- आंखों में जलन हो या दर्द तो खुद ना बनें डॉक्टर

- पोस्ट कॉविड पेशेंट रखें अपनी आंखों का खास ध्यान

LUCKNOW: हार्ट, लंग्स और किडनी के बाद कोरोना का असर अब आंखों पर भी होने लगा है। आंखों में जलन, दर्द, पानी आना या लाल होने पर अनदेखी करना खतरनाक साबित हो सकता है। कंजेक्टिवाइटिस भी करोना पॉजिटिव होने का लक्षण हो सकता है। दरअसल बुखार, खांसी, जुकाम और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याओं के साथ कोरोना का नया स्ट्रेन आंखों के लिए घातक साबित हो रहा है। पोस्ट कोरोना पेशेंट की आंखों में धुंधलेपन या सूजन की शिकायत आ रही हो तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। यहां तक की आंखों में किसी प्रकार की दिक्कत हो तो खुद इलाज करना आत्मघाती साबित हो सकता है। कोरोना से ठीक हो जाने के बाद मरीज म्यूकरमायकोसिस की चपेट में आ रहे हैं क्योंकि इस बीमारी के दौरान उनकी इम्यूनिटी काफी कमजोर हो जाती है और म्यूकरमायकोसिस को इसी मौके की तलाश होती है।

आंखों में कोरोना के लक्षण

- आंखें लाल होना

- दर्द होना

- जलन या सूजन होना

- आंखों से पानी आना

- धुंधलापन

- कमजोर नजर

ऐसे करें बचाव

- आंखों को छूने से बचें

- आंखों को छूने में टिश्यू या कपड़े का प्रयोग करें

- चश्मा का प्रयोग करें

इन्हे हैैं सबसे अधिक खतरा

- कोरोना के गंभीर मरीजों को

- शुगर के पेशेंट रहे मरीजों को

- कमजोर इम्यूनिटी वालों को

इसका रखें ध्यान

- शुगर के पेशेंट कार्बोहाइड्रेट और फैट की मात्रा कम लें

- डाइट में फाइबर व प्रोटीन की मात्रा ज्यादा लें

- स्ट्रॉयड का हाई डोज नहीं लेना चाहिए

- अगर आप घर में इलाज करा रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह के बिना दवाएं न लें

मॉडरेट पेशेंट रहें सावधान

यदि कोरोना मॉडरेट लेवल का कोई पेशेंट रहा है तो उसे विशेष ध्यान रखना चाहिए। खासकर शुगर के मरीज रहे हैं तो उनकी आंख में किसी प्रकार की दिक्कत होने पर डॉक्टर से मिलना चाहिए। कई बार कोरोना ठीक हो जाने के बाद भी देखा जा रहा है कि दो तीन हफ्तों तक आंखों में संक्रमण का खतरा बना रहता है। ऐसे में आंख में कोई समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें ताकि संक्रमण फैलने से उसे उसी स्तर पर रोक दिया जाए।

चार हफ्ते तक रहें अलर्ट

डॉक्टरों का कहना है कि बरसात के दिनों में फंगल इंफेक्शन से आंखें लाल हो जाती हैं वह भी एक प्रकार का फंगस इंफेक्शन ही है। इसमें सावधान रहने की जरूरत है। मास्क और दूरी रखने के साथ बार बार आंखों को छूना नहीं चाहिए। यदि कोई कोरोना से ठीक हो चुका है तो उसे कम से कम 3 से 4 हफ्ते तक अपनी आंखों को लेकर सतर्क रहना चाहिए।

कोट

बिना सलाह यूज किया स्ट्रॉयड

दुनिया के दूसरे देशों में ब्लैक फंगस नहीं हुआ सिर्फ भारत में ही हुआ। इसका कारण लोगों की मनमानी है। लोगों ने खुद ही दवाएं खरीद कर खाना शुरू कर दिया। बिना डॉक्टर की सलाह के स्ट्रॉयड का मनमाना प्रयोग किया। माइल्ड सिम्टम्स के बाद भी इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन को स्टोर करना और उसका प्रयोग शुरू कर दिया। इसके साथ ही बहुत सारे लोगों ने यूट्यूब और सोशल मीडिया पर प्रचारित दवाओं का प्रयोग करना शुरू कर दिया जोकि काफी खतरनाक साबित हुआ।

डॉ। संजय कुमार, नेत्र रोग विशेषज्ञ, बलरामपुर अस्पताल

घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि सतर्क रहना चाहिए। पोस्ट कोविड पेशेंट को अपने हार्ट, लंग्स के साथ ही आंखों को लेकर भी सतर्क रहना चाहिए। किसी प्रकार की दिक्कत आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

डॉ। संदीप साहू, पीजीआई