10 लाख रुपए परिजनों से फिरौती में मांगे

10 लाख रुपए परिजनों ने बैंक में जमा किए

10 अगस्त 2016 को आरोपियों की गिरफ्तारी

तारीख- 8 अगस्त 2016

स्थान- सहारा गंज मॉल के सामने

समय- रात के 8 बजे

- पीडब्ल्यूडी इंजीनियर की किडनैपिंग और मास्टरमाइंड की हत्या करने वाले आरोपियों को आखिरकार पुलिस ने फ्लाइट से दबोचा

- पहली बार मोबाइल की जगह बैंक अकाउंट को रखा गया सर्विलांस पर

LUCKNOW: मुंबई जाने वाली गो एयर की फ्लाइट नंबर जी-8396 में किडनैपिंग व मर्डर के दो आरोपी हैं, आप किसी भी तरह से फ्लाइट रुकवाएं.' 10 अगस्त 2016 की शाम 6.30 बजे अमौसी एयरपोर्ट के डायरेक्टर पीके श्रीवास्तव को कॉल कर यह बात कही तत्कालीन एसएसपी लखनऊ मंजिल सैनी ने। यह फ्लाइट टेकऑफ के लिये रनवे की थर्ड लेयर पर पहुंच चुकी थी। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने यह फ्लाइट रुकवायी। करीब 7.10 बजे रनवे पर पहुंची पुलिस टीम ने दोनों आरोपियों को दबोच लिया। दरअसल, जल निगम के सेक्शन इंजीनियर इंदिरानगर निवासी अब्दुल सलीम फरीदी की किडनैपिंग, उनके रिहा होने, फिरौती की रकम की लालच में मास्टरमाइंड संदीप सिंह व नीतू के कत्ल और उनके कातिलों की अरेस्टिंग की पूरी कहानी जितनी दिलचस्प है, इन कातिलों को पकड़ने के लिये पुलिस द्वारा अपनाई गयी स्ट्रेटजी उससे भी ज्यादा रोमांचक। आइये आपको बताते हैं इस कहानी के बारे में जब पहली बार आरोपी का बैंक अकाउंट सर्विलांस पर रखकर आरोपियों को दबोचा गया।

यह थी घटना

जल निगम में सेक्शन इंजीनियर के पद पर कार्यरत रहे अब्दुल सलीम फरीदी को नीतू सिंह ने हनी ट्रैप में फंसाया और 8 अगस्त की रात 8 बजे सहारागंज के सामने मिलने बुलाया। फरीदी उसके प्रेम जाल में फंस चुके थे लिहाजा, वे वहां जा पहुंचे। सहारागंज पहुंचने पर नीतू के साथ पहले से मौजूद उसके प्रेमी संदीप सिंह, इमरान और जीतेश ने फरीदी को किडनैप किया। पूरी रात फरीदी का कुछ पता नहीं चला और उनका मोबाइल भी बंद आ रहा था। परिजनों ने अगले दिन गाजीपुर थाने में उनकी गुमशुदगी दर्ज कराई। इसी बीच अगले दिन सुबह करीब 10 बजे फरीदी के मोबाइल से उनके बेटे के मोबाइल फोन पर कॉल आई। कॉल करने वाले ने बताया कि उनके पिता को किडनैप कर लिया गया है। अगर वह उनकी सलामती चाहता है तो वह बताए गए बैंक अकाउंट में 10 लाख रुपये जमा कर दे। फोन कॉल आते ही पुलिस एक्टिव हो गयी। मोबाइल की लोकेशन इलाहाबाद के सोरांव में मिली।

टर्निग प्वाइंट

पुलिस टीम लोकेशन के मुताबिक सोरांव पहुंची ही थी कि फरीदी की लोकेशन बदलकर फाफामऊ मंसूराबाद रोड दिखने लगी। पुलिस ने वहां पहुंचकर फरीदी को रोड के किनारे से बरामद किया और उन्हें लेकर लखनऊ आयी। पूछताछ में पता चला कि फरीदी के परिजनों ने किडनैपर्स द्वारा बताए गए बैंक अकाउंट में 10 लाख रुपये आरटीजीएस करने पर उन्हें किडनैपर्स ने छोड़ा है। रकम संदीप सिंह के अकाउंट में जमा करायी गयी थी। इसके बाद संदीप के मोबाइल फोन को सर्विलांस पर लिया गया लेकिन, उसका मोबाइल फोन स्विच ऑफ आ रहा था। इसी बीच इलाहाबाद पुलिस ने जानकारी दी कि संदीप और नीतू का कत्ल हो गया है और उनकी लाश हंडिया व उरांव से बरामद हुई है। तुरंत एक पुलिस टीम को संदीप के अकाउंट की निगरानी के लिये एचडीएफसी बैंक में बिठा दिया गया। यही केस का टर्निग प्वाइंट साबित हुआ। संदीप के कत्ल के बाद भी उसके अकाउंट से बराबर रकम निकाली जा रही थी। पता चला कि अज्ञात शख्स रुपये निकालते हुए लखनऊ की ओर बढ़ रहे हैं। पुलिस अकाउंट की हर हलचल पर नजर बनाए थी। पर, लखनऊ पहुंचने के बाद अकाउंट से रुपये निकलना बंद हो गये। शाम करीब पांच बजे एक बार फिर संदीप के कार्ड से 6200 रुपये स्वैप कराए गए।

कातिल एयरपोर्ट पर

जानकारी पर पता चला कि यह पेमेंट एयरपोर्ट के स्पा में किया गया है। पुलिस को समझते देर न लगी कि संदीप व नीतू के कातिल एयरपोर्ट पर मौजूद हैं। केस की जांच में लगी टीम के मुखिया तत्कालीन सीओ गाजीपुर दिनेश पुरी ने एयरपोर्ट पर कॉल कर लखनऊ से रवाना होने वाली फ्लाइट्स के बारे में जानकारी की तो पता चला कि शाम 6.30 बजे गो एयर की फ्लाइट मुंबई के लिये जाने वाली है।

बॉक्स

रनवे पर पहुंची पुलिस

सीओ दिनेश पुरी ने गो एयर से संपर्क कर पैसेंजर्स की लिस्ट खंगाली। जिसमें पता चला कि संदीप के साथी इमरान व जीतेश इसी फ्लाइट में जाने वाले हैं। फ्लाइट की लोकेशन की जानकारी की गयी तो पता चला कि फ्लाइट पैसेंजर्स को बोर्ड कर टैक्सी वे से रनवे पर पहुंच चुकी है। उन्होंने फौरन एसएसपी मंजिल सैनी को पूरी बात बताई। एसएसपी सैनी ने फौरन एयरपोर्ट डायरेक्टर पीके श्रीवास्तव को कॉल कर फ्लाइट को रनवे पर टेकऑफ करने से रोका। इसी बीच सरोजनीनगर पुलिस रनवे पर पहुंची और फ्लाइट से आरोपियों इमरान व जीतेश को अरेस्ट कर लिया। पूछताछ में उन दोनों ने कुबूल किया कि फिरौती की रकम का बटवारा होने से रोकने के लिये उन लोगों ने ही संदीप व नीतू का कत्ल किया।