लखनऊ (ब्यूरो)। साइबर क्रिमिनल्स से लोगों को बचाने वाली पुलिस अब खुद क्रिमिनल्स के टारगेट पर है। ये क्रिमिनल्स पुलिस के सीनियर अधिकारियों की तस्वीर का इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि इनकी आड़ में लोगों को अपने जाल में फंसाया जा सके। मंगलवार को भी डीजीपी प्रशांत कुमार की वाट्सएप पर डीपी लगाने का मामला सामने आया। जांच में पता चला कि फोटो को व्हाट्सएप पर डीपी लगा कर लोगों को ठगने का खेल पाकिस्तान से खेला जा रहा है। पाकिस्तान में बैठे जालसाज यूपी के डीजीपी और एडीजी रैंक के अधिकारियों की तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहे हैं। फिर आम लोगों को कॉल कर अनुचित कार्य करने को कह रहे हैं। बहरहाल, साइबर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

पुलिस के सामने आई चुनौती

डीजीपी की तस्वीर का इस्तेमाल करने की घटना के दूसरे ही दिन यूपी के एक और वरिष्ठ आईपीएस व कानपुर के पूर्व पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड की भी तस्वीर को वाट्सएप पर डीपी लगाकर ठगी का प्रयास किया गया। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स के एक चंद्रमणि शुक्ला नाम के यूजर ने लिखा है कि सुबह मेरे पास एक पुलिस अधिकारी की फोटो लगे नंबर से कॉल आई। बता दें कि डीजीपी प्रशांत कुमार और एडीजी बीपी जोगदंड की तस्वीर का इस्तेमाल कर वाट्सएप मैसेज व कॉल करने वाले में एक समानता है कि दोनों ही नंबर पाकिस्तान के थे। ऐसे में अब साइबर क्राइम की टीम के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये है कि इन स्कैमर्स को कैसे रोका जाए।

वीओआईपी का इस्तेमाल

साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा के मुताबिक, पाकिस्तान से बैठकर यहां के पुलिस अधिकारियों की फोटो का इस्तेमाल कर ठगी करना या फिर गोपनीय जानकारी निकालना कोई नई बात नहीं है। पाकिस्तान के हैकर्स कई बार ऐसी हरकतें करते हैं, लेकिन यह जरूरी भी नहीं है कि यह पाकिस्तान से ही हो रहा हो ऐसी कई टेक्नोलॉजी हैं जहां व्यक्ति भारत में रह कर वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआईपी) कॉल का इस्तेमाल कर पाकिस्तान का नंबर डिसप्ले कर सकता है।

3 साल सजा और जुर्माने का प्रावधान

कॉल स्पूफिंग इंडियन टेलीग्राफ एक्ट के तहत प्रतिबंधित है। ऐसा करते पाए जाने पर जुर्माना, तीन साल जेल या दोनों दंड का प्रावधान है। इसमें तीन साल की सजा के साथ 25,000 रुपये जुर्माने का भी प्रावधान है।