- नए सेशन में एक दर्जन से अधिक कोर्सेज की सीटें बढ़ाएगी लखनऊ यूनिवर्सिटी

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रुष्टयहृह्रङ्ख : लखनऊ यूनिवर्सिटी अपनी इनकम को बढ़ाने के लिए उन कोर्सो में सीटें बढ़ाने की तैयारी कर रहा है, जिनकी डिमांड अधिक है। एलयू फीस बढ़ाकर स्टूडेंट्स पर अतिरिक्त बोझ नहीं डालना चाहता है, इसलिए वह कई कोर्स में सीटें बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।

बीकॉम और एलएलबी में बढ़ चुकी हैं सीटें

वीसी प्रो। आलोक कुमार राय के आने के बाद एलयू अपनी आय बढ़ाने के प्रयास में लग गया है। इसी क्रम में गत वर्ष एलयू ने बीकॉम और एलएलबी की सीटों में इजाफा किया है। वीसी प्रो। राय पहले ही कह चुके हैं कि कोर्स की फीस बढ़ाने से बेहतर है कि सीटें बढ़ा दी जाएं। इससे अधिक से अधिक स्टूडेंट्स को एलयू में पढ़ने का मौका भी मिलेगा।

बीते सत्र आए रिकॉर्ड आवेदन

लखनऊ यूनिवर्सिटी में बीते सत्र में यूजी में चार हजार से अधिक आवेदन आये थे। वहीं, पीजी में भी रिकार्ड आवेदन आये थे। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार शहर के बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स को पेरेंट्स को बाहर नहीं भेजा, जिसके चलते यूजी और पीजी में बम्पर आवेदन आये थे।

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इन कोर्सेज में बढ़ सकती हैं सीटें

यूनिवर्सिटी बीएससी मैथ और बायो में सीटें बढ़ाने पर विचार कर रही है। बीए में भी कई विषयों में सीटें बढ़ाई जा सकती हैं। इसी तरह पीजी स्तर की बात की जाये तो एमकॉम के कामर्स और एप्लाइड इकोनॉमिक्स के साथ ही एमएससी के बायोकैमेस्ट्री में 25 सीटें के लिए गत वर्ष 148 आवेदन आये थे। एमए व एमएससी स्टैटिक्स के लिए भी ठीक आवदेन आये थे। इनमें भी सीटें बढ़ाई जा सकती हैं। एमएससी बोटनी, प्लांट साइंस व माइक्रोबायोलाजी में 135 सीटें के लिए 758 आवेदन आये थे। वहीं एमएससी केमिस्ट्री, फार्मास्युटिकल की 130 सीटों के लिए 656 आवेदन आये थे। वहीं, एमएससी फीजिक्स व रिनेवल एनर्जी 97 सीटों के लिए 467 आवेदन आये थे। इनमें भी सीटें बढ़ाई जा सकती हैं। इसके अलावा भी कई कोर्स में सीटों में इजाफा किया जा सकता है।

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यहां भी हो सकता है सीटों में इजाफा

- एमएससी के एनवायरमेंटल एनर्जी

- फूड प्रोसेसिंग एंड फूड टेक्नोलॉजी

- एप्लाइड जियोलॉजी

- बायोटेक्नोलॉजी

- कंप्यूटर साइंस

- फॉरेंसिक साइंस

- एमएससी मैथमेटिक्स

- एमएससी जूलॉजी

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एलयू में पढ़ाई करने का सपना बहुत से छात्रों का होता है, लेकिन बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स का यहां एडमिशन नहीं हो पता है। सीटों के बढ़ने से अधिक स्टूडेंट्स को यहां पढ़ने का मौका मिलेगा और यूनिवर्सिटी की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।

डॉ। दुर्गेश श्रीवास्तव, प्रवक्ता, एलयू