लखनऊ (ब्यूरो)। अपराधी कितना भी शातिर हो, पुलिस की गिरफ्त से नहीं बच पाता। प्रयागराज में उमेश पाल मर्डर केस में शामिल माफिया अतीक अहमद के बेटे असद व शूटर गुलाम को आखिरकार एसटीएफ ने मार गिराया। हालांकि, राजधानी में कई ऐसे बदमाश हैं जिनके ऊपर इनाम भी घोषित और उनकी लखनऊ पुलिस सालों से तलाश कर रही है। कई प्रयासों के बाद भी वे अभी तक हाथ नहीं आए हैं। इसमें एक नाम है मुख्तार अंसारी के खास गुर्गे जुगनू वालिया का।

हत्या की साजिश रची थी जुगनू ने

आलमबाग के चंदरनगर इलाके में रहने वाले जसविंदर सिंह उर्फ रोमी का चिकचिक नाम से रेस्टोरेंट था। 27 अक्टूबर 2021 की देर रात रोमी रेस्टोरेंट पर थे। इस बीच उनके पूर्व परिचित जसप्रीत उर्फ लवीश और नीशू सहित चार लोग कार से खाना खाने पहुंचे। जसविंदर ने पुलिस को बयान दिया था कि उन लोगों ने उससे शराब पीने को कहा तो उसने मना कर दिया। नीशू ने पिस्टल निकाल कर उसके दो गोली मार दीं। एक गोली रोमी के सीने और दूसरी पेट पर लगी। इलाज के दौरान रोमी की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस नीशू, लवीश, जोगिंदर, दिलशाद, गोल्डी और नीतेश भटनागर को गिरफ्तार कर चुकी है। इस हत्याकांड की विवेचना के दौरान पुलिस की जांच में सामने आया था कि जुगनू वालिया ने ही रोमी की हत्या की साजिश रची थी और गोली मारने वाले आरोपियों को बचाया था।

पांच लग्जरी गाडिय़ां को किया कुर्क

लखनऊ पुलिस ने अगस्त 2020 को जुगनू वालिया की बीएमडब्ल्यू, ऑडी व जगुवार समेत 5 लग्जरी गाडिय़ां कुर्क की थीं। बताया जा रहा था कि इन गाडिय़ों का इस्तेमाल सपा के पूर्व एमएलसी बलवंत सिंह रामूवालिया करते थे। इसकी पुष्टि इस बात से हुई थी कि पुलिस ने जुगनू की जिस जगुआर गाड़ी को कुर्क किया था, उसमें विधानसभा का वाहन पास लगा हुआ था। यह पास तत्कालीन एमएलसी बलवंत सिंह रामूवालिया के नाम से जारी हुआ था। यह वाहन साल 2017 से 2019 तक नवीनीकरण किया गया था।

मुख्तार अंसारी को बताता था अपना गुरु

10 जनवरी 2019 को मानकनगर के कपड़ा व्यापारी अमनप्रीत की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी। ये हत्या जुगनू वालिया ने करवाई थी। हत्या के पीछे सूद का पैसा न वापस करना रही थी। साल 2018 में जुगनू वालिया ने मुख्तार अंसारी व उसके साम्राज्य पर जब योगी सरकार व पुलिस की कार्रवाई हो रही थी। तब जुगनू ने फेसबुक में लाइव आकर योगी सरकार पर मुख्तार को परेशान करने का आरोप लगाया था। इस दौरान जुगनू ने मुख्तार अंसारी को अपना गुरु बताया था।

तीन साल से पुलिस की गिरफ्त से दूर

माफिया मुख्तार अंसारी के गुर्गे को पुलिस तीन साल से तलाश रही है। उसकी तलाश में पुलिस लखनऊ, गाजीपुर, मऊ, दिल्ली व पंजाब में कई बार डेरा डाल चुकी। उसके ऊपर 20 केस दर्ज है और यूपी पुलिस की टॉप 25 अपराधियों की लिस्ट में भी शामिल है। उसपर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया, जिसे जल्द ही बढ़ाने की भी चर्चा है।

और भी हैं फरार इनामी अपराधी

इनाम-50 हजार रुपये

नाम-सलीम उर्फ मुख्तार शेख

पिता-नजीर अहमद

पता-इंदल होटल के पीछे, गढ़ी कनौरा हरचंद्रपुर थाना आलमबाग

इनाम-05 लाख रुपये

नाम-रासिद नसीम

अपराध-ठगी

पिता का नाम-नसीम अहमद

पता-साउथ सिटी व डालीबाग लखनऊ

तीन महीनों में 29 इनामी हो चुके गिरफ्तार

डीसीपी अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि तीन माह में 29 इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनके ऊपर 10 हजार से लेकर 25 हजार रुपये तक का इनाम घोषित था। वहीं, इसके अलावा चार अपराधियों पर इनाम घोषित किया है। जिसमें गोमती नगर का पीयूष तिवारी, श्याम नारायण तिवारी, वजीरगंज का मो। हसन के ऊपर 25 हजार का इनाम और बांग्लादेश के मूल निवासी शफीकुल के ऊपर कैसरबाग थाना से 25 हजार का इनाम घोषित किया गया है।

तीन महीने में बड़ी कार्रवाई करते हुए 29 इनामी बदमाशों को गिरफ्तार किया गया। वहीं, चार के ऊपर इनाम घोषित किया गया। फरार इनामी बदमाश जुगनू वालिया की तलाश में कई ठिकानों पर दबिश भी दी जा रही है। उसके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई भी की गई। उसके ऊपर इनाम की राशि बढ़ाने की कवायद चल रही है।

-अपर्णा रजत कौशिक, डीसीपी सेंट्रल प्रवक्ता, लखनऊ कमिश्नरेट