- नई शिक्षा नीति के तहत एलयू प्रदेश का पहली यूनिवर्सिटी होगी जो चार वर्षीय ग्रेजुएशन कोर्स लागू करेगी - वीसी ने कहा, नई शिक्षा नीति को लेकर की घोषणा जल्द तैयार होगा ऑर्डिनेंस

LUCKNOW :

लखनऊ यूनिवर्सिटी प्रशासन ने नई शिक्षा नीति के तहत अगले सेशन से अपने अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज में अमूल चूल बदलाव की तैयारी शुरू कर दी है। यूनिवर्सिटी ने अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज के साथ, डीलिट, पीएचडी सहित नए कोर्सेज के नए ऑर्डिनेंस को तैयार करने के लिए कमेटियों का गठन भी कर दिया है। सबसे ज्यादा फोकस अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज के ऑर्डिनेंस को लेकर है। यूनिवर्सिटी वीसी प्रो। आलोक कुमार राय ने शताब्दी वर्ष के अवसर पर यूजी में चार वर्षीय कोर्सेज के रोड मैप तैयार करने की घोषणा की है।

दो तरह के ऑर्डिनेंस पर काम

एलयू वीसी प्रो। आलोक कुमार राय ने बताया कि नई शिक्षा नीति के बाद से हमने इसे लागू करने के लिए अपने यहां पर कमेटियों का गठन किया है। हमारा सबसे ज्यादा फोकस यूजी कोर्सेज के ऑर्डिनेस को लेकर है। इन कोर्सेज के ऑर्डिनेंस को हम तीन वर्ष और चार वर्ष दोनों को ध्यान में रखकर तैयार कर रहे हैं। अभी शासन स्तर से भी चार वर्ष के यूजी कोर्सेज के ऑर्डिनेंस पर काम चल रहा हैं। एक बार शासन के स्तर से गाइडलाइन क्लियर हो जाए, इसके बाद हम तय करेंगे की कौन से यूजी में मौजूदा विकल्प ही स्टूडेंट्स को ऑफर किया जाएं या फिर नया या दोनों ही विकल्प एक साथ स्टूडेंट्स को दिए जाएं।

एलयू रचेगा इतिहास

वीसी प्रो। राय ने बताया कि हमने नई शिक्षा नीति के लगभग 60 फीसद सुझाव पहले ही अपने यहां पर लागू कर लिया हैं। अगर एलयू में चार वर्षीय यूजी कोर्स शुरू होते हैं तो यह देश में पहली यूनिवर्सिटी होगी। उन्होंने कहा कि 2021-22 के एडमिशन प्रक्रिया इसी नए ऑर्डिनेंस के तहत ही होंगे। इसके लिए हमारी कोशिश है कि अगले कुछ महीनों में हम यूजी कोर्सेज के ऑर्डिनेंस को जल्द से जल्द पूरा कर। इसे मंजूरी के लिए शासन को भेज दें।

यूजी कोर्सेज के लिए सुझाव

- नई शिक्षा नीति में स्टूडेंट्स को ग्रेजुएशन में चार साल का कोर्स होगा।

- इसमें भी विकल्प दिया गया है, जो स्टूडेंट्स ग्रेजुएशन के बाद नौकरी करना चाहते हैं और हायर एजुकेशन में नहीं जाना चाहते, उनके लिए तीन साल की डिग्री रखी गई है।

- रिसर्च में जाने वाले स्टूडेंट्स के लिए चार साल की डिग्री रखी गई है। चार साल की डिग्री करने वाले स्टूडेंट्स को एक साल में ही पीजी कर पाएंगे।

- अगर कोई स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग कोर्स को दो साल में ही छोड़ देता है, तो उसे डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा।

- पांच साल का ज्वाइंट ग्रेजुएट, मास्टर कोर्स लाया जाएगा। अगर चार साल के डिग्री कोर्स में कोई स्टूडेंट्स पहले साल में ही कॉलेज छोड़ देता है, तो उसे सर्टिफिकेट मिलेगा।

- जबकि दूसरे साल के बाद एडवांस सर्टिफिकेट और तीसरे साल के बाद छोड़ने पर डिग्री मिलेगी।

- अगर स्टूडेंट्स पूरे चार साल पढ़ेगा तो चार साल बाद की डिग्री उसे रिसर्च के साथ मिलेगी। इसी तरह से पोस्ट ग्रेजुएट में तीन तरह के विकल्प होंगे।

- तीन साल का डिग्री कोर्स वालों के लिए दो साल का मास्टर्स डिग्री होगा।

- दूसरा चार साल के डिग्री कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स के लिए एक साल का पीजी होगा।

- तीसरा पांच साल का इंटिग्रेडेट प्रोग्राम होगा जिसमें यूजी और पीजी दोनों एक साथ हो जाए।

हम अपने लेवल से तीन व चार वर्षीय यूजी कोर्सेज संचालित करने का ऑर्डिनेंस तैयार कर रहे हैं। शासन स्तर पर इस पर काम चल रहा हैं। शासन जैसे ही इस सम्बन्ध में जैसा निर्देश देगा हम उसी के अनुसार नया ऑर्डिनेंस लागू कर देंगे।

- प्रो। आलोक कुमार राय, वीसी, एलयू