22 लाख लोग देश में आंख की पुतली की बीमारी का शिकार

2 लाख लोग प्रदेश में आंख की पुतली की बीमारी से पीडि़त

1 लाख कार्निया हर साल होने चाहिए ट्रांसप्लांट

- कोरोना काल में भी केजीएमयू ने कार्निया ट्रांसप्लांट में हासिल की उपलब्धि

- नवंबर माह में कार्निया ट्रांसप्लांट के मामले में देश में दूसरे और दिसंबर में चौथे स्थान पर

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रुष्टयहृह्रङ्ख: कोरोना महामारी के चलते आने वाली दिक्कतों के बाद भी राजधानी के केजीएमयू ने एक शानदार उपलब्धि अपने नाम दर्ज की है। कोविड प्रोटोकॉल के तहत केजीएमयू में दोबारा कार्निया ट्रांसप्लांट शुरू हो चुका है और नवंबर माह में यहां 118 कार्निया ट्रांसप्लांट किए हैं। नवंबर माह में देश में कार्निया ट्रांसप्लांट के मामले में केजीएमयू देश में दूसरे स्थान पर रहा है।

टॉप फाइव संस्थानों में शामिल

केजीएमयू आई बैंक के डायरेक्टर डॉ। अरुण शर्मा ने बताया कि कोरोना के दौरान यहां कार्निया ट्रांसप्लांट का काम बंद हो गया था। कोरोना को देखते हुए पूरी सावधानी के साथ कार्निया प्रत्यारोपण का काम किया जा रहा है। केजीएमयू नवंबर माह में 118 ट्रांसप्लांट के साथ दूसरे और दिसंबर माह में 125 ट्रांसप्लांट के साथ देश में चौथे स्थान पर रहा है। केजीएमयू इस पूरे कोरोना काल में सर्वाधिक कार्निया ट्रांसप्लांट करने वाले शुरुआती पांच संस्थानों में शामिल है।

आई कई चुनौतियां

डॉ। अरुण ने बताया कि कोर्निया ट्रांसप्लांट में सबसे बड़ी चुनौती कोरोना ही है, क्योंकि हम किसी वालेंटियर को नहीं बुला सकते हैं। जितने भी कार्निया लिए गए हैं, वे सब अस्पताल के माध्यम से ही लिए गए हैं। यानि जिनकी मौत अस्पताल में ही हुई है और इन्हें कोरोना भी नहीं था।

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कोरोना जांच जरूरी

डॉ। अरुण ने बताया कि शव से कार्निया लेने से पहले उसकी पूरी हिस्ट्री ली जाती है और जरूरत पड़ने पर कोविड टेस्ट भी कराया जाता है। उसके बाद ही कार्निया लिया जाता है। जिन व्यक्ति को कार्निया लगाया जाना है उसकी भी कोविड जांच कराई जाती है।

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भ्रांतियां हों दूर

डॉ। अरुण के अनुसार देश में करीब 22 लाख और प्रदेश में करीब 2 लाख लोगों को आंख की पुतली से संबंधित बीमारी हैं। भारत सरकार के अनुसार हर साल 1 लाख आई ट्रांसप्लांट होनी चाहिए लेकिन ऐसा होता नहीं है। इसकी बड़ी वजह समाज में नेत्रदान को लेकर फैली भ्रांतियां हैं, जिसे लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

कोट

कोरोना काल में नवंबर माह में केजीएमयू 118 कार्निया ट्रांसप्लांट कर देश में दूसरे नंबर पर पहुंच गया था। वहीं दिसंबर माह में 125 कार्निया ट्रांसप्लांट कर हम देश में चौथे नंबर पर रहे। यह संस्थान के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

डॉ। अरुण शर्मा, डायरेक्टर आई बैंक, केजीएमयू

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किस माह कितने कार्निया ट्रांसप्लांट

माह ट्रांसप्लांट

नवंबर 118

दिसंबर 125