लखनऊ (ब्यूरो)। केंद्र सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा गुरुवार को अंतरिम बजट पेश किया गया। उन्होंने गरीब, महिला, किसान और युवाओं को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। वहीं, बजट को लेकर राजधानी में व्यापारियों, इंडस्ट्रलिस्ट, सर्विस क्लास व महिलाओं में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। जहां इंडस्ट्री ने इसे इकोनॉमिक ग्रोथ वाला बजट बताया। वहीं, व्यापारियों ने कुछ खास न होने पर निराश व्यक्त की। हालांकि, लोगों ने लोकसभा चुनाव के बाद आने वाले आम बजट को लेकर ज्यादा उम्मीदें जताई हैं।

इंडस्ट्री

आगामी रेलवे कॉरिडोर कार्यक्रमों का समावेश बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक दूरदर्शी दृष्टिकोण को इंगित करता है। जो आर्थिक और तार्किक दोनों विचारों को संबोधित करता है। 2070 तक नेट जीरो हासिल करने की प्रतिबद्धता के साथ जुड़ी पहल पर्यावरणीय स्थिरता पर एक सक्रिय रुख को रेखांकित करती है। कार्बन उत्सर्जन को कम करने के उद्देश्य से नीतियों और निवेशों का एकीकरण जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों के साथ संरेखित होता है। इलेक्ट्रिक वाहन पारिस्थितिकी तंत्र के विस्तार और मजबूती पर बजट का जोर उल्लेखनीय है। विनिर्माण और चार्जिंग बुनियादी ढांचे दोनों के लिए समर्थन टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल परिवहन प्राप्त करने में इलेक्ट्रिक वाहनों की महत्वपूर्ण भूमिका की मान्यता को दर्शाता है। यह फोकस हरित अर्थव्यवस्था की ओर परिवर्तन को सुदृढ़ करता है।

-आकाश गोयनका, चेयरमैन, सीआईआई यूपी स्टेट काउंसिल

रक्षा उद्देश्यों के लिए गहरी तकनीकी प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं शुरू करके राष्ट्रीय सुरक्षा पर रणनीतिक फोकस रक्षा क्षमताओं को आगे बढ़ाने पर प्रतिबिंबित करता है। वहीं, महिलाओं को सशक्त बनाने पर बजट का फोकस उल्लेखनीय है। महिला उद्यमियों के लिए 30 करोड़ रुपये की मुद्रा योजना व ऋण योजना उन्हें उद्यमियों के रूप में समृद्ध होने के लिए सशक्त बनाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। एक मजबूत कॉरपोरेट गवर्नेंस विनियमन की उम्मीद करेंगे जो स्टार्टअप की दीर्घकालिक सफलता और स्थिरता को प्राथमिकता देगा, साथ ही यह सुनिश्चित करेगा कि कंपनी को जिम्मेदारी से और नैतिक रूप से प्रबंधित किया जाए।

-स्मिता अग्रवाल, वाइस चेयरपर्सन, सीआईआई यूपी काउंसिल

बजट में बुनियादी ढांचे, कृषि, हरित विकास, लॉजिस्टिक्स और रेलवे सहित कुछ प्रमुख सेक्टर्स को भी शामिल किया गया है। जो देश के आर्थिक विकास के लिए बेहद महत्वूपर्ण है। यह बजट कई सेक्टर पर फोकस करता है। जो 5 ट्रिलियन इकोनॉमी के लिए बेहद जरूरी है। हालांकि, चुनाव के बाद आने वाला आम बजट से इससे ज्यादा की उम्मीदें की जा सकती है। यह बजट भविष्य की संभावनाओं को दर्शाने वाला है।

- एलके झुनझुनवाला, पास्ट चेयरपर्सन, पीएचडी चैंबर, यूपी

व्यापारी वर्ग

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा प्रस्तुत किये गया अंतरिम बजट उत्साहवर्धक है। बजट में युवा, गरीब, महिला एवं किसानों को प्राथमिकता दी गई है। आयकर छूट 7 लाख तक पूर्ण टैक्स मुक्त किए जाने, 1 लाख करोड़ के ब्याज मुक्त ऋण के लिए फंड बनाए जाने से नये उद्यमियों और व्यापारियों को प्रोत्साहन मिलेगा। व्यापारीयों की सुगमता के लिए 2009-2010 तक बकाए 25000 तथा 2010 से 2014 तक 10000 डायरेक्ट टैक्स की मांग को समाप्त किया गया है, जोकि काफी अच्छा कदम है।

-संदीप बंसल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल

अंतरिम बजट में जो तमाम मांगें व्यापार मंडल द्वारा की गई थीं, उस पर कोई सकारात्मक या किसी भी तरह की कोई घोषणा नहीं हुई। एक बात जो विचारणीय है वह यह है कि सरकार ने पुराने पेंडिंग मामलों में राहत दी है। इसके तहत 2009-10 तक पेंडिंग डायरेक्ट टैक्स के मामलों में टैक्स माफ कर दिया जाएगा। वहीं, उल्लेखनीय है कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर ज्यादा दिया है और पहले से चल रहीं योजनाओं को बजट दिया गया है। रूफ टॉप सोलर पैनल लगाने में जो 300 यूनिट बिजली की छूट की घोषणा की है, वह स्वागत योग्य है।

-अमरनाथ मिश्रा, अध्यक्ष, लखनऊ व्यापार मंडल

लोकसभा चुनाव के चलते व्यापारियों एवं आम जनता को अंतरिम बजट में भी लोक लुभावना घोषणाओं की उम्मीद थी, पर सरकार ने इसे अंतरिम बजट के रूप में ही पेश किया जो कि कहीं ना कहीं सरकार की गंभीरता और रिपीट होने का आत्मविश्वास दर्शाता है। सीधे तौर पर व्यापारियों के लिए कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं हुआ। इस बजट में संगठन को ई-कॉमर्स पॉलिसी, रिटेल ट्रेड पॉलिसी, सभी प्रमुख बाजारों के लिए सीसीटीवी कैमरा योजना, व्यापारी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू किए जाने की अपेक्षा थी।

-संजय गुप्ता, अध्यक्ष, उप्र आदर्श व्यापार मंडल

सर्विस क्लास

वित्त मंत्री ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है। हालांकि, रिफंड अब पहले से काफी आसान हो गया है। वहीं, सोलन रूफटॉप एनर्जी कवरेज योजना क अच्छी पहल है। जिससे लोगों को काफी फायदा होगा। 2010 तक के बकायों में 25 हजार तक की छूट एक अच्छा कदम है। इसका फायदा लोगों को मिलेगा।

-अजय कुमार गुप्ता, सीए

बजट में सर्विस क्लास के लिए ज्यादा कुछ नहीं है। वहीं, घर खरीदने के लिए आवासीय योजना एक अच्छी पहल है। स्टैंडर्ड कटौती में थोड़ा इजाफा किया जाना चाहिए था। बकाया में 25 हजार रुपये की छूट देने का एलान किया गया है, जोकि एक अच्छा कदम है।

-ज्ञानेश वर्मा, सीए

इसबार का बजट काफी अच्छा और भविष्य की उम्मीदों वाला है। खासतौर पर रूफ टॉप सोलर पैनल योजना एक अच्छा कदम है। हालांकि, सर्विस क्लास के लिए बजट में बहुत कुछ ज्यादा नहीं है। उम्मीद है कि आगे काफी कुछ मिलेगा।

-अमित मिश्रा, प्राइवेट जॉब

महिलाएं

बजट में लखपति दीदी की घोषणा एक अच्छी पहल है। इसका लक्ष्य दो करोड़ से बढ़ा कर तीन करोड़ कर दिया गया है। इससे महिलाओं में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। वहीं, आशा बहनों को भी आयुष्मान योजना का लाभ भी एक अच्छी पहल है। ऐसे में उनको अपनी हेल्थ के बारे में ज्यादा सोचना नहीं पड़ेगा। यह अंतरिम बजट महिलाओं के लिहाज से काफी अच्छा है।

-संगीता मित्तल, होममेकर

यह बजट काफी अच्छा है। इसमें खासतौर पर महिलाओं के लिए काफी कुछ है। हालांकि, जीरो ब्याज ऋण और रजिस्ट्री में छूट आदि को भी शामिल किया जाता तो और भी अच्छा रहता है। उम्मीद है कि चुनाव बाद आने वाले बजट में इसपर कुछ घोषणाएं होंगी।

-रेणुका टंडन, होममेकर

बजट में लखपति दीदी योजना का विस्तार एक अच्छा कदम है। इससे महिलाओं में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। वहीं, आशाओं को आयुष्मान का लाभ अच्छी पहल है। इससे उनको बड़ा फायदा मिलेगा, पर घरेलू सामान को सस्ता करना चाहिए था। महिलाओं को इससे काफी फायदा होता, पर इस बजट में ऐसा कुछ नहीं हुआ। उम्मीद है कि आगे कुछ राहत मिलेगी।

-डॉ। अनीता मिश्रा

कर्मचारी

कर्मचारियों के लिए यह बेहद निराशाजनक बजट है। पुरानी पेंशन योजना पर कुछ भी नहीं कहा गया। बढ़ती महंगाई को देखते हुए डायरेक्ट टैक्स की दरों में कोई बदलाव न किए जाने से नौकरीपेशा लोगों को भारी निराशा हुई है। 80सी और स्टैंडर्ड कटौती की सीमा में भी कोई वृद्धि नहीं की गई है, जिसकी उम्मीद थी।

-शैलेंद्र दुबे, चेयरमैन, ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स

बजट भाषण में सरकारी कर्मचारियों का कोई उल्लेख नहीं था। बजट में इनकम टैक्स में कोई छूट न दिए जाने, पुरानी पेंशन, ठेकेदारी प्रथा और संविदा की जगह स्थाई रोजगार सृजन की घोषणा न होने से कर्मचारियों में निराशा है। 35 लाख फार्मासिस्टों की तकनीकी क्षमता का जनता को कैसे फायदा मिलेगा। अन्य योजनाओं की तरह सभी को चिकित्सा और स्वास्थ्य का अधिकार भी मिलना चाहिए।

-सुनील यादव, अध्यक्ष, फार्मासिस्ट फेडरेशन

युवा

बजट में 50 साल का ब्याज मुक्त लोन दिए जाने की घोषणा की गई है। जो इनोवेशन के क्षेत्र में काम कर रहे युवाओं के लिए काफी फायदेमंद रहेगी, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। हालांकि, एजुकेशन लोन पर जीरो ब्याज की घोषणा होनी चाहिए थी, इसे छात्रों को और अधिक फायदा मिलता।

-कुश

सरकार लगातार आईआईटी और एम्स जैसे संस्थान खोल रही है, पर यहां पढ़ाई लगातार महंगी होती जा रही है। सरकार को इसको लेकर कोई घोषणा करनी चाहिए थी। खासतौर पर लड़कियों को पढ़ाई के खर्च में छूट मिलनी चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लड़कियां हायर एजुकेशन कर सकें।

-प्रियांशी शुक्ला

बजट में युवाओं के लिए काफी कुछ है। हालांकि, अंतरिम बजट होने के कारण ज्यादा घोषणाएं नहीं की गई हैं, पर स्टार्टअप के लिए जीरो ब्याज योजना अच्छी पहल है। अगर साथ में हायर एजुकेशन को सस्ता किया जाता तो और अच्छी बात होती।

-वैष्णवी चतुर्वेदी