- एक मरीज गठिया और दूसरी बोन टीबी से ग्रसित

द्यह्वष्द्मठ्ठश्र2@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

रुष्टयहृह्रङ्ख: केजीएमयू में दो महिलाओं का जटिल हिप ट्रांसप्लांट किया गया। एक महिला में गठिया और दूसरी में बोन टीबी के कारण उनका कूल्हा खराब होने से भीतर की ओर धंस गया था। इससे पेशाब की थैली पर दबाव बढ़ गया था। ऐसे में केजीएमयू हड्डी रोग विभाग के डॉक्टरों ने बोन ग्राफ्टिंग कर हिप ट्रांसप्लांट कर दोनों महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने में सफलता हासिल की।

बोन ग्राफ्टिंग की गई

62 वर्षीय वंदना लंबे समय से गठिया रोग की वजह से चलने-फिरने में दिक्कत होने के कारण अधिकतर समय बिस्तर पर गुजरती थी। इसी तरह 34 वर्षीय ललिता बोन टीबी से पीडि़त थी। इलाज के बावजूद तबीयत में सुधार नहीं हुआ। इसके बाद परिजन मरीज को लेकर केजीएमयू के हड्डी रोग विभाग पहुंचे। यहां डॉ। नरेंद्र कुशवाहा के निर्देशन में इलाज शुरू हुआ। उनके मुताबिक पहले मरीज की बोन ग्राफ्टिंग का फैसला किया गया। इसमें बाहर से हड्डी मंगवाने के बजाय मरीज की हड्डी का ही प्रयोग किया गया। इसके बाद हिप ट्रांसप्लांट सफल रहा। उन्होंने बताया कि मरीज का इलाज आयुष्मान योजना के तहत फ्री में हुआ है। ऑपरेशन के बाद दोनों अपने पैरों पर खड़ी हो गई हैं।