लखनऊ (ब्यूरो)। नगर निगम की ओर से इस वित्तीय वर्ष में 600 करोड़ रुपये टैक्स वसूली का लक्ष्य रखा गया था लेकिन दिसंबर 23 तक 60 फीसदी लक्ष्य भी हासिल नहीं किया जा सका है। इससे खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस लक्ष्य को हासिल करना कितना मुश्किल है। आठ जोन में सिर्फ जोन नंबर चार में ही स्थिति बेहतर रही है लेकिन अन्य जोन में स्थिति चिंताजनक है। यह सच्चाई महापौर सुषमा खर्कवाल की ओर से सोमवार को की गई समीक्षा बैठक में सामने आई है। उन्होंने निर्देश दिए हैैं कि तत्काल स्थिति में सुधार लाया जाए।

जोन एक, दो में कम वसूली

बैठक में महापौर ने कहा कि नगर निगम लखनऊ की हाउस टैक्स की आय को लक्ष्य के अनुरूप शत प्रतिशत प्राप्त किए जाने है। नगर निगम द्वारा विकास व अन्य कार्यों को अपने निजी सोर्सेज से पूरा कराया जाता है, ऐसे में जरूरी है कि गत वर्ष की आय के सापेक्ष किसी भी दशा में आय कम न होने पाए। वर्तमान में टैक्स वसूली की स्थिति चिंताजनक है। जोन 1 व 2 को गत वर्ष के सापेक्ष कम वसूली किए जाने पर निर्देशित किया गया कि यह सुनिश्चित किया जाये कि किसी भी दशा में हाउस टैक्स की आय गत वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।

शिकायतों पर भी फोकस

महापौर ने जीआईएस संबंधी प्राप्त हो रही अनेक शिकायतों एवं जीआईएस कार्यो की प्रगति की समीक्षा कार्यदायी संस्था मेसर्स यूनिकॉप के प्रतिनिधियों से जानकारी प्राप्त करते हुए की। कंपनी के प्रतिनिधियों द्वारा जीआईएस कार्य प्रगति जैसे कि डेटा फीडिंग, त्रुटिपूर्ण जीआईएस सर्वे एवं सर्वेक्षित भवनों पर यूनिक आईडी नंबर प्लेट लगाये जाने की प्रगति से संतोषजनक रूप से अवगत नहीं कराया जा सका साथ ही कार्यरत स्टाफ के संबंध में भी जानकारी नहीं दी गई। ऐसी स्थिति में महापौर ने मंगलवार को फिर से बैठक बुलाई है।