लखनऊ (ब्यूरो)। वर्तमान समय में नगर निगम के सभी आठ जोन कार्यालयों से रोड कटिंग संबंधी कंपलेन सामने आती रहती हैैं। निजी कंपनियों की ओर से कराई जाने वाली रोड कटिंग को तो पकड़ लिया जाता है लेकिन ऐसे लोगों पर शिकंजा कसना मुश्किल हो जाता है, जो चोरी छिपे ढंग से अपने फायदे के लिए रोड कटिंग कराते हैैं। रोड कटिंग होने से जहां अन्य लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है, वहीं दूसरी तरफ निगम को राजस्व संबंधी नुकसान होता है।

निगम बनवा रहा नई रोड
इस समय नगर निगम की ओर से लगभग पूरे शहर में नई रोड्स बनवाई जा रही हैैं साथ ही पुरानी रोड्स का कायाकल्प किया जा रहा है। ऐसे में निगम प्रशासन को चिंता है कि कहीं फिर से रोड्स को नुकसान न पहुंचाया जाए। एक तरफ तो जोनवार इंजीनियरों की जिम्मेदारी तय की गई है, वहीं दूसरी तरफ रोड कटिंग कराने वाले भवन स्वामियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई किए जाने संबंधी निर्णय लिया गया है।

निगम से लेनी होगी परमीशन
निगम प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि रोड कटिंग से पहले हर किसी को नगर निगम से परमीशन लेनी होगी। बिना परमीशन के रोड कटिंग कराने वालों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

इसलिए सबसे अधिक नुकसान
भवन स्वामियों की ओर से ज्यादार रोड कटिंग का कार्य पानी का कनेक्शन लेने के लिए कराया जाता है। बिना निगम की अनुमति के प्राइवेट कर्मियों के माध्यम से यह कार्य कराया जाता है। जिसकी वजह से रोड को अधिक नुकसान पहुंचता है। अगर यही कार्य संबंधित विभाग के कर्मचारी करेंगे तो निश्चित रूप से भवन स्वामी को आसानी से पानी का कनेक्शन भी मिल जाएगा और रोड को भी कम से कम नुकसान पहुंचेगा।

38 से अधिक स्थानों पर नई रोड्स
निगम की ओर से वर्तमान समय में गोमती नगर समेत 38 स्थानों पर नई रोड का काम कराया जा रहा है। इसके लिए बजट भी पास हो चुका है। जिससे साफ है कि जल्द ही जनता को बड़ी राहत मिलेगी।


वर्जन
रोड नई हो या पुरानी, अगर किसी ने भी नगर निगम की परमीशन लिए बिना रोड कटिंग कराई तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। रोड को हुए नुकसान के आधार पर भरपाई राशि जमा कराई जाएगी।
संयुक्ता भाटिया, मेयर