लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी की सड़कों पर यात्री और माल ढोने वाले वाहन चालक नशे में वाहन चलाते मिले तो उनका लाइसेंस निरस्त किया जायेगा। सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए परिवहन विभाग ने यह तैयारी की है। ऐसे में ई-रिक्शा, ऑटो, टेंपो, सिटी बस और रोडवेज बसों के चालकों का ब्रेथएनालाइजर टेस्ट किया जायेगा। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, इसके लिए आरटीओ के चेकिंग अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है। रोजाना कितने वाहन चालकों की जांच की गई, वाहन नंबर सहित इसकी रिपोर्ट भी मुख्यालय भेजी जायेगी।

कई बार सामने आई हैं शिकायतें
आरटीओ अधिकारियों के अनुसार, राजधानी की सड़कों पर 25 हजार ई-रिक्शा, चार हजार ऑटो और ढाई हजार टेंपो यात्री ढोने में जुटे हैं। कई बार इन चालकों के शराब पीकर वाहन चलाने की जानकारी मिलती रहती है। यात्रियों ने इसकी शिकायत भी परिवहन विभाग की हेल्पलाइन पर की है। इन शिकायतों को ध्यान में रखते हुए परिवहन विभाग ने राजधानी में चलने वाले व्यवसायिक वाहनों के चालकों की जांच के आदेश जारी किये हैं। लखनऊ में रोजाना 5 लाख से अधिक लोग इन वाहनों में सफर करते हैं। कई बार वाहन में बैठे यात्रियों ने चालक की शिकायत वाहन नंबर के साथ की है। मौके पर जब चेकिंग अधिकारी पहुंचे तो वाहन नहीं मिला। इसी के चलते ऐसे नशेड़ी वाहन चालकों के विरुद्ध अभियान चलाने की तैयारी की गई है। एआरटीओ प्रशासन एके द्विवेदी ने बताया कि यात्री वाहन चालक नशे में वाहन चलाते मिले तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की संस्तुति की जायेगी। ऐसे वाहन चालकों के लाइसेंस के साथ ही उनके वाहन के खिलाफ भी एक्शन लिया जायेगा।