- अक्टूबर तक तीसरी लहर आने की संभावना

- बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती है तीसरी लहर

- अगस्त मध्य में केजीएमयू पूरी कर लेगा तैयार

LUCKNOW : कोविड की संभावित तीसरी लहर में बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए केजीएमयू ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। अक्टूबर तक तीसरी लहर के आने का अनुमान जताया जा रहा है। वहीं केजीएमयू प्रशासन के मुताबिक वह अगस्त मध्य में ही तैयारियां पूरी कर लेगा।

0 से 18 वर्ष में 40 प्रतिशत खतरा

संभावना है कि इस लहर में लगभग 40 प्रतिशत मामलों की संख्या 0-18 वर्ष की आयु सीमा में होगी जबकि यह पहली और दूसरी लहर में 12 प्रतिशत थी। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस समय देश में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। वहीं स्कूल खोलने से बच्चों में कोविड नियम का पालन कराने में काफी समस्या आएगी। वायरस म्यूटेशन के कारण बच्चों में संक्रमित होने का खतरा अधिक है।

42 प्रतिशत संख्या 18 वर्ष से कम उम्र की संख्या

- 23 करोड़ प्रदेश की जनसंख्या

- 15,03,490 (0.6 प्रतिशत) लोग कोविड से पीडि़त थे 11 मई 2021, तक

- 1 प्रतिशत कुल जनसंख्या का तीसरी लहर में संक्रमित होने का अनुमान

- 2 महीने मार्च से अप्रैल के बीच आये सबसे ज्यादा मामले

- दो माह में तीसरी लहर के अधिक मामले आने पर नहीं होगी बेड की कमी

- 18 वर्ष या उससे कम एज ग्रुप की 42 प्रतिशत संख्या

- 95 प्रतिशत बच्चे अभी तक कोविड मरीज के संपर्क में नहीं आये

यह हैं तैयारियां

- सभी मेडिकल कॉलेज में 50 बाल चिकित्सा आईसीयू/एचडीयू और 50 आइसोलेशन बेड ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ संचालित किए जाएंगे।

- केजीएमयू में विशेषज्ञ डॉक्टरों का समूह है जो आपस में वर्चुअली लिंक रहता है।

- एक महीने के लिए 10 बेड्स के लिए आवश्यक उपकरणों और आपूर्ति की संख्या सुनिश्चित कर ली गई है।

- संक्रमित बाल चिकित्सा सुविधाओं के प्रबंधन एवं कुशलता से देखभाल/निगरानी को दूसरे और तीसरे लेवल की सुविधाओं से डॉक्टर, नसरें ,पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य संबंधित कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

- ट्रेनिंग के लिए एक ऑनलाइन ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार किया गया है। हर दिन प्री और पोस्ट टेस्ट लिया जाएगा।

- ट्रेनिंग पूरा करने के बाद भागीदारी का एक कंप्यूटर जनित प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।

- राज्य सरकार प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए नामांकन भेजेगी, नामांकित व्यक्तियों की ट्रेनिंग भी कराई जाएगी।

- ट्रेनिंग में केजीएमयू, एसजीपीजी, आईएमए, आईएमएस-बीएचयू, आरएमएल, पीएमएस और एम्स, रायबरेली भी सहयोग करेंगे।