- केजीएमयू ट्रेनिंग पर करेगा विशेष फोकस

LUCKNOW:

प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर खत्म होते दिखाई दे रही है। वहीं एक्सपर्ट इसकी तीसरी वेब के आने की आशंका जाहिर कर चुके हैं। कहा जा रहा है कि तीसरी वेब का असर बच्चों पर अधिक हो सकता है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार पीडियाट्रिक विंग को मजबूत करने के लिए जोर-शोर से काम शुरू कर चुकी है। इसके लिए प्रदेश स्तर पर एक एडवायजरी कमेटी का भी गठन किया गया है।

बड़ों के डॉक्टर होंगे ट्रेंड

केजीएमयू के वीसी डॉ। बिपिन पुरी भी इस एडवायजरी कमेटी के सदस्य हैं। उन्होंने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर एक 14 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। जो पीडियाट्रिक्स की तैयारियां किस तरह करनी हैं, इस पर काम कर रही है।

इन चीजों पर कमेटी कर रही काम

- कितने पीडियाट्रिक आईसीयू बनाए जाने हैं

- किस तरह की ट्रेनिंग की होगी आवश्यकता

- पीडियाट्रिक आईसीयू को किस तरह चलाना है

अभी अनुभव नहीं

केजीएमयू वीसी ने बताया कि बच्चों के आईसीयू को किस तरह चलाना है इसका अनुभव अभी स्टॉफ के पास नहीं है। पीडियाट्रिशियंस की भी पूरी उपलब्धता नहीं है। वहीं अधिक उम्र वाले मरीजों के डॉक्टरों को बच्चों को लेकर ट्रेंड किया जाना है। इस काम के लिए केजीएमयू को लीडिंग रोल दिया गया है।

ट्रेनिंग पर होगा काम

डॉ। पुरी ने बताया कि नीति आयोग में हमारे पीडियाट्रिक विभाग की एचओडी शैली अवस्थी भी योगदान दे रही हैं। उन्होंने कहा कि अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी वेब अक्टूबर-नवंबर तक आने की आशंका है। हमारे पास इससे निपटने के लिए चार से पांच माह का समय है। इसमें हम इंटेंस ट्रेनिंग की शुरुआत करने जा रहे हैं। सीएचसी-पीएचसी लेवल से लेकर मेडिकल कॉलेज तक में सेंट्रल ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। उम्मीद है यह प्रोग्राम एक-दो सप्ताह में शुरू हो जाएगा।

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए तैयारी की जा रही है। सारी तैयारियां समय से पहले पूरी हो जाएंगी, जिसमें ट्रेनिंग पर अधिक फोकस किया जाएगा।

ले। जन। डॉ। बिपिन पुरी, वीसी, केजीएमयू