- मंत्री सुरेश खन्ना ने किय केजीएमयू का निरीक्षण

- मरीजों से की बात, गंदगी देख वेंडर पर लगाया जुर्माना

LUCKNOW:

केजीएमयू में लगातार मिल रही शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने शनिवार को केजीएमयू का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने हिदायत देते हुए कहा कि पैसा लेकर बेड देने वाला कर्मचारी दोबारा संस्थान में न आए। वहीं ट्रॉमा और लॉरी में गंदगी देख उन्होंने वेंडर पर जुर्माना लगाने के निर्देश दिए।

नौकरी पर नहीं रहना चाहिए

मंत्री ट्रॉमा पहुंचे तो वहां बेड के लिए पैसा मांगने की शिकायत करने वाले रामनिवास ने बताया कि उस पर दबाव बनाकर लिखवाया गया है कि बेड के लिए उससे पैसे नहीं मांग गए थे। इस पर मंत्री ने उसे 100 रुपए दिए और कहा, यह एफिडेविट पर लिखकर दें। वहीं उन्होंने वीसी को हिदायत दी की पैसा मांगने वाला कर्मचारी वापस नहीं आना चाहिए। इस दौरान प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दूबे, कुलसचिव आशुतोष कुमार द्विवेदी, वीसी प्रो। एमएलबी भट्ट, सीएमएस डॉ। एसएन शंखवार सहित मौजूद रहे।

गंदगी पर 50 हजार जुर्माना

न्यू ओपीडी में सुरेश खन्ना को गंदगी मिली तो उन्होंने सफाई करने वाली संस्था को बुलाया और वेंडर पर 50 हजार रुपए जुर्माना लगाया। यहां मरीज अनिल कुमार ने शिकायत की कि आयुष्मान कार्ड है लेकिन डॉक्टर ने 6 माह बाद का समय दिया है। जिसपर मंत्री ने उनका नाम और नंबर नोट करवाने के साथ सही से इलाज और सीएम सहायता कोष से आर्थिक मदद कराने का आश्वासन दिया। यहां मंत्री को अन्य मरीजों ने भी अपनी समस्याएं बताई।

लारी का किया निरीक्षण

निरीक्षण के दौरान लारी कार्डियोलॉजी में दुर्गध को लेकर नाराजगी जताई। वहीं वहां लगे बेड, मरीज, आईसीयू आदि की जानकारी ली। उन्होंने वहां लटके निर्माणकार्य की भी जानकारी मांगी। जिसपर बताया गया कि शासन से बजट की मंजूरी मिलते ही जल्द काम शुरू करा दिया जाएगा। जिसपर प्रमुख सचिव ने आश्वासन देते हुये निर्माण विभाग को जल्द से जल्द काम खत्म करने का निर्देश दिया।

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खाली पदों को जल्द भरें

प्रमुख सचिव रजनीश दूबे ने हॉस्पिटल मैनेजमेंट की अव्यवस्था पर नाराजगी जाहिर की तो बताया गया कि तीन पदों पर केवल एक पद पर ही भर्ती है। जिसपर उन्होंने पदों को बढ़ाने के साथ जल्द भर्ती के आदेश दिए।

पीआरओ को लगाई फटकार

मंत्री सुरेश खन्ना ने केजीएमयू के सभी पीआरओ को बैठक में फटकार लगाते हुए कहा कि उनकी लापरवाही से संस्थान के साथ सरकार की बुराई हो रही है। अगर आप ने व्यवहार नहीं सुधारा तो नौकरी नहीं बचेगी।