लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ जहां एलडीए की ओर से अपनी नई-नई योजनाओं को लांच करने के लिए जगह की तलाश की जा रही है, वहीं शहर के पॉश एरिया में एलडीए को करीब 100 करोड़ की कीमत की जमीन खाली मिली है। अभी जमीन की फाइनल पैमाइश की जा रही हैप्त इस जमीन की कीमत 100 करोड़ से अधिक होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस जमीन में अब प्राधिकरण की ओर से नए प्रोजेक्ट्स लांच किए जा सकते हैैं। हालांकि, इससे पहले यह भी देखा जाएगा कि आखिर दस सालों से अभी तक जमीन किसी की नजर में क्यों नहीं आई। वीसी के निर्देश पर इस जमीन से रिलेटेड अभिलेख भी खंगाले जा रहे हैैं।

मिले थे अवैध कब्जे

पिछले दिनों एलडीए प्रशासन को प्राधिकरण की संपत्ति में अवैध कब्जे होने संबंधी जानकारी मिली थी। जिसके बाद एलडीए की ओर से यहां पर अभियान चलाकर अपनी संपत्तियों खासकर व्यावसायिक को खाली कराया था। चूंकि इस योजना का बड़ा हिस्सा कॉमर्शियल है, इस वजह से प्राधिकरण प्रशासन ने निर्णय लिया कि यहां पर ड्रोन सर्वे कराया जाएगा। जिससे पता चल सके कि कितनी संपत्तियों पर कब्जे हैैं और कितनी जमीन खाली है।

करीब पंद्रह दिन चला सर्वे

वीसी के निर्देश पर आनन-फानन में पूरे क्षेत्र में ड्रोन सर्वे कराया गया। इस दौरान राहत की बात यह देखने को मिली कि एक आंशिक हिस्से को छोड़कर कहीं भी अवैध कब्जे नहीं मिले, लेकिन प्राधिकरण की जानकारी में यह बात जरूर आई कि करीब 100 करोड़ से अधिक की जमीन ऐसी है, जिसका आज तक कोई यूज नहीं किया गया। अगर यह जानकारी पहले मिल गई होती तो वहां पर कोई योजना या कॉमर्शियल प्रोजेक्ट लांच किया जा सकता था। जिसका सीधा फायदा जनता को मिलता साथ ही एलडीए को राजस्व संबंधी लाभ मिलता।

अब तैयार हो रही रिपोर्ट

ड्रोन सर्वे पूरा होने के बाद अब एलडीए की ओर से विराज खंड एरिया में मिली जमीन की फाइनल रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। अभी जो जानकारी मिली है उससे साफ है कि कुछ नियोजित जमीन है, जबकि कुछ अनियोजित। इसके साथ ही कुछ प्लॉट्स ऐसे भी सामने आए हैैं, जिन पर आंशिक कब्जा है। पहले तो प्राधिकरण की ओर से इन कब्जों को हटाकर अपनी जमीन खाली कराने की तैयारी की जा रही है। पूरी संभावना है कि इसी महीने प्राधिकरण की ओर से कार्रवाई कर जमीन खाली करा ली जाए।

बेहद कीमती है जमीन

वीसी के निर्देश पर हुए ड्रोन सर्वे के बाद यह तो साफ है कि जो जमीन सामने आई है, उससे रेवेन्यू संबंधी लाभ प्राधिकरण को मिलेगा। वहीं यहां पर प्राधिकरण की ओर से कार्ययोजना तैयार कर कोई कॉमर्शियल योजना भी लांच की जा सकती है। अभी एलडीए के पास मुख्य रूप से कॉमर्शियल प्रोजेक्ट्स के रूप में कानपुर रोड योजना शामिल है। यहां पर आवासीय इकाईयां तो हैैं ही साथ में कॉमर्शियल प्लॉट्स भी हैैं, जो बेहद कीमती हैैं। इनका साइज दो हजार या तीन हजार स्क्वॉयर फिट से अधिक है। अब एलडीए पार्ट में बेचने की तैयारी कर रहा है, जिससे प्राधिकरण की संपत्ति निस्तारित हो सके साथ ही जनता अपनी पसंद के अनुसार, संपत्ति ले सके।

सभी तरह के प्लॉट्स

विराज खंड में एलडीए के कॉमर्शियल और आवासीय दोनों तरह के प्लॉट्स हैैं। बेहद पॉश एरिया होने के कारण यहां पर जमीनों की कीमत करोड़ों में है। बड़े कॉमर्शियल प्लॉट्स की कीमत तो और भी अधिक होगी। प्राधिकरण प्रशासन की ओर से इस प्रोजेक्ट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है साथ ही अन्य योजनाओं में भी ड्रोन सर्वे कराने की तैयारी की जा रही है। जिससे अगर कोई रिक्त जमीन है तो उसे सामने लाया जा सके।

विराज खंड में ड्रोन सर्वे कराया गया था, जिसमें बेशकीमती जमीन मिली है। अभी ड्रोन सर्वे के आधार पर रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। इसके बाद ही सही तस्वीर सामने आ सकेगी।

-डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए