- मालगाडि़यों में बिना बेसिक ट्रेनिंग के तैनात किए गए लोको पायलट

LUCKNOW:

कोरोना काल में रेलवे की प्राथमिकता मालगाडि़यां दौड़ाकर राजस्व की प्राप्ति करना है। वहीं मालगाडि़यों के लिए गार्ड की भर्ती ही रेलवे ने रोक दी है। ऐसे में उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में मालगाड़ी के गार्डो की कमी बढ़ती जा रही है। वहीं मालगाडि़यों में गार्ड की जिम्मेदारी लोको पायलटों को दे दी है, वह भी बिना किसी ट्रेनिंग के।

250 गार्डो की कमी

रेलवे बोर्ड का आदेश है कि संरक्षा कोटि के कर्मचारियों से वही काम लिया जा सकता है, जिसका उनको प्रशिक्षण दिया गया है। गार्ड के लिए ट्रांसपोर्टेशन एक और दो श्रेणी का बेसिक कोर्स करना जरूरी है। इस बेसिक कोर्स में गार्ड को संरक्षा से जुड़े नियमों का पालन करने का प्रशिक्षण दिया जाता है। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की सभी लॉबी में करीब 250 गार्डो की कमी है। रेलवे के लिए अपनी मालगाडि़यों को दौड़ाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में रेलवे बोर्ड ने गुड्स गार्ड की कमी होने पर रेल मंडल में तैनात लोको पायलटों को उनकी जगह तैनात करने का आदेश दिया है।

कमी का एक कारण यह भी

उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के करीब 30 गुड्स गार्ड अपने मूल काम की जगह दफ्तरों में सेवाएं दे रहे हैं, जबकि कई गार्ड मेडिकल रूप से अनफिट होने के कारण अब कार्यालयों में तैनात हो गए हैं।

हो रहा विरोध

उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन के कार्यकारी मंडल अध्यक्ष आरपी राव का कहना है कि रेलवे बोर्ड नई भर्ती जल्द करके गार्ड की कमी पूरी कर सकता है। मृतक आश्रित कोटे से आ रहे युवाओं को भी इसकी जगह तैनाती दी जा सकती है लेकिन जिन लोको पायलटों ने कभी गार्ड की ट्रे¨नग ही नहीं ली, उनसे गार्ड के रूप में काम लिया जा रहा है।