- गेम डाउनलोड होते ही मोबाइल का डाटा हैक हो जाता है

- गेम खेलते समय ऑप्शन ओके करते हुई अकाउंट हो जाता है खाली

LUCKNOW: साइबर फ्रॉड अब ठगी के लिए बच्चों के गेमिंग एप को हथियार बना रहे हैं। इसके लिए कोई ओटीपी नहीं पूछा जा रहा। बच्चे मोबाइल हाथ में लिये होते हैं और उनकेएक क्लिक करते ही अकाउंट से रकम उड़ाई जा रही है। साइबर फ्रॉड बच्चों को गेम खेलने के लिए गेमिंग एप की आ‌र्म्स, ड्रेस, शील्ड, हैक्स, डायमंड (गेम में ही मौजूद वर्चुअल करेंसी) देने और लेवल बढ़ाने के नाम पर कार्ड की डिटेल्स मांगते हैं। कार्ड के नंबर और सीवीवी लेकर खातों में सेंध लगाते हैं।

गेरेना फ्री फायर एप के जरिए ठगी

इसके अलावा संबंधित गेम में गूगल प्ले सर्विस के जरिए बिना किसी कार्ड की डिटेल्स या ओटीपी के ही रुपये उड़ा रहे हैं। ठगी के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले इस गेमिंग एप का नाम गेरेना फ्री फायर एप है। इस एप में कई ऐसे सिस्टम हैं, जिनके इस्तेमाल से आसानी से खातों में सेंध लगाए जा रहे हैं। यह गेम पांच से 15 वर्ष के बच्चों के बीच लोकप्रिय है। इस एप के जरिए ठगी की अलग-अलग शिकायतें साइबर सेल में आ रही हैं।

ऑनलाइन पेमेंट वाले परिजन रहें सावधान

साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक, साइबर फ्रॉड करने वाले ऐसे एप तैयार करते हैं कि जिससे आपके मोबाइल का डाटा गेम डाउनलोड होते ही हैक हो जाता है। इस गेम एप में सामने आया है कि इसके डाउनलोड करते ही गूगल प्ले बिलिंग सर्विस सिस्टम काम करने लगता है। मोबाइल से पहले किए गए ऑनलाइन पेमेंट के माध्यम से खुद लिंक हो जाता है। इससे साइबर फ्रॉड के लिंक पर आते ही खाते से रुपए उड़ा लिए जाते हैं।

गेम के नाम पर ऐसे होती है ठगी

मोबाइल गेम को लेकर बच्चों से लेकर यूथ तक ऐसे लती हो रहे हैं कि वह खेलते समय भूल जाते हैं कि वह किस ऑप्शन को ओके कर रहे हैं। इसका फायदा साइबर फ्रॉड करने वाले उठा रहे हैं। गेम के चक्कर में अक्सर बच्चे घर के बैंक खातों की डिटेल, एटीएम व चेक की फोटो तक गेम के अगले लेवल पर जाने के लिए चुपके से भर देते हैं, जिसका फायदा साइबर ठग उठा रहे हैं।

ऐसे की जाती है ठगी

गेरेना फ्री फायर एप पबजी जैसा ही वीडियो गेम एप है। इसमें कई खिलाड़ी एक ही प्लेटफार्म पर खेल सकते हैं। एक दूसरे को अंतिम दौर तक फायर आ‌र्म्स का प्रयोग कर खत्म करने की कोशिश करनी होती है, जो अंतिम में बचता है वही विजेता होता है। इसके लिए एप में ही वर्चुअल रूप से हैक्स, आ‌र्म्स, ड्रेस, शील्ड, डायमंड खरीदा जाता है। इसका भुगतान पेटीएम, ऑनलाइन बैंकिंग, यूपीआई, गूगल पे सहित अन्य प्लेटफॉर्म के जरिए किया जाता है। इसी पेमेंट के नाम पर साइबर फ्रॉड ठगी कर रहे हैं।

इन बातों का रखें ख्याल

- परिजन बच्चों के ऑनलाइन क्लास के लिए मोबाइल फोन देते वक्त उनकी गतिविधियों पर नजर रखें

- बच्चों को ऐसा मोबाइल दें, जिनसे ई-मेल आईडी, बैंक खाते या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन एप डाउनलोड न हो

- गूगल प्ले बिलिंग सर्विस एलाउ किया गया हो तो उसे डिसेबल कर दें

- मोबाइल में ऑनलाइन पेमेंट एप को हमेशा लॉक रखें।

- खाते से कोई भी गलत निकासी होने पर तत्काल साइबर क्त्राइम सेल से संपर्क करें

कोट

बच्चे अक्सर मोबाइल पर नये-नये गेम एप डाउनलोड करते हैं। इसी का फायदा उठाकर साइबर जालसाज वारदात को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे में पैरेंट्स को काफी सर्तक रहने की जरूरत है और अकाउंट से रकम गायब होते ही साइबर सेल से संपर्क करें।

विवेक रंजन, एसीपी, साइबर सेल