लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में लगातार बढ़ते वायरल मरीजों का असर अस्पतालों पर और दूसरे मरीजों के इलाज पर भी देखने को मिल रहा है। आलम यह है कि सिविल अस्पताल में करीब 60 फीसदी बेड फुल हो गये हैं, जिसके चलते अस्पताल में सर्जरी पर संकट मंडरा रहा है। स्थिति को देखते हुए अस्पताल प्रशासन द्वारा फिलहाल सभी तरह की सर्जरी को बंद कर दिया गया है। इस फैसले ने मरीजों की चिंता बढ़ा दी है।

वायरल मरीजों से भरे वार्ड

सिविल अस्पताल में 400 से अधिक बेड हैं। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, इस समय अस्पताल में 260 से अधिक मरीज भर्ती हैं। इसमें आधे से अधिक मरीज वायरल से पीडि़त हैं। वहीं, अस्पताल में रोजाना 30 से अधिक छोटी-बड़ी सर्जरी होती हैं, पर अधिकतर वार्ड फुल होने की वजह से सर्जरी पर रोक लगा दी गई है। इसके पीछे की वजह यह है कि इस समय अस्पताल में डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड जैसी बीमारियों से पीडि़त मरीजों की संख्या काफी ज्यादा हो गई है। संचारी रोग से पीडि़त मरीजों को तत्काल प्रभाव से भर्ती भी किया जा रहा है। ऐसे में सर्जरी विभाग में मरीजों की सर्जरी पर रोक लगाई गई है, क्योंकि इसकी वजह से बेड की समस्या उत्पन्न हो सकती है। अस्पताल में इतने बेड नहीं हैं।

लौट रहे हैं मरीज

सिविल अस्पताल की ओपीडी में रोजाना दो हजार से अधिक मरीज आते है, जिसमें करीब 100 से अधिक मरीजों को सर्जरी की सलाह दी जाती है। इसमें आयुष्मान योजना के मरीज भी शामिल होते हैं, पर सर्जरी पर रोक लगने से मरीजों पर संकट आ गया है। वे सर्जरी न होने की वजह से निराश लौट रहे हैं। कई मरीज तो दूसरे अस्पतालों में सर्जरी का रुख कर रहे हैं। वहीं, कई मरीज निजी अस्पताल जा रहे हैं, जहां उनपर आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है।

एक सप्ताह के लिए सर्जरी बंद

सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ। आरपी सिंह ने बताया कि मौजूदा समय की स्थिति को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने यह फैसला लिया है कि इस समय सभी प्रकार की सर्जरी को बंद कर दिया जाएगा। फिलहाल यह व्यवस्था एक हफ्ते के लिए लागू की गई है। हालांकि, इमरजेंसी सर्जरी पहले की ही तरह सुचारु रूप से चलती रहेगी। उसपर किसी प्रकार की कोई पाबंदी नहीं है। अगर मरीज में सर्जरी बेहद जरूरी होगी तो उसे किया जाएगा।

वायरल मरीजों का लोड ज्यादा है, जिसके चलते इमरजेंसी छोड़कर अन्य प्रकार की सर्जरी पर एक सप्ताह के लिए रोक लगाई गई है।

-डॉ। आरपी सिंह, सीएमएस, सिविल अस्पताल