लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए की ओर से एक बार फिर पूरे शहर में चरणबद्ध तरीके से अवैध निर्माणों का सर्वे कराया गया है। जिसमें यह बात स्पष्ट हो गई है कि करीब 171 ऐसे निर्माणाधीन आवासीय और कॉमर्शियल प्रोजेक्ट्स हैैं, जो नियमों को ताक पर रखकर बने हैैं। अगर इनका निर्माण पूरा हो जाता है तो आने वाले वक्त में ये लोगों की जिंदगी के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैैं। अब एलडीए की ओर से इन सभी अवैध निर्माणों को जमींदोज करने की तैयारी की जा रही है। अगले एक से दो माह के अंदर सभी अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया जाएगा। पढ़ें अभिषेक मिश्र की रिपोर्ट

केस एक

गोमतीनगर विस्तार में एक तीन मंजिला बिल्डिंग का निर्माण हो रहा था। एलडीए की जांच पड़ताल में यह जानकारी सामने आई कि बिल्डिंग का नक्शा तक पास नहीं है। निर्माणकर्ता को नक्शा इत्यादि दिखाने का मौका दिया गया, लेकिन उसने नक्शा नहीं दिखाया। जिसके बाद अब एलडीए अवैध निर्माण को ध्वस्त करेगा।

केस दो

मोहनलालगंज एरिया में फर्जी तरीके से अवैध प्लॉटिंग की जा रही थी। यहां भी डेवलपर की ओर से कोई नक्शा इत्यादि पास नहीं कराया गया था। जिसके बाद एलडीए की ओर से अब उक्त साइट को ध्वस्त करने की तैयारी की जा रही है।

आवासीय से लेकर कॉमर्शियल

एलडीए की ओर से पूरा फोकस आवासीय और कॉमर्शियल प्रोजेक्ट्स पर ही किया गया है। इसके लिए एलडीए की ओर से शहर के अंदरूनी एरिया से लेकर आउटर एरिया में सर्वे कराया गया है। इस सर्वे के बाद यह क्लियर हो गया है कि आउटर एरिया में ज्यादा खेल हो रहा है और आउटर एरिया में जो निर्माण हो रहे हैैं, वे ज्यादातर नियम और नक्शा विहीन हैैं। एलडीए प्रशासन की ओर से उक्त सभी निर्माणकर्ताओं को नोटिस जारी किया जा चुका है और विहित कोर्ट में भी सुनवाई पूरी की जा चुकी है। अब फिलहाल इन सभी को ध्वस्त करने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैैं।

जोन एक में अधिक निर्माण

एलडीए की ओर से कराए गए सर्वे में साफ हुआ है कि प्राधिकरण के जोन एक में सबसे अधिक अवैध निर्माण सामने आए हैैं। यह जोन गोमतीनगर और विस्तार एरिया से जुड़ा हुआ है। यहां पर 20 से अधिक निर्माणाधीन अवैध साइट्स चिन्हित की गई हैैं। इसके साथ ही रायबरेली रोड, सीतापुर रोड, जानकीपुरम इत्यादि एरियाज में भी अवैध निर्माणाधीन साइट्स को चिन्हित किया गया है। एलडीए की ओर से जिन अवैध निर्माणाधीन साइट्स को चिन्हित किया गया है, उनमें रो-हाउसेस के साथ-साथ शॉपिंग कॉम्प्लैक्स, दुकानें, दो मंजिला बिल्डिंग इत्यादि शामिल हैैं।

सील बिल्डिंग्स पर भी नजर

एलडीए की ओर से सील बिल्डिंग्स पर भी नजर रखी जा रही है। पिछले चार दिन में तीन ऐसी बिल्डिंग्स सामने आई हैैं, जिन्हें प्राधिकरण की ओर से पहले सील किया जा चुका है, इसके बावजूद निर्माणकर्ताओं की ओर से सील बिल्डिंग के काम को दोबारा शुरू करा दिया गया है। जिसके बाद प्राधिकरण की ओर से निर्माणकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। वहीं, वीसी ने सभी जोनल अधिकारियों को निर्देश दिए हैैं कि अपने-अपने एरिया में ऐसी बिल्डिंग्स की स्टेटस रिपोर्ट तैयार करा लें, जिन्हें पूर्व में प्राधिकरण की ओर से सील किया जा चुका है। अगर किसी भी सील बिल्डिंग में निर्माण संबंधी काम होता मिलता है तो तत्काल उसके खिलाफ एक्शन लिया जाए और निर्माणकर्ता पर एफआईआर दर्ज कराई जाए।

लैैंडयूज की जांच जरूरी

एलडीए प्रशासन की ओर से जनता से अपील की गई है कि अगर वे कहीं भी प्लॉट, रो-हाउस इत्यादि खरीदने जा रहे हैैं तो सबसे पहले यह जरूर चेक कर लें कि लैैंडयूज में तो खेल नहीं किया गया है। इसके साथ ही नक्शा इत्यादि की जांच करने के बाद ही किसी भी प्रोजेक्ट में अपना पैसा लगाएं, ताकि भविष्य में उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

नियमों को ताक पर रखकर तैयार हो रहे 171 अवैध निर्माणों को एलडीए की ओर से ध्वस्त किया जाएगा। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैैं। जिन पर कार्रवाई होनी है उनमें आवासीय और कॉमर्शियल, दोनों तरह के अवैध निर्माण शामिल हैैं।

-डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए