लखनऊ (ब्यूरो) । निगम प्रशासन की ओर से किरायेदारी वाले मकानों को सामने लाने के लिए सभी आठ जोन में सर्वे कराया जाएगा। इसके लिए टीमों का गठन किया जाएगा। इसके साथ ही जीआईएस सर्वे के दौरान भी उक्त तथ्य पर विशेष फोकस किया जाएगा।

नोट की जाएगी पूरी जानकारी
निगम प्रशासन की ओर से जो योजना बनाई जा रही है, उससे साफ है कि निगम की टीमें घर-घर जाकर भवन स्वामियों की पूरी डिटेल नोट करेंगी। इसके साथ ही यह भी पता लगाएंगी कि उस मकान में किरायेदार तो नहीं हैैं। ऐसे मकानों की फोटो भी खीची जाएंगी, जिससे निगम के पास ऐसे मकानों का रिकॉर्ड उपलब्ध हो सके।

ये तीन सवाल पूछे जाएंगे
अगर किसी मकान में किरायेदार की बात सामने आती है तो निगम टीमों की ओर से चार बिंदुओं पर रिपोर्ट बनवाई जाएगी, जो इस प्रकार है
1-किरायेदार का नाम
2-कब से किरायेदार रह रहा
3-कितना किराया लिया जा रहा
4-कब से मकान को किराये पर दे रहे

फिर होगा टैक्स असेसमेंट
दरअसल में, भवन स्वामियों की ओर से किरायेदारों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जाती है। जबकि यह स्पष्ट है कि अगर मकान में किरायेदार रखा जाता है तो उसके आधार पर टैक्स असेसमेंट किया जाता है और उसी आधार पर भवन स्वामी को हाउस टैक्स जमा करना होता है।

निगम को होता है नुकसान
भवन स्वामियों की ओर से टैक्स में खेल किए जाने की वजह से निगम प्रशासन को नुकसान उठाना पड़ता है। जब पूरे शहर में सर्वे हो जाएगा, तो यह आंकड़ा बिल्कुल साफ हो जाएगा कि कितने ऐसे मकान हैैं, जिनमें किरायेदार रहते हैैं। इसके आधार पर टैक्स वसूली का प्रतिशत बढ़ेगा और निगम को फायदा होगा।

निगम की अपील
निगम प्रशासन की ओर से अपील की गई है कि अगर कोई भवन स्वामी अपने यहां किरायेदार रखता है तो इसकी जानकारी निगम के जोनल कार्यालय में जरूर दें। जिससे भविष्य में भवन स्वामियों को समस्याओं का सामना न करना पड़े।

आंकड़ों की क्रॉस चेकिंग
निगम प्रशासन की ओर से समय-समय पर आंकड़ों की क्रॉस चेकिंग भी कराई जाएगी। जिससे यह आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि कोई भवन स्वामी खेल कर रहा है या नहीं।