- रोजेदार पूछ रहे हेल्पलाइन पर सवाल

- नेक लोग रमजान शरीफ का बहुत एहतिमाम करते हैं

LUCKNOW: रमजानुल मुबारक में हर इबादत चाहे वह फर्ज हो या नफ्ल, सत्तर गुना हो जाती है। अब अगर हम अपनी छोटी बड़ी इबादतें मिलायें और हर एक का सत्तर गुना लगायें तो सोचये कितना बड़ा जखीरा बन जाता हैं। कैसे खुशनसीब हैं वह लोग जो रमजान के महीने में खूब इबादतें और नेकियां करके अज्र व सवाब का जखीरा करते हैं। असल में यह महीना इबादतों का मौसम और उनकी फसल का जमाना है। इसी तरह इस महीने में इबादतें खूब ब सजयती हैं। बस जो जितनी ज्यादा नेकिया करना चाहे कर ले। यही वजह है कि अल्लाह वाले और नेक लोग रमजान शरीफ का बहुत एहतिमाम करते हैं। बहुत से अल्लाह के बंदे तो एक महीने के लिए कामधंधा बिलकुल छोड़ कर इबादतों में ही लग जाते हैं और जिनके पास इतनी फुरसत नहीं है वह कुछ वक्त कारोबार के साथ कुछ इबादतों का कर लेते हैं। अल्लाह ताला मुझे और आप सब को इस मुबारक महीने की कद्र करने की तौफीक नसीब फरमाये।

सुन्नी हेल्पलाइन

सवाल । क्या केवल कोरोना वायरस के खौफ से रोजा छोड़ना सही है

जवाब । केवल कोरोना वायरस के खौफ से रोजा छोड़ना सही नहीं है।

सवाल । जिस शख्स ने इशा की नमाज नहीं पढ़ी है अगर वह तरावीह में शामिल हो जाये तो क्या उसकी तरावीह सही होगी।

जवाब । उसकी तरावीह सही नहीं होगी। पहले इशा की फर्ज नमाज पढ़े और तरावीह की छुटी हुई रकातें बाद में पूरी करें।

सवाल । क्या औरतों के लिए भी तरावीह की नमाज जमाअत के साथ है

जवाब । औरतों के लिए तरावीह की नमाज बिना जमाअत के मसनून है।

सवाल । क्या सहरी खाने के बाद तहज्जुद की नमाज पढ़ी जा सकती है।

जवाब । सुबह सादिक़ होने से पहले तहज्जुद पढ़ी जा सकती है।

सवाल । किसी शख्स के पास जमीन का एक प्लाट है उस प्लाट पर अपने रहने के लिए मकान बनवाने का इरादा है तो क्या उस जमीन पर भी जकात है

जवाब । जो जमीन मकान बनाकर रहने के लिए खरीदी गयी हो उस पर जकात नहीं है।

शिया हेल्पलाइन

सवाल । यदि कोई व्यक्ति कोरोना महामारी के कारण अपने रोजे इफ्तार ना करा सके तो इसका विकल्प क्या होगा।

जवाब । चूंकि वैश्रि्वक महामारी से सभी को सुरक्षित रहना महत्वपूर्ण है अगर रोजा इफ्तार संभव नहीं है तो रोजा इफ्तार का सामान कुछ लोगों के घर भेजा जा सकता है। इसका सवाब इफ्तार जैसा है।

सवाल । यदि कोई व्यक्ति कुरान की आयत से रोजा के अनिवार्य होने को इंकार करदे तो क्या हुक्म है।

जवाब । यदि कोई व्यक्ति कुरान की आयत से रोजा के अनिवार्य होने को इंकार कर दें तो ऐसा व्यक्ति काफिर हो जाएगा।

सवाल । मोबाइल फोन पर कुरान पड़ते वक्त अक्षरों पर अगर हाथ लग जाए तो क्या हुक्म है

जवाब । पवित्र कुरान को बेगैर वज़ू के छूना हराम है, लेकिन बिना वजू के मोबाइल फोन की स्क्रीन को छू सकता है।

सवाल । क्या किसी गरीब व्यक्ति को दवा इलाज के लिए खुम्स का पैसा दिया जा सकता है

जवाब । यदि कोई व्यक्ति शरीयत का पाबंद है और सैय्यद है तो उसे खुम्स से सहमे सादात दिया जा सकता है।

सवाल । रोजा कितने किमी पर कस्त्र होगा

जवाब । यदि कोई व्यक्ति शहर से 5 किमी दूर यात्रा करता है तो उसका रोजा कस्त्र होगा और रोजा नहीं रख सकता।

सुन्नी हेल्पलाइन

लोग अपने सवालात दोपहर 2 बजे से 4 बजे के दौरान इन नम्बरों 9415023970 9335929670, 9415102947, 7007705774, 9140427677 और

Email: ramzanhelpline.2005@gmail.com

WWW.farangimahal.inपर सवाल पूछ सकते है।

शिया हेल्पलाइन

महिलाओं के लिए हेल्प लाइन नंबर 6386897124 है जबकि शिया हेल्प लाइन के लिए सुबह 10 से 12 बजे तक 9415580936 9839097407 नंबर पर संपर्क करें।