लखनऊ (ब्यूरो)। कानपुर में स्कूल बंक कर सौ की स्पीड में कार भगाने वाले नाबालिग बच्चों ने एक महिला की जान ले ली और हादसे में बेटी गंभीर रूप से घायल हो गई। यह पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी लखनऊ के निशातगंज पेपर मिल कॉलोनी के पास नाबालिग ने कार चलाना सीखते समय दो महिलाओं को दर्दनाक मौत दी थी। नाबालिग के हाथ में स्टेयरिंग पकड़वाने वाले पैरेंट्स की लापरवाही ही उनके अपने बच्चों के साथ दूसरों की भी जान आफत में डाल रही है। ट्रैफिक डिपार्टमेंट के आंकड़े खुद बयां करते है कि हर साल तीन सौ से ज्यादा चालान नाबालिग के ड्राइविंग में किया जाता है।

पैरेंट्स होते हैं जिम्मेदार
नाबालिगों के अधिक रफ्तार में वाहन चलाने के पीछे पैरेंट्स भी जिम्मेदार हैं। कई बार पैरेंट्स बच्चे को अधिक सेल्फ डिपेंडेंट मान लेते हैं। यह सही नहीं है। नियमों की अनदेखी किसी सूरत में नहीं करनी चाहिए, चाहें वह आपका बच्चा ही क्यों न हो। जब तक लाइसेंस न बने, बच्चों को गाड़ी न दें। बच्चे की सुरक्षा ही आपके लिए सब कुछ है। बच्चे सेफ रहेंगे तो आप भी मुसीबतों से दूर बने रहेंगे।

3 साल की सजा 25 हजार जुर्माना
एमवी व्हीकल एक्ट के तहत किसी भी मोटरवाहन अपराध में बच्चों के पैरेंट्स या वाहन स्वामी के खिलाफ आईपीसी 304ए और 279 के तहत केस दर्ज किया जाता है। इसमें जमानत मिल जाती है। साथ ही केस में दोषी हुए तो तीन साल का कारावास और 25 हजार तक जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही अपराध लिप्त वाहन का रजिस्ट्रेशन एक साल के लिए निरस्त किया जाता है। ऐसे किशोर का डीएल 25 वर्ष की उम्र पूरा करने के बाद ही बनाया जाता है।

स्कूलों को निभानी होगी जिम्मेदारी
पैरेंट्स के साथ स्कूलों को भी नाबालिग के हाथ स्टेयरिंग न होने की जिम्मेदारी निभानी होगी। हर दिन स्कूलों के बाहर नाबालिग दो पहिया व चार पहिया वाहन के साथ नजर आते हैं।

पुलिस अभियान तो चलाती है
पुलिस समय समय पर अभियान तो चलाती है और पैरेंट्स व स्कूलों को अवेयर भी करती है लेकिन स्थिति जस की तह है। कुछ दिन पहले राजधानी पुलिस ने ट्रैफिक पुलिस के साथ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया था। पैरेंट्स व स्कूल मैनेजमेंट को भी जागरूक किया था। चंद दिनों के बाद स्थिति फिर वहीं हो गई।

ये गलतियां करते हैं नाबालिग
- रेड लाइट का पालन न करना
- स्पीड की लिमिट क्रास करना
- हेलमेट न लगाना
- ड्राइव करते वक्त म्यूजिक सुनना
- ट्रिपलिंग करना
- रांग साइड वाहन चलाना
- कार में बिना सीट बेल्ट चलना

नाबालिग की ड्राइविंग से गई जान
अप्रैल 2024
पेपर मिल गोरा कब्रिस्तान के पास कार चलाना सीख रहे नाबालिग ने दो महिलाओं को कुचल दिया। दोनों की मौत हो गई। पुलिस ने नाबालिग के पिता के खिलाफ केस दर्जकर कार्यवाही की है।

फरवरी 2023
1090 चौराहे पर बाइक सवार नाबालिग ने पुलिसकर्मी को टक्कर मारी। पुलिस ने बच्चे के पिता के खिलाफ केस दर्जकर जांच शुरू की थी।

मार्च 2023
हजरतगंज पुलिस ने स्टंट करने वाले 17 लोगों को पकड़ा था। जिसमें पांच नाबालिग थे। पुलिस ने उनके पिता व गाड़ी के मालिकों के खिलाफ केस दर्ज कर गाडिय़ां सीज की थीं।

नाबालिगों को वाहन चलाने से रोकने के लिए अभियान चलाया जाता है। स्कूल के साथ पैरेंट्स को भी अवेयर किया जाता है। नाबालिग के रोड पर ड्राइव करने पर चालान किया जाता है। हर साल ऐसे करीब 300 से अधिक वाहनों का चालान होता है।
-सलमान ताज, डीसीपी ट्रैफिक