लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए अगले वर्ष राजधानी में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में लगभग 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश की आधारशिला रखेगा। प्राधिकरण के वीसी डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी ने इस संबंध में शुक्रवार को प्रमुख निवेशकों के साथ बैठक करके उन्हें निवेश के लिए प्रोत्साहित किया। निवेशकों को एनओसी आदि से संबंधित कार्यों के लिए कहीं भटकना न पड़े। इसके लिए वीसी ने एक वाट्सएप ग्रुप बनवाया है, जिसमें प्राधिकरण के अलावा अन्य संबंधित विभागों के शीर्ष अधिकारी भी शामिल रहेंगे और निवेशकों की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित हो सकेगा।

फरवरी में होना है समिट

वीसी ने बताया कि अगले वर्ष फरवरी माह में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में राजधानी के रियल एस्टेस्ट सेक्टर में लगभग 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश का खाका खींचा गया है। इससे शहर के विकास, सौंदर्यीकरण व इंफ्रास्ट्रक्चर को नयी उड़ान मिलेगी। शुक्रवार को इस संबंध में देश व प्रदेश के प्रमुख निवेशकों के साथ बैठक की गयी, जिसमें निजी विकासकर्ताओं द्वारा राजधानी में लांच किये जाने वाले प्रोजेक्टों पर चर्चा के साथ ही इसमें होने वाले निवेश की गणना की गई।

ये लोग करेंगे निवेश

वीसी ने बताया कि एमआई बिल्डर्स प्रा.लि। ने 850 करोड़ रुपये, रिशिता ग्रुप ने 800 करोड़ रुपये, हमसफर देलार प्रा.लि। ने 800 करोड़ रुपये, अमरावती होम्स प्रा.लि। द्वारा 300 करोड़ रुपये, ओरो रियल इंफ्रा द्वारा 650 करोड़ रुपये, पारदोस डेवलपर्स द्वारा 250 करोड़ रुपये, ओमेगा ग्रुप द्वारा 200 करोड़ रुपये, चिन्मय ग्रुप द्वारा 290 करोड़ रुपये, एल्डिको ग्रुप द्वारा 300 करोड़ रुपये, अमरावती इंफ्रा डेवलपर्स द्वारा 125 करोड़ रुपये, सैफायर ग्रुप द्वारा 260 करोड़ रुपये, ओमैक्स द्वारा 250 करोड़ रुपये, बाबा ग्रुप द्वारा 600 करोड़ रुपये, इकाना ग्रुप द्वारा 600 करोड़ रुपये व टचवुड बिल्डर्स द्वारा 200 करोड़ रुपये समेत अन्य निवेशकों ने लगभग 10 हजार करोड़ के निवेश का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। यह सभी प्रोजेक्ट आगामी पांच वर्षों में धरातल पर उतर जाएंगे। वीसी ने कहा कि सभी निवेशक सोमवार तक निवेश सारथी वेबसाइट पर अपने-अपने प्रोजेक्ट की डिटेल अपलोड करा दें।

निवेशकों को सिंगल विंडो सिस्टम की सहूलियत

बैठक के दौरान निवेशकों द्वारा बताया गया कि प्रोजेक्ट की शुरुआत करने के लिए प्राधिकरण, नगर निगम, खनिज व जलकल आदि विभागों की एनओसी लेनी पड़ती है। इसके लिए अलग-अलग विभागों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, जिसमें कई जगह कार्य लंबित होने से प्रोजेक्ट अटक जाता है। इसके अलावा ऑनलाइन बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम के माध्यम से मानचित्र निस्तारित कराने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। इस पर वीसी ने सभी निवेशकों के लिए तुरंत एक वाट्सएप ग्रुप बनवाया, जो सिंगल विंडो सिस्टम की तरह काम करेगा। वीसी ने बताया कि इस वाट्सएप ग्रुप में प्राधिकरण के नजूल, अर्जन, सीलिंग, ट्रस्ट व प्लानिंग अनुभाग के साथ ही नगर निगम, जलकल, अग्निशमन व खनिज विभाग के शीर्ष अधिकारियों को जोड़ा जाएगा। निवेशक द्वारा एनओसी व प्रोजेक्ट से संबंधित किसी भी तरह की समस्या ग्रुप में साझा किये जाने पर संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी की निगरानी में उसका त्वरित समाधान किया जाएगा।