लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू में प्राइवेट प्रैक्टिस समेत टैक्स गड़बड़ी से जुड़े तमाम मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ताजा मामला केजीएमयू की वरिष्ठ फैकल्टी से जुड़ा हुआ है। उनपर टैक्स से जुड़ा एक और गंभीर आरोप लगा है। जिसपर कोर्ट के आदेश पर शासन स्तर से केजीएमयू प्रशासन से पूरे मामले की जांच और रिपोर्ट तलब की गई है। जिसके बाद केजीएमयू प्रशासन ने छह सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है। जांच कमेटी को 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट शासन को सौंपनी है।

जल्द सौंपी जाएगी रिपोर्ट

केजीएमयू में कई बार डॉक्टरों पर सरकारी नौकरी के बावजूद प्राइवेट प्रैक्टिस करने के आरोप लग चुके हैं। मामले को लेकर कई बार शिकायतें भी की जा चुकी हैं, पर मामला केवल जांच तक ही सीमित रह जाता है। वीसी डॉ। बिपिन पुरी के मुताबिक, शासन के निर्देश पर कमेटी बनाई गई है। जल्द से जल्द रिपोर्ट शासन को सौपी जाएगी।

पहले भी हो चुके हैं इस्तीफे

केजीएमयू के डॉक्टरों पर पहले भी तमाम गंभीर आरोप लग चुके हैं। जिसमें निजी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों से लेकर लैब संचालन तक में भूमिका के आरोप लगे हैं, जबकि नियमानुसार केजीएमयू का कोई भी डॉक्टर निजी प्रैक्टिस या झूठी जानकारी नहीं दे सकता। इसके लिए हर साल डॉक्टरों को निजी प्रैक्टिस न करने के एवज में लाखों रुपये भत्ता मिल रहा है। यह नियम प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज व संस्थान के डॉक्टरों पर लागू है। निजी प्रैक्टिस करने के आरोप लगने के बाद तमाम डॉक्टर केजीएमयू से इस्तीफा दे चुके हैं।

ये लोग करेंगे जांच

मामले को लेकर सोमवार को कुलसचिव रेखा एस चौहान ने जांच कमेटी गठन का आदेश जारी किया। कमेटी के चेयरमैन केजीएमयू वीसी डॉ। बिपिन पुरी हैं। हीमैटोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ। एके त्रिपाठी, डेंटल डीन व कंजर्वेटिव डेंटिस्ट्री विभाग के अध्यक्ष डॉ। एपी टिक्कू, क्वीन मेरी की विभागाध्यक्ष डॉ। एसपी जैयसवार, डेंटल विंग के डॉ। मोहम्मद शदाब और बैठक के को-ऑर्डिनेशन के लिए डॉ। मनीष वाजपेई को कमेटी में रखा गया है। कमेटी फैकल्टी पर लगे आरोपों की जांच करने के साथ शासन को रिपोर्ट सौंपेगी।

नियम को रखते हैं ताक पर

केजीएमयू अधिनियम, 2002 की धारा-37(3) के तहत प्राइवेट चिकित्सा व्यवसाय करने का अधिकार नहीं देता है। इसके अलावा केजीएमयू परिनियमावली के नियम-10.07 (3)(23) के तहत भी ऐसा करने से रोकता है। पर इसके बावजूद डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस समेत तमाम अन्य काम कर रहे हैं।