- स्वामी विवेकानंद को आदर्श मान कई युवा समाज में बदलाव लाने का कर रहे काम

LUCKNOW:

समाज को नई राह दिखाने के लिए हमेशा समाज से ही युवा निकल कर सामने आते हैं। ऐसे युवा अपने सेवा भाव से समाज में अपनी पहचान भी बना लेते हैं और दूसरों के लिए मिसाल भी बन जाते हैं। स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि आत्मविश्वास और साहस के बल पर इंसान असंभव को भी संभव करके दिखा देगा। नेशनल यूथ डे पर आज हम आपको स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरणा लेकर समाज को बदलने वाले युवाओं को बताने जा रहे हैं

आयुष को लेकर किया काफी काम

कोरोना काल में मैनपॉवर की कमी को दूर करना बड़ी चुनौती थी। उसे दूर करने का काम शुरू किया। आयुष विभाग में नियुक्ति के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग का काम किया। वहीं आयुष कवच एप बनाया। जिससे बड़े स्तर पर लोगों को फायदा मिला। आयुष को जोड़ते हुए इम्युनिटी को लेकर काम किया। सभी कर्मचारियों की ट्रेनिंग कराने का काम किया गया। जिसके तहत 15-20 हजार लोगों को एक हफ्ते के अंदर ट्रेनिंग कराई गई। जो बड़ी बात थी। इसके लिए भारत सरकार से बेहतर काम करने के लिए सम्मान मिला है। इसके अलावा 4 जनवरी को आयुष टेली मेडिसिन शुरु किया। जिसका बड़े स्तर पर लोग लाभ उठा रहे है।

राजकमल, एमडी आयुष मिशन

सभी को लेकर चलें साथ

राजधानी में 2020 में बतौर नगर आयुक्त नियुक्ति मिली। यहां सफाई से लेकर वेंडिग जोन समेत कई समस्याएं थीं। शहर में स्मार्ट सिटी से जुड़े प्रोजेक्ट्स को भी गति देनी थी। ऐसे में विभाग के सभी लोगों का सहयोग लेते हुए बेहतर प्लानिंग के साथ लक्ष्य हासिल किया। फील्ड में खुद उतरकर सफाई समेत सभी कार्यो को अपने स्तर से देखा और पूरा कराया। जिसमें प्रमुख रूप से म्यूनिसिपल बांड, डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन आदि व्यवस्था को बेहतर बनाने का काम किया। जिसके लिए इलेट्स अवा‌र्ड्स ऑफ डिजिटल एक्सीलेंसी सम्मान मिला। वहीं प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रर्दशन के लिए भी सम्मानित किया गया.मेरा यहीं मानना है कि जब आप सभी को साथ लेकर चलते है तो सभी काम बेहतर तरीके से पूरे होते है।

अजय कुमार द्विवेदी, नगर आयुक्त

ट्रैफिक व्यवस्था को कर रहीं फिट

लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में तैनाती के बाद मुझे ट्रैफिक की जिम्मेदारी मिली। ट्रैफिक को सुधारने के साथ उसे पूरे प्रदेश में मिसाल बनाने के लिए सबसे पहले जाम, ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के कारणों पर सर्वे किया। स्मार्ट ट्रैफिक के लिए चौराहों पर दौड़ने वाले ट्रैफिक को सिग्नल के सहारे चलाने की प्लानिंग की, जो काफी सफल भी हुई है। अब सभी ट्रैफिक सिग्नल को आईटीएमएस के कंट्रोल रूम से संचालित करने की प्लानिंग है। इससे कंट्रोल रूम से ही ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों का चालान किया जा सकेगा। शहर के बार्डर से जुड़ी छह प्रमुख रोड पर लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए प्लानिंग की जा रही है। जिन गाडि़यों को पुलिस कमिश्नरेट एरिया में इंट्री नहीं करनी है उन्हें बाहरी रास्तों से निकाल दिया जाने की प्लानिंग है।

डॉ। ख्याति गर्ग, डीसीपी

कॉलेज टाइम से सेवा कार्य में लगे

कॉलेज में एनएसएस में था तभी से पर्यावरण, मतदाता जागरुकता कार्यक्रम और बेटी बचाओ व बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत जागरुकता का काम शुरू किया। इसके बाद ट्रिपल पीजी इन सोशल वर्क, लॉ एंड जर्नलिज्म किया। वर्ष 2013 में राष्ट्रपति से इंदिरा गांधी पुरस्कार मिला। इसके बाद पूरी तरह इस काम में लग गया। स्लम के बच्चों को पढ़ने के साथ जल संरक्षण और गोमती सफाई के लिए काम किया। वर्ष 2015 में मुझे राष्ट्रीय युवा अवार्ड भी दिया गया। बाल संरक्षण, थानों में जाकर पुलिस को बच्चों और महिलाओं को लेकर संवेदनशील होने के बारे में जागरुक करने का काम भी मैं कर रहा हूं। इस समय नमामी गंगे प्रोजेक्ट में युवाओं के सहभागिता के लिए काम कर रहा हूं।

अजीत कुशवाहा, राज्य परियोजना सहायक नमामी गंगे प्रोजेक्ट

तैयार करें नए समाजसेवी

एनएसएस के दौरान डॉ। फरजाना बुतूल से समाजसेवा की प्रेरणा मिली और पर्यावरण संरक्षण, रक्तदान और युवाओं के विकास के लिए कार्यक्रमों का आयोजन कराया। एक्शनएड और यूनिसेफ संग मिलकर स्कूल ड्राप आउट बच्चों, बाल मजदूरी उन्मूलन एवं विद्यालय प्रबंधन समितियों को जागरुक एवं सशक्त करने का काम किया। 2020 में अनारा फाउंडेशन बनाई और ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को लघु उद्योग और स्कूली छात्राओं को कौशल विकास की ट्रेनिंग देने का काम किया। मेरा मानना है कि समाजकार्य से दूसरों को इतना सशक्त बनाएं ताकि वे भी दूसरों की मदद कर सकें।

अंकित मौर्य, सोशल वर्कर एंड स्टूडेंट