- एकेडमिक काउंसिल ने 10 विभागों को किया मर्ज

- गोल्ड मेडल शुरू कराने के लिए देनी होगी दोगुनी राशि

LUCKNOW@inexrt.co.in

LUCKNOW : डॉ। राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में अब पीएचडी रिसर्चर को यूजीसी की गाइडलाइंस के आधार पर रिसर्च एवं पब्लिश एथिक्स पर दो क्रेडिट का कोर्स करना अनिवार्य होगा। यूनिवर्सिटी में मंगलवार को आयोजित 29वीं एकेडमिक काउंसिल की बैठक ने इस पर अपनी मुहर लगा दी है। साथ ही यूनिवर्सिटी के दीक्षांत में अपने परिजनों के नाम पर गोल्ड मेडल शुरू करने के लिए दो लाख रुपये देने होंगे। अभी तक यह राशि एक लाख रुपये थी।

मध्यस्थता के बारे में जानेगें स्टूडेंट्स

लॉ यूनिवर्सिटी देश के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की मंशा के अनुरूप बीएलएलबी और एलएलएम के सिलेबस में मध्यस्थता (मीडिएशन) को शामिल करेगा। वीसी प्रो। सुबीर कुमार भटनागर ने मध्यस्थता को सिलेबस में शामिल करने की जानकारी दी। मामले में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि लॉ यूनिवर्सिटी में मध्यस्थता के बारे में पढ़ाया जाए और सीखाया जाए कि मध्यस्थता के जरिए मामले कैसे हल किए जाते हैं। इसको देखते हुए इसे सिलेबस में शामिल किया जा रहा है। काउंसिल के निर्णय के अनुसार स्टूडेंट्स को मूट कोर्ट के जरिए मध्यस्थता विधि के बारे में दक्ष किया जाएगा।

एक डिपार्टमेंट बनाने का रखा गया प्रस्ताव पर सहमति

एकेडमिक काउंसिल की अध्यक्षता यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो। सुबीर कुमार भटनागार ने की। इसमें यूनिवर्सिटी ने पिछले छह वर्ष से निष्क्रिय लॉ विषयों के 10 विभागों को समाप्त कर उन्हें एक ही डिपार्टमेंट ऑफ लीगल स्टडीज में शामिल करने का प्रस्ताव रखा। कार्य परिषद ने भी इन विभागों की उपयोगिता पर प्रश्न चिन्ह लगाया था। इस पर एकेडमिक कांउसिल के सदस्यों ने अपनी सहमति प्रदान कर दी, लेकिन एक अन्य डिपार्टमेंट ऑफ हयूमैनिटिज़ एंड सोशल साइंसेज को यथावत बनाये रखने को कहा। बैठक में नंवंबर 2020 में होने वाली एंड सेमेस्टर एग्जाम को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। बार कौंसिल ऑफ इंडिया के 2008 के नियमों के अनुसार ऑनलाइन एग्जाम का प्रावधान नहीं है, इसलिए परिषद ने इस पर निर्णय के लिए पूर्व में गठित समिति को निर्णय लेने के लिए अधिकृत कर दिया।

2 नवंबर से शुरू होगा नया सत्र

बैठक में काउंसिल ने क्लैट द्वारा एडमिशन लेने वाले नए स्टूडेंट्स का सत्र 2 नवंबर से प्रारम्भ करने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। वही पीएचडी में नए एडमिशन के लिए भी सीटों का निर्धारण कॉउन्सिल ने कर दिया। इस बार भी पूर्व की भांति 50 प्रतिशत सीट्स भरी जाएंगी।

मेमोरियल गोल्ड मेडल के देने होंगे दो लाख रुपए

पहले यूनिवर्सिटी में मेमोरियल गोल्ड मेडल किसी की स्मृति में स्थापित करने के लिए एक लाख रुपए यूनिवर्सिटी को दान के रूप में देने होते थे, लेकिन अब काउंसिल ने यूनिवर्सिटी के प्रस्ताव पर यह राशि बढ़ाकर दो लाख रुपए किए जाने पर अपनी मुहर लगा दी है।

पीएचडी की 50 फीसदी सीटों पर होगा दाखिला

काउंसिल ने पीएचडी की कुल सीटों में से नए शैक्षिक सत्र में 50 फीसदी सीटों पर ही दाखिला दिए जाने के प्रस्ताव पर भी अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके अनुसार जितनी सीट खाली होंगी। उनकी 50 फीसदी पर ही दाखिला होगा, ताकि अगले शैक्षिक सत्र में भी दाखिला किया जा सकें। इसके अलावा नवंबर में होने वाली एंड सेमेस्टर एग्जाम पर विस्तार से चर्चा हुई। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के 2008 के नियमों के अनुसार ऑनलाइन एग्जाम का प्रावधान नहीं है इसलिए काउंसिल ने इस पर निर्णय के लिए पूर्व में गठित समिति को निर्णय लेने के लिए अधिकृत कर दिया।