लखनऊ (ब्यूरो)। गर्भवती महिलाओं को उनके घर के निकट अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा उपलब्ध कराने में किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवसों में पंजीकृत गर्भवती महिलाओं की अल्ट्रासाउंड जांच करायी जाये। इसके लिए निजी डायग्नोस्टिक सेंटर से करार करें, ताकि पंजीकृत गर्भवती महिलाओं की ई-वाउचर के माध्यम से अल्ट्रासाउंड जांच हो सके। ये निर्देश गुरुवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सभी जिलों के सीएमओ को दिये।

चल रही भर्ती प्रक्रिया

यूपी में रेडियोलॉजी विशेषज्ञों की संख्या बढ़ाने की दिशा में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। नये डॉक्टरों की भर्ती की जा रही है। नेशनल हेल्थ मिशन के तहत भी डॉक्टरों की तैनाती की प्रक्रिया चल रही है। डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। रोगियों की भीड़ चिकित्सालयों में लगातार बढ़ रही है। इसकी बड़ी वजह डॉक्टर व उपचार की व्यवस्थाओं पर बढ़ता भरोसा है।

पीएमएसएमए योजना बनेगी वरदान

ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के बाबत लगातार कदम उठाये जा रहे हैं। गर्भवती महिलाओं को मुफ्त अल्ट्रसाउंड जांच के लिए निजी सेंटरों से हाथ मिलाया जा रहा है। पीएमएसएमए दिवसों में पंजीकृत गर्भवती महिलाओं का अस्पताल या ई-वाउचर के जरिए अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा दी जायेगी। डिप्टी सीएम ने कहा कि समय पर मातृ एवं शिशु मृत्युदर के आंकड़ों में कमी में यह योजना वरदान साबित होगी। सभी जिलों के सीएमओ जल्द से जल्द अधिक से अधिक डायग्नोस्टिक सेंटरों से मानक के अनुसार करार करें। एनएबीएल मानकों को पूरा करने वाले सेंटरों से प्राथमिकता के आधार पर समझौता करें। अल्ट्रासाउंड सेंटर के चयन में देरी न करें। मानकों का ध्यान जरूर रखें। अधिकारी समय-समय पर सेंटरों का निरीक्षण करें। गर्भवती महिलाओं के बैठने आदि की व्यवस्था पुख्ता हो।