लखनऊ (ब्यूरो)। एंटी करप्शन संगठन और विजिलेंस की टीम ने वर्ष 2019 से अबतक अलग-अलग 18 विभागों में ट्रैप किया है। इनमें पुलिस, राजस्व, आवास विकास, जेल, नगर निगम, बेसिक शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, वन विभाग आदि विभाग शामिल है। अधिकारियों के मुताबिक, इनमें से सबसे अधिक बार लेखपाल और पुलिसकर्मियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है,

अब तक 315 कर्मी गिरफ्तार
आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2019 से अबतक कुल 315 कर्मचारियों व अधिकारियों को घूस लेते पकड़ा गया है। इनमें सर्वाधिक 69 लेखपाल शामिल हैं, जो पकड़े गए कर्मियों में 21 परसेंट है। वहीं, दूसरा नंबर पुलिस विभाग का आता है। इस दौरान कुल 47 पुलिसकर्मियों को ट्रैप किया गया है, जो कुल गिरफ्तार किए गए कर्मियों का 15 परसेंट हैं। वहीं अन्य 16 विभाग के 199 कर्मचारी व अधिकारी घूस लेते गिरफ्तार किए गए है।

इनकी शिकायतें सर्वाधिक
बता दें कि एंटी करप्शन संगठन के हेल्पलाइन नंबर, ई-मेल और पत्र के माध्यम से आए दिन घूस मांगने की शिकायतें मिलती हंै। हैरानी की बात है कि इनमें सबसे अधिक शिकायते राजस्व विभाग और पुलिस विभाग से जुड़े होते हैं, जो किसी न किसी काम के लिए घूस मांगते हैं। इन शिकायतों के बाद इंटरनल जांच चलती है और फिर ट्रैप लगाकर रिश्वत खोर कर्मियों को गिरफ्तार किया जाता है। एंटी करप्शन संगठन के डीआईजी विनोद कुमार मिश्रा का कहना है कि शिकायतें आने के बाद कार्यवाही की जाती है।

ऐसे लगाया जाता है ट्रैप
शिकायत आने के बाद टीम पीडि़त को ट्रैप लगाकर आरोपी के पास भेजते है। जैसे ही पीडि़त कर्मचारी या अधिकारी को घूस की रकम देता है तो केमिकल लगे नोटों को छूने से घूस मांगने वाले कर्मचारी के हाथों में केमिकल लग जाता है। इसके बाद टीम कर्मचारी को धर दबोचते हैं और इविडेंस तौर पर घूस लेने वाले के हाथ केमिकल में डाले जाते हैं तो पानी का रंग गुलाबी हो जाता है। इसके बाद यूनिट एंटी करप्शन थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 को धारा 7 के तहत एफआईआर दर्ज कराती है।

आप भी कर सकते हैं शिकायत
बता दें कि अगर आप किसी भी अपने कार्य के लिए सरकारी विभाग जाते हैं और वह घूस मांगी जाती है तो घूस से जुड़ी सूचना एंटी करप्शन संगठन को दे सकते हैं। इसके लिए विभाग की ओर से 9454402484 और 9454401887 जारी किए गए है। कोई भी पीडि़त इन नंबरों में शिकायत दर्ज कराकर गोपनीय जांच करा सकता है।