लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ में दूषित जलापूर्ति के मामलों में गिरावट जरूर आई है, लेकिन जिन इलाकों में सालों पुरानी पेयजल लाइन बिछी हुई है, वहां पर जरूर ये समस्या सामने आती रहती है। ऐसे में, उस इलाके के लोगों को गंदा पानी पीने को मजबूर होना पड़ता है और इसका परिणाम यह होता है कि स्किन समेत कई तरह की बीमारियां उन्हें घेर लेती हैैं। नगर निगम की ओर से दूषित जलापूर्ति की समस्या को दूर करने के लिए योजनाएं तो बनाई जाती हैैं, लेकिन उसका प्रॉपर फायदा पब्लिक को नहीं मिल पाता है।

सार्वजनिक स्थानों पर पानी स्वच्छ नहीं

रेलवे स्टेशन, बस अड्डे या फिर पार्कों में लगे वाटर टैैंक की बात की जाए तो कई बार लोगों की ओर से गंदे पानी की कंपलेन दर्ज कराई जाती है। पिछले दिनों ऐसा ही मामला आलमबाग बस अड्डे में सामने आया था, जिसके बाद वहां पर नई वॉटर मशीन लगा दी गई है। इसी तरह एलडीए की ओर से भी लोहिया, जनेश्वर समेत कई प्रमुख पार्कों में पेयजल के इंतजाम किए गए हैैं। इसके बावजूद भी कई बार लोग गंदे पानी का सेवन करने के लिए मजबूर होते हैैं।

फिल्टर प्रोसेस की भी जानकारी नहीं

ज्यादातर लोगों को ये पता नहीं होता है कि कौन सा पानी का सेवन करना चाहिए और कौन सा नहीं। जागरूकता की कमी के कारण भी लोग गंदा पानी पी लेते हैैं और बीमारियों के घेरे में आ जाते हैैं। आइए जानते हैैं कि किस तरह से बीमारियां लोगों को अपनी गिरफ्त में लेती हैैं।

कैंसर तक होने का खतरा

दूषित पानी में विभिन्न प्रकार के घातक रसायन होते हैं, जिनके कारण कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। पानी में मिले हुए कीटनाशक शरीर पर असर डालते हैं। इससे नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है। भूमिगत संक्रमित जल में लेड की मात्रा भी पाई जाती है। लेड पानी के माध्यम से हमारे शरीर में जाकर जमा हो जाता है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों और महिलाओं पर पड़ता है। पीने योग्य पानी में कभी-कभी नाइट्रेट्स भी मिले होते हैं। ये दूध पीने वाले शिशु के लिए प्राणघातक सिद्ध हो सकता है। नाइट्रेट्स मस्तिष्क तक पहुंचने वाले ऑक्सीजन की मात्रा को कम कर देते हैं, नाइट्रेट्स आंत के कैंसर के लिए भी जिम्मेदार होते हैं।

उल्टी, दस्त की शिकायत

उल्टी, दस्त जैसी बीमारियां पानी दूषित पानी की वजह से होती है। इससे बचने का सबसे कारगर उपाय यही है कि साफ पानी का सेवन किया जाए। यदि किसी छोटे बच्चे या बड़े व्यक्ति को बार-बार उल्टी या दस्त आ रहे हों तो इसकी वजह दूषित जलापूर्ति का सेवन हो सकता है।

स्किन एलर्जी का भी खतरा

कई बार देखने में आता है कि दूषित पानी का सेवन करने से लोग स्किन से रिलेटेड बीमारियों की चपेट में आ जाते हैैं। प्रदूषित पानी पीने के कारण त्वचा में कई तरह की एलर्जी या दाग-धब्बे हो सकते हैैं। इन रोगों से बचाव के लिए सावधानी बरतना ही सबसे कारगर तरीका है। जलजनित रोगों से अपने परिवार को सेफ रखना चाहते हैैं तो अपने घर में पानी की गुणवत्ता बेहतर रखें।

इस तरह करें बचाव

1-स्वच्छ पानी का सेवन करें

2-दूषित जलापूर्ति पर तुरंत कंपलेन करें

3-पानी उबालकर पिएं

4-पानी की गुणवत्ता को लेकर जागरूक रहें

दूषित पानी पीने से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें डायरिया, उल्टी व दस्त आदि प्रमुख हैं। मेरी यही सलाह है कि इन बीमारियों से बचने के लिए हर किसी को स्वच्छ जल का ही सेवन करना चाहिए।

डॉ। अजय शंकर त्रिपाठी, एमएस लोकबंधु

मेरे एरिया में भी पानी का संकट बरकरार है। ऐसे में जिम्मेदारों को पानी के इंतजाम करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

अभिषेक, कल्याणपुर

जहां ओवरहेड टैैंक नहीं हैैं, वहां पर दूसरे विकल्प तलाशने चाहिए। प्रयास यही होना चाहिए कि हर इलाके में लोगों को भरपूर पानी मिले।

संदीप, कैसरबाग

बेहतर जलापूर्ति के लिए एक्शन प्लान बनाए जाने की जरूरत है। जिन इलाकों में पेयजल लाइन नहीं है, वहां पर नई पेयजल लाइन बिछाई जानी चाहिए ताकि हर किसी को पर्याप्त पानी मिल सके।

सविता, तकरोही

मेरा यही मानना है कि पानी की बचत के साथ ही स्वच्छ जलापूर्ति पर फोकस किया जाना चाहिए। अगर पानी साफ नहीं मिलेगा तो लोगों को बीमारियां हो सकती हैं।

राजेश, इंदिरानगर