- 492 सीटों पर होंगे पीएचडी एडमिशन

- 15 जनवरी से शुरू होगी आवेदन प्रक्रिया

- 16 जनवरी को जारी होगा विज्ञापन

- 18 फरवरी तक दर्ज करा सकेंगे आपत्ति

- छह फरवरी तक बिना लेट फीस के लिए जाएंगे पीएचडी के आवेदन

- दस फरवरी तक एक हजार रुपए लेट फीस के साथ कर सकेंगे आवेदन

LUCKNOW : लखनऊ यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छह माह से अधिक देरी के बाद पीएचडी सीटों पर एडमिशन के लिए हरी झंडी दे दी। वीसी प्रो। अलोक कुमार राय की अध्यक्षता में मंगलवार को प्रवेश समिति की बैठक में इस पर मुहर लगाई गई। इस बार एलयू पीएचडी की कुल 492 सीटों पर एडमिशन लेगा। इन सीटों पर एडमिशन के लिए 15 जनवरी से आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी। पीएचडी एडमिशन के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से 16 जनवरी को विज्ञापन जारी किया जाएगा।

छह फरवरी तक बिना लेट फीस होंगे आवेदन

एडमिशन कोऑर्डिनेटर प्रो। अनिल मिश्रा ने बताया कि 15 जनवरी से शुरू होकर आवेदन की प्रक्रिया छह फरवरी तक चलेगी। पीएचडी कोर्स में आवेदन करने के लिए जनरल और ओबीसी कैटेगरी के छात्रों को दो हजार रुपए और एससी-एसटी कैटेगरी के छात्रों को एक हजार रुपए आवेदन फीस जमा करनी होगी। छह फरवरी के बाद दस फरवरी तक एक हजार रुपए लेट फीस के साथ आवेदन करने का मौका दिया जाएगा। इसके बाद यूनिवर्सिटी 15 फरवरी को कुल आए आवेदनों के आधार पर प्रवेश परीक्षा का संभावित शेड्यूल जारी करेगा, जिस पर सभी छात्रों को 18 फरवरी तक आपत्ति दर्ज कराने का मौका दिया जाएगा। इसके बाद भी आपत्तियों को दूर कर 24 फरवरी को एंट्रेंस एग्जाम का फाइनल शेड्यूल जारी कर दिया जाएगा।

16 से 20 मार्च तक होगी प्रवेश परीक्षा

प्रो। अनिल मिश्रा ने बताया कि पीएचडी कोर्स में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम 16 से 20 मार्च के बीच में होंगे। एंट्रेंस एग्जाम में शामिल होने के लिए 26 फरवरी से एडमिट कार्ड डाउनलोड होना शुरू हो जाएंगे। साथ ही मार्च के अंतिम सप्ताह या फिर अप्रैल के फ‌र्स्ट वीक में पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।

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478 से बढ़ाकर 492 पीएचडी की सीटें

बीते माह प्रवेश समिति की हुई बैठक में पीएचडी में 478 सीटों पर एडमिशन लिए जाने पर सहमति बनी थी, लेकिन कुछ अन्य अड़चनों के चलते एलयू द्वारा प्रवेश प्रक्रिया के लिए विज्ञापन जारी नहीं किया जा सका। इसके चलते पूरी प्रक्रिया ही अधर में फंसी थी। मंगलवार को वीसी प्रो। आलोक कुमार राय की अध्यक्षता में प्रवेश समिति की बैठक हुई। बैठक में सभी मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा हुई, जिसके क्रम में पीएचडी प्रश्न पत्र की लिखित परीक्षा 70 अंक और मौखिक 30 अंक के कराने का निर्णय लिया गया। यह भी निर्णय लिया गया कि कॉलेजों में पीएचडी के लिए योग्यता अर्हता निर्धारण के लिए दो डीन और एक प्राचार्य की समिति का गठन किया जाएगा।

पर्यावरण विज्ञान में पीजी छात्र बॉटनी या जियोलॉजी में ही कर सकेंगे पीएचडी

बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि पर्यावरण विज्ञान विभाग में पीजी छात्र वनस्पति विज्ञान (बॉटनी) या भूगर्भ विज्ञान जियोलाजी में ही पीएचडी कर सकेंगे। जैव सांख्यिकी (स्टैटिक्स) के पीजी छात्र मात्र सांख्यिकी में ही पीएचडी कर सकेंगे।