लखनऊ (ब्यूरो)। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा यूनिवर्सिटी में शिक्षकों और छात्र-छात्राओं के लिए अब प्रोत्साहन के लिए इंसेंटिव पॉलिसी लागू हो गई है। ये निर्णय बुधवार को यूनिवर्सिटी की ओर से आयोजित 26वीं कार्यपरिषद की बैठक में लिया गया। इस निर्णय के बाद स्टूडेंट्स को खेल-कूद एवं अन्य परीक्षाओं में राज्य एवं प्रदेश स्तर पर पदक एवं स्थान प्राप्त करने पर इंसेंटिव मिलेगा। वहीं शिक्षकों को रिसर्च पेपर्स के प्रकाशित होने पर भी इंसेंटिव दिये जाने पर अनुमोदन प्रदान किया गया। इसके साथ-साथ आईटी पॉलिसी और आउटरीच पॉलिसी के साथ-साथ रीचा, एडयुन्नेट एवं बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी के एमओयू को भी अनुमोदन प्रदान किया गया। एनईपी-2020 के अनुरूप यूनिवर्सिटी के यूजी, पीजी और पीएचडी अध्यादेश पर भी कार्यपरिषद पर भी अनुमोदन प्रदान किया गया। वहीं शिक्षकों एवं कर्मचारियों के लिए यूनिवर्सिटी कार्यपरिषद की ओर से इंश्योरेंस प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।

यूनिवर्सिटी में हुआ अनुशासन समिति का गठन

कार्यपरिषद की बैठक के दौरान शासन द्वारा पूर्व वीसी प्रो। माहरूख मिर्जा की ओर से की गई अनियमितताओं के संबंध में गठित जांच रिपोर्ट पर राज्य सरकार द्वारा प्राप्त निर्देषों के क्रम में अनुशासन समिति का गठन किया गया। यह समिति शासन द्वारा प्राप्त जांच रिपोर्ट पर कार्यवाही करेगी। इसके अतिरिक्त कुछ शिक्षकों की अर्हताओं एवं लेखाकार के संबंध में भी एक समिति का गठन किया गया।

यूनिवर्सिटी में स्लोगन और पोस्टर प्रदर्शनी आयोजित

भाषा यूनिवर्सिटी के एनवायर्नमेंटल क्लब ने वीसी प्रो। एनबी सिंह जी के मार्गदर्शन में ओजोन के महत्व पर एक पोस्टर और स्लोगन प्रदर्शनी आयोजित की। ओजोन एक परत नही अपितु सुरक्षा कवच है, इस शीर्षक पर आधारित प्रदर्शनी के आयोजक डॉ। प्रवीण राय, डॉ। ममता शुक्ला एवं डॉ। श्वेता शर्मा रहे। इस प्रदर्शनी में साम्राज्ञी, यशस्विनी, शिरीन, बुतूल इत्यादि ने प्रतिभाग किया और अपने विचारों स्लोगन तथा पोस्टर के माध्यम से प्रस्तुत किया।