन सभी इंडीकेशन को हॉट एक्सल व हॉट बॉक्स को भेजते हैं। इनमें किसी भी तरह की कमी मिलने पर डिटेक्टर के सॉफ्टवेयर में दर्ज मोबाइल नंबरों पर अलर्ट पहुंचता है। जिसकी सूचना रेल अधिकारियों को मिल जाती है। इस सॉफ्टवेयर में कई नंबर दर्ज किये जा सकते हैं।