- कॉलोनियों के जर्जर होने पर लिया गया फैसला

- इनकी जगह बनाए जाएंगे फ्लैट

LUCKNOW वर्ष 1923 में लखनऊ में बनाई गई उत्तर और पूर्वोत्तर रेलवे की 22 कॉलोनियां अब जर्जर हो चुकी हैं जिनको तोड़ने की रेलवे ने तैयारी पूरी कर ली है। इन कॉलोनियों में ज्यादातर समूह ग और घ के कर्मचारियों का आवास है, जिनमें से अधिकांश पर अब अवैध कब्जा है। इन कॉलोनियों को पहले ही रेलवे ने कंडम घोषित कर दिया था, लेकिन कोरोना के कारण कार्रवाई करीब दो साल से नहीं हो सकी है। अब इन कॉलोनियों को तोड़कर नए आवासों का निर्माण किया जाने का प्रस्ताव है, जिसके लिए रेलवे बोर्ड की मंजूरी मिलने का इंतजार है। जानकारों की मानें तो मरम्मत का कार्य पिछले तीन दशकों से नहीं कराया गया।

अधिकांश ने खाली कर दिये आवास

इन कालोनियों की जर्जर हालत को देखते हुए अधिकांश कर्मचारियों ने आवास खाली कर रखे हैं जिनमें लोगों ने अवैध कब्जे कर रखे हैं। इतना ही नहीं, कुछ आवासों को गैर रेलकर्मियों को किराया पर भी दे दिया गया है जो कि रेलवे नियमों के विपरीत है। करीब सौ साल पूरी कर चुकी इन कॉलोनियों को तोड़ने और नए आवास बनाने को लेकर रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा गया है।

यह कॉलोनियां टूटेगी

- आलगबाग की एलडी कॉलोनी

- बीजी कॉलोनी

- फतेली कॉलोनी

- पंजाबी नगर के रेलवे आवास

- शांतिपुरम कॉलोनी

वर्जन

अत्यधिक जर्जर हो चुके भवनों को तोड़ने की तैयारी पूरी कर ली गई है। इनकी जगह पर नए और आधुनिक आवास बनाकर कर्मचारियों को दिए जाएंगे।

अजीत सिंहा, डिप्टी डीसीएम, रेलवे