लखनऊ (ब्यूरो)। पहले तो जालसाज ठगी करने के लिए नए-नए तरीके अपनाते थे, लेकिन अब ठगी की रकम हासिल करने के लिए भी वे कई तरह के जाल बिछा रहे हैं। ऐसे में, अगर आपके खाते में लाखों रुपये अचानक आ जाएं, तो खुश होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यही वो तरीका है, जिसका इन दिनों जालसाज इस्तेमाल कर रहे हैं। पहले तो वे किसी खाते में पैसा भेजेंगे और फिर खाताधारक को अलग-अलग तरीके से धमका कर पैसों को दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करवा लेंगे। इसका मकसद यह होता है कि साइबर पुलिस की जांच उन तक न पहुंच सके। पढ़ें जालसाजी के इस तरीके की पोल खोलती दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की खास रिपोर्ट

ऐसे हुआ खुलासा

अलीगंज निवासी रिषभ सिंह के बैंक अकाउंट में अचानक करीब 70 लाख रुपए क्रेडिट हो गए, जो थोड़ी देर में चले भी गए। पैसे आने और फिर चले जाने से घबराए पीड़ित ने वकील से संपर्क किया और हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई। वह दिल्ली के एक होटल में जॉब कर रहे हैं। इस केस की वजह से उन्हें बार-बार साइबर पुलिस के चक्कर लगाने पड़ रहा है। उन्हें इनकम टैक्स की नोटिस आने का भी डर सता रहा है। वकील का कहना है कि आपको कई बार कोर्ट में पेशी पर भी आना पड़ सकता है, क्योंकि पता चला कि पैसा जालसाजों का था, जो फर्जी तरीके से निकाल लिया गया है।

दो तरह के अकाउंट्स का यूज

यूपी पुलिस के साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा बताते हैं कि इसमें पीड़ित की गलती नहीं होती है, लेकिन बेवजह उसको परेशानी झेलनी पड़ती है। साइबर जालसाज दो तरह के अकाउंट्स का इस्तेमाल करते हैं अपनी ठगी हुई रकम को ठिकाने लगाने के लिए। वे गांव देहात के लोगों के पहले से बने अकाउंट को कुछ पैसा देकर खरीद लेते हैं या फिर उनके दस्तावेजों के आधार पर नए अकाउंट बना लेते हैं और दूसरे वे अकाउंट, जो रिषभ जैसे लोगों के होते है, जिन्हें नौकरी का लालच या अन्य कारण बता उनसे उनके बड़े अकाउंट का संचालन धोखे से ले लेते हैं और फिर उन्हें अपने इस्तेमाल के लिए प्रयोग करते हैं।

दिया नौकरी का ऑफर

पीड़ित रिषभ ने बताया कि उनके पास एचडीएफसी सेल्स डिपार्टमेंट में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी ने ऑफर दिया। उन्हें एक कॉल आई और ऑफर लेटर भेजने के लिए उनके पिता और माता का आधार व पैन कार्ड मांगा गया। उन्होंने वह भी दे दिया। कुछ दिन बाद उनके घर पर एक बैंक का एटीएम कार्ड आया, नए अकाउंट का एटीएम देख रिषभ हैरान थे। उन्होंने संबंधित बैंक से संपर्क कर स्टेटमेंट निकलवाया तो देखा कि उनके अकाउंट में 70 लाख रुपए आए और कुछ ही देर में अन्य अकाउंट्स में ट्रांसफर भी कर दिए गए। यह देख वे परेशान हुए और वकील से संपर्क कर हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई।

साइबर ठगों की चाल

साइबर सेल सब इंस्पेक्टर शिशिर यादव का कहना है कि यह साइबर क्रिमिनल की एक चाल थी। पीड़ित की सबसे बड़ी गलती यह थी कि उन्होंने अनजान लोगों को सिर्फ नौकरी की चाह में पहले तो अपना फिर पूरे परिवार का आधार व पैन कार्ड दे दिया और फिर कॉल आने पर ओटीपी भी शेयर कर दिया। इसका फायदा साइबर जालसाजों ने उठाया और उनके अकाउंट में दस्तावेजों को बदलवाकर अकाउंट का एक्सेस हासिल कर ठगी गई रकम उनके अकाउंट में डाल कर अन्य अकाउंट में ट्रांसफर कर दी।

जांच भटकाने के लिए करते हैं काम

साइबर पुलिस की जांच में सामने आया कि जालसाज सिर्फ पुलिस की जांच भटकाने के लिए ऐसा करते हैं, क्योंकि पुलिस की निगाहें उन सभी अकाउंट्स पर रहती हैं जहां से क्रेडिट और डेबिट होता है। ऐसे में जालसाज अंजान खाते में पैसा ट्रांसफर कर पुलिस की जांच भटका देते हैं, ताकि पुलिस उनतक पहुंच न सके।

बरतें ये सावधानियां

- किसी अनजान या जान-पहचान वाले से भी ओटीपी शेयर न करें

- अकाउंट्स के स्टेटमेंट समय-समय पर चेक करते रहें

- गलती से अगर आपके अकाउंट में पैसे आ जाएं तो उन्हें खर्च न करें

- ऐसा होने पर तत्काल बैंक और साइबर पुलिस को सूचित करें

- किसी अनजान शख्स के दिए लालच में फंसकर पैसे अपने अकाउंट में न लें