लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए में नया खेल सामने आया है। यह खेल रजिस्ट्रियों की फाइलों को दबाने से जुड़ा हुआ है। आलम यह है कि आवंटी रजिस्ट्री कराने के लिए प्राधिकरण के चक्कर काटते रहते हैैं और संबंधित बाबू फाइलें दबाए रहते हैं। प्राधिकरण में अभी तक कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैैं, जिससे प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैैं।

कोई मॉनीटरिंग नहीं

आवंटन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद रजिस्ट्री संबंधी कार्रवाई कितने समय में होती है, इसकी मॉनीटरिंग की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे बाबू अपनी मर्जी से फाइलें आगे बढ़ाते हैैं या फिर दबाकर बैठ जाते हैैं। ऐसी स्थिति में आवंटी को प्राधिकरण के चक्कर लगाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

प्लॉट हो या आवास, सभी में मामले

एलडीए से जुड़े आवास हों या प्लॉट, सभी में रजिस्ट्री में देरी संबंधी मामले सामने आ चुके हैैं। हाल में एक भवन स्वामी राकेश ने एलडीए में शिकायत की थी कि कई साल पहले उसने कानपुर रोड योजना में मकान खरीदा था लेकिन अभी तक उसकी रजिस्ट्री नहीं हो पाई है। वह प्राधिकरण के कई बार चक्कर काट चुका है। जिसके बाद अधिकारियों ने इस मामले को संज्ञान में लिया और आनन फानन में फाइल मंगाकर रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू कराई गई।

यह भी हैैं मामले

केस एक

आवंटी मोहम्मद खलील ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें कानपुर रोड योजना में मकान आवंटित किया गया था। लंबा वक्त गुजर चुका है लेकिन अभी तक रजिस्ट्री नहीं हुई है। जिसके बाद अधिकारियों के निर्देश पर रजिस्ट्री कराई गई।

केस दो

कानपुर रोड योजना निवासी राम दशरथ भी पिछले दिनों प्राधिकरण दिवस में आए थे और शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं हो रही है।

केस तीन

अलीगंज निवासी विमला भी रजिस्ट्री के लिए प्राधिकरण के चक्कर काट रही है लेकिन अभी तक ये प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है।

कोई सुनने वाला नहीं

प्राधिकरण की ओर से दावा तो किया जाता है कि आवंटियों को बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी लेकिन आवंटियों की शिकायतों का समयबद्ध तरीके से निस्तारण तक नहीं किया जाता है, जिसकी वजह से आवंटी परेशान होते हैैं। कोई हेल्प डेस्क तक नहीं है, जिसके माध्यम से आवंटी अपनी शिकायत उच्च अधिकारियों तक पहुंचा सकें।

म्युटेशन में भी यही समस्या

रजिस्ट्री के साथ-साथ म्युटेशन में भी यही समस्या देखने को मिलती है। कई आवंटी प्राधिकरण दिवस में आते हैैं, जो समय से म्युटेशन न होने की शिकायत दर्ज कराते हैैं। मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद शिकायत दूर कर दी जाती है।

यह निर्देश जारी कर दिए गए हैैं कि अगर समयबद्ध तरीके से रजिस्ट्री या अन्य कार्रवाई नहीं की गई और आवंटी परेशान हुए तो संबंधित के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए