लखनऊ (ब्यूरो)। निवेश एक पौधे की तरह होता है, जो धीरे-धीरे ही बढ़ता है, इसलिए जल्दी और समय से इनवेस्टमेंट करना बेहद जरूरी है। इनवेस्टमेंट लंबी अवधि के लिए करना चाहिए, ताकि इनवेस्टर्स को अधिक लाभ मिल सके। इसके लिए म्यूचुअल फंड में रिसर्च और एक्सपट्र्स की एडवाइज के बाद ही इनवेस्ट करना चाहिए। ये जानकारी रविवार को होटल रेडिसन में मिरे असेट और दैनिक जागरण आई नेक्स्ट द्वारा आयोजित एमएफ मंत्रा सेमिनार में मिरे असेट के नेशनल सेल्स हेड मखदूम अंसारी और सागर त्रिपाठी एंड कंपनी में सीए आशुतोष जैन ने दी। सेमिनार का मुख्य उद्देश्य लोगों को इनवेस्टमेंट के सही तरीके बताना और म्यूचुअल फंड के बारे में अवेयर करना था।

दीप प्रज्ज्वलन से हुइ शुरुआत

एमएफ मंत्रा सेमिनार की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। जिसमें मिरे असेट के नेशनल सेल्स हेड मखदूम अंसारी, मिरे अॅसेट के रीजनल हेड यूपी-यूके प्रत्युष सिंह, सागर त्रिपाठी एंड कंपनी में सीए आशुतोष जैन, दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के सीनियर न्यूज एडिटर धर्मेंद्र सिंह और ब्रांड हेड डीजे आई नेक्स्ट चेतन सहगल आदि मौजूद रहे।

म्यूचुअल फंड में इनवेस्टमेंट करना बेहतर

सेमिनार में मिरे असेट के नेशनल सेल्स हेड मखदूम अंसारी ने बताया कि म्यूचुअल फंड एक प्रकार का परस्पर कोष है। जहां पैसा एक मकसद के साथ लगाया जाता है। जहां पैसा स्टॉक-सिक्यूरिटी में लगाने के बाद रिटर्न दिया जाता है। यह आज के दौर में इनवेस्टमेंट का एक बेहतर माध्यम बन चुका है। इसके प्रति लोगों की जागरूकता के साथ रुचि भी बढ़ी है। इसका फायदा यह है कि इसमें प्रोफेशनल आपकी मदद करते हैं, जिनको मार्केट के बारे में पता होता है। साथ ही आपको जानकारी मिलती है कि आपने इनवेस्टमेंट कहां और किसमें किया है। इनमें निवेश करने का फायदा यह है कि निवेशक को इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं होती कि आप कब शेयर खरीदें या बेचें, क्योंकि यह चिंता फंड मैनेजर की होती है। वहीं निवेशक के निवेश का रखरखाव करने वाला होता है। एक दूसरा लाभ ये भी होता है कि छोटे निवेशक बहुत कम राशि में भी निवेश कर सकते हैं, जिसका फायदा मिलता है।

फंड मैनेजर से एडवाइज जरूरी

वहीं, सागर त्रिपाठी एंड कंपनी में सीए आशुतोष जैन ने बताया कि एसआईपी में इनवेस्ट करना अच्छा और लंबे समय के लिए होना चाहिए। क्योंकि यहां पर एडवाइजर आपकी जरूरत के अनुसार पोर्टफोलियो बनाकर देता है और आपको सही से गाइड करता है। उसे पता है कि कितना जोखिम उठाना होता है। मार्केट डाउन होने पर भी पैनिक नहीं होना चाहिए। इस दौरान निवेश का मौका देखना चाहिए। ऐसे में पूरी रिसर्च और गाइडेंस के साथ सेफ इनवेस्टमेंट करना बेहद जरूरी है।

पैसा नहीं डूबता है

इस सेमिनार के दौरान टॉकशो का भी आयोजन किया गया। जिसमें मॉडरेटर व दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के सीनियर न्यूज एडिटर धर्मेंद्र सिंह ने एक्सपट्र्स से म्यूचुअल फंड में कैसे निवेश करें, किसकी मदद ली जाये, बैंक से करना सही है कि नहीं, पोर्टफोलियो क्या होता और कैसे मैनेज होता, इनवेस्टमेंट के जरूरी मानक, इनकम टैक्स में छूट आदि सवालों के जरिए उपस्थित लोगों के डाउट क्लियर किए। एक्सपर्ट ने बताया कि सभी इनवेस्टमेंट सेबी के नियमों पर संचालित होता है। जहां एडवाइजर्स इनवेस्टर्स का रिस्क पोर्टफोलियो बनाते हैं, जो वेरिफाइड एडवाइजर होते हैं। उनका अपना अनुभव होता है। पोर्टफोलियो में ध्यान रखा जाता है कि इनवेस्टमेंट के लिए हर चीज हो। इसमें सिक्योरिटीज, बैंक एफडी, गोल्ड स्कीम, इक्विटी आदि का मिश्रण होता है, ताकि इनवेस्टर का पैसा हर तरफ लगाया जा सके। लोगों को एसआईपी में लंबे समय के लिए इनवेस्टमेंट करना चाहिए। ऐसे में अपना लांग टर्म इनवेस्टमेंट प्लान बनाना चाहिए। आप कितना खर्च कर सकते हैं, उसके अनुसार इनवेस्ट करना चाहिए। ऐसे में एडवाइजर की सलाह के अनुसार ही फंड में पैसा इनवेस्टमेंट करना चाहिए। जो आपके गोल यानि रिटायरमेंट के बाद तक के लिए होना चाहिए। म्यूचुअल फंड में कभी पैसा डूबता नहीं है। इसके अलावा सेमिनार में आए लोगों ने सवाल पूछकर जानकारी हासिल की।

फंड मैनेजर की बड़ी जरूरत

प्रोग्राम के दौरान एक्सपर्ट द्वारा बताया गया कि म्यूचुअल फंड इनवेस्टमेंट में फंड मैनेजर का रोल सबसे अहम होता है। आपको सबसे पहले यह जानना चाहिए कि आप जिसे अपना एडवाइजर बना रहे हैं उसका एक्सपीरियंस और बैकग्राउंड क्या है। अब तो सर्टीफाइड एडवाइजर भी होते हैं। आपको यह अच्छी तरह से समझना होगा कि उसके द्वारा दूसरों को दिए जाने वाली एडवाइज में क्या रिटर्न रहा। पूरा फीडबैक लेने के बाद ही अपने फंड मैनेजर का चुनाव करें।

दूसरे को देखकर इनवेस्टमेंट न करें

वहीं, लोग पुरानी परर्फामेंस को देखकर फैसला लेते हैं। उसके बाद आगे नहीं बढ़ते है, तो एमएफ खराब लगता है। आपकी उम्मीदें मार्केट के एवरेज रिटर्न की होनी चाहिए। बेस्ट स्कीम में इनवेस्टमेंट किया तो हो सकता है वो बेस्ट नहीं कर पाये। हर्ड मेंटैलिटी भी होती है। जहां अधिक लोग इनवेस्टमेंट करते है, तो देखा-देखी दूसरे भी इनवेस्टमेंट करते रहते हैं। इसके अलावा लोग एक-दूसरे को देख कर भी इनवेस्टमेंट करते हैं, जिसमें कई बार दूसरे को सही रिटर्न नहीं मिलता है। ऐसे में देखा-देखी के अनुसार इनवेस्टमेंट नहीं करना चाहिए। क्योंकि हर किसी की इनवेस्टमेंट कैपासिटी और गोल अलग-अलग होता है। ऐसे में पूरी सोच-समझ कर ही इनवेस्टमेंट करना चाहिए।

एसआईपी में इनवेस्टमेंट पर नुकसान का कितना रिस्क है?

एसआईपी में रिस्क के चांस कम होते हैं। बिगनर्स और छोटे इनवेस्टर्स के लिए यह एक बेहतर विकल्प होता है। वैसे अगर आप किसी भी इनवेस्टमेंट को करने से पहले खुद उस पर फोकस करते हुए जानकारी लेते हैं और किसी की सुनी सुनाई पर विश्वास नहीं करते तो रिस्क के चांस काफी कम हो जाते हैं। बाजार में होने वाले उतार से कभी घबराएं नहीं। जल्दबाजी में अपना पैसा न निकाल लें, बल्कि सही समय का इंतजार करें, आपको कभी नुकसान नहीं होगा।

लोगों केसवाल-जवाब

म्यूचुअल फंड का क्या फायदा है?

अगर आप ऐसी जगह अपना पैसा लगाना चाहते हैं जहां आपको बेहतर रिटर्न के साथ टैक्स छूट का फायदा भी मिले, तो आप टैक्स-सेविंग म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। यह स्कीम म्यूचुअल फंड की ही एक कैटेगरी है। इन्हें इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम यानी ईएलएसएस भी कहा जाता है। म्यूचुअल फंड की इस स्कीम में निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक निवेश पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं।

-अदीबा असलम

एफडी और एमएफ में कितना इनवेस्टमेंट करना चाहिए?

आप कितना प्लान रिटायरमेंट के बाद कर रहे हैं, यह उसपर डिपेंड करता है। रिटायरमेंट के बाद खर्चा बढ़ जाता है। उसके बाद की इनकम पर भी टैक्स लगता है। ऐसे में अपने खर्च और जरूरत के अनुसार इनवेस्ट करना चाहिए। आपका जो कार्पस है, वो डिप्लीट नहीं होगा। जिसे जरूरत के अनुसार निकाल सकते हैं। ऐसे में अपने इनवेस्टमेंट को बढ़ायें और सेविंग पर फोकस करना चाहिए।

-साक्षी गोपाल मिश्रा

इक्विटी या एमएफ किसमें इनवेस्ट करें?

स्टॉक मार्केट लोगों को ज्यादा समझ नहीं आता है। इसमें इनवेस्टमेंट कैसे किया जाये यह हर किसी के लिए आसान नहीं होता है, जबकि म्यूचल फंड में इनवेस्टमेंट आप एक्सपर्ट की मदद से करते हैं, जिसके पास अनुभव होता है। उसको पता होता है कि कब इनवेस्टमेंट करना है और कब पैसा निकालना है। ऐसे में पोर्टफोलियो बनाना बेहद जरूरी होता है।

-मुकेश कुशवाहा

म्यूचल फंड पर भरोसा करना सही है?

रिटायरमेंट प्लान सभी को जल्दी बनाना चाहिए। इसमें देर नहीं करनी चाहिए। एमएफ एक एक्सपर्ट द्वारा किया जाता है। इसके लिए थोड़ा-थोड़ा इनवेस्टमेंट करते रहना चाहिए। खासतौर पर लिक्विड या अल्ट्रा शार्ट स्कीम में पैसा इनवेस्ट किया जा सकता है, जो आपकी जरूरत के अनुसार होना चाहिए। अगर आपको पैसा अगले पांच साल के बाद चाहिए तो इक्विटी में लगाना चाहिए। जहां से रिटर्न भी मिलता रहता है।

-अर्चित मिश्रा

लांग टर्म के लिए किसमें इनवेस्ट करना चाहिए?

इनवेस्टमेंट हमेशा लांग टर्म के लिए ही करना चाहिए। लोगों का अक्सर कंफ्यूजन रहता है कि किसमें और कितने समय के लिए इनवेस्ट करना चाहिए। लांग टर्म के लिए इक्विटी में इनवेस्टमेंट और लार्जर कैप में लगाना चाहिए, ताकि अधिक रिटर्न का फायदा मिल सके।

-राजेश सोनी

क्या बोले पार्टिसिपेंट्स

इनवेस्टमेंट को लेकर जो कंफ्यूजन था, वो यहां आकर दूर हो गया। एक्सपट्र्स द्वारा काफी अच्छी जानकारी दी गई है, जो आगे काफी काम आयेगी।

-अशोक कुमार

म्यूचल फंड को लेकर थोड़ी शंका थी, जो यहां आकर दूर हो गई। एक्सपट्र्स ने बेहद आसानी से इनवेस्टमेंट के बारे में बताया है।

-पुष्पा मिश्रा

हम लोग खर्च तो खूब करते हैं, लेकिन इनवेस्टमेंट के बारे में ज्यादा सोचते नहीं है। जबकि, यह बेहद जरूरी होता है। यहां आकर काफी अच्छा लगा।

-रंजीता स्वरूप

आम लोग एफडी या आरडी से बचत की सोचते हैं, जबकि मार्केट में इनवेस्टमेंट भी एक अच्छा आप्शन हो सकता है। इसके लेकर जो शंका थी वो एक्सपर्ट ने दूर कर दी।

-वेद राजवंशी

लोगों को एसआईपी के बारे में तो पता है, लेकिन इसके और क्या-क्या फायदे हो सकते हैं ये नहीं पता थे। सेमिनार में शामिल होकर काफी कुछ नया जानने और सीखने को मिला है।

-सचिन

सेमिनार में शामिल होकर काफी अच्छा लगा। यहां आकर इनवेस्टमेंट को लेकर सभी शंकाएं दूर हो गईं। एमएफ एक अच्छा और सुरक्षित आप्शन है।

-नवीन मोगा

मार्केट में पैसा लगाने में यही डर रहता है कि पैसा कहीं न डूब जाये। एक्सपर्ट ने जो जानकारी दी उससे यह डर काफी दूर हुआ है। अब इनवेस्टमेंट करने का फैसला लिया है।

-अखिलेश पटेल

आज का प्रोग्राम बेहद ही अच्छा था। एक्सपर्ट ने काफी अच्छी जानकारी दी है। जो इनवेस्टमेंट को लेकर काफी काम आयेगी। ऐसे सेमिनार होते रहने चाहिए।

-शिशिर