लखनऊ (ब्यूरो)। जालसाजों ने ठगी का नया तरीका खोज निकाला है। दरअसल, अब जालसाज ऐसे लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं, जो ऑनलाइन शॉपिंग करने के बाद अपना सामान वापस करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेते हैं। जालसाज कस्टमर केयर एग्जिक्यूटिव बनकर सामान वापस करने और रुपये ट्रांसफर करने के एवज में मोटी रकम ऐंठ लेते हैं। साइबर सेल में लगातार इस तरह के केस आना अधिकारियों के लिए सिरदर्द बना हुआ है।

24 घंटे में पेसा रिटर्न

आलमबाग के रहने वाले शौर्य कुमार ने दिसंबर 2023 को एक ई-कॉमर्स वेबसाइट से मोबाइल फोन आर्डर किया था। डिलीवरी घर आने पर मोबाइल में कुछ फॉल्ट मिला। जिसके बाद उन्होंने ई-कॉमर्स कंपनी की मोबाइल एप्लीकेशन समेत स्मार्टफोन मेकर कंपनी के इंस्टाग्राम पेज पर मोबाइल वापस करने का मैसेज और अपना मोबाइल नंबर डाल दिया। इसके अगले दिन उनके मोबाइल पर एक अंजान मोबाइल नंबर से कॉल आया। कॉलर ने खुद को कंपनी का कस्टमर केयर एग्जिक्यूटिव बताते हुए मोबाइल वापस करने के लिए एक लिंक भेजा और कहा कि इसमें अपनी सभी डिटेल भर दीजिए। 24 घंटे के भीतर आपके खाते में पैसा रिटर्न हो जाएगा। पीड़ित ने झांसे में आकर लिंक पर क्लिक कर दिया, जिसके बाद उसके खाते से 98 हजार रुपये उड़ गए और परेशान होकर उसने साइबर सेल को शिकायत दी।

अकाउंट से पुलिस होती है गुमराह

यूपी पुलिस के साइबर एक्सपर्ट बताते हैं कि साइबर जालसाज सोशल मीडिया पर काफी अलर्ट रहते हैं। जैसे ही इस तरह की कोई शिकायत करता है तो फौरन उसे अपने चंगुल में फंसा लेते हैं। पुलिस जब जालसाज तक पहुंचती है तो पता चलता है कि जालसाज गांव देहात के लोगों के पहले से बने अकाउंट को कुछ पैसा देकर खरीद लेते है या फिर उनके दस्तावेजों के आधार पर नए अकाउंट बनाते हैं जिससे वह आसानी से पैसे निकाल लेते हैं यही वजह है कि अधिकतर केसों में पुलिस असल जालसाज तक नहीं पहुंच पाती है।

खुद करते हैं शेयर

साइबर सेल सब इंस्पेक्टर शिशिर यादव का कहना है कि पीड़ित को लगता है कि उसने कोई भी गलती नहीं की है, जबकि साइबर फ्रॉड की एक चाल थी। सबसे बड़ी गलती थी कि उन्होंने अनजान लोगों को अपने बैंक खाते की डिटेल, आधार व पैन कार्ड नंबर दे देते हैं। इतना ही नहीं कई बार ओटीपी भी शेयर करते हैं। जिसका फायदा जालसाज उठाकर पीड़ित के खाते से मोटी रकम निकाल लेते हैं।

इन बातों का रखे ख्याल

-ऑनलाइन आर्डर उसी एप्लीकेशन से कराएं जिनका आपने नाम सुना हो।

-कंपनी की वेबसाइट पर दिए गए कस्टमर केयर नंबर पर ही भरोसा करें।

-किसी भी अंजान नंबर से आई कॉल पर अपनी डिटेल शेयर न करें।

-कभी भी किसी भी अनजान या जान पहचान वाले को ओटीपी शेयर न करें।

-अकाउंट का स्टेटमेंट समय-समय पर चेक करते रहें।

-गलती से आपके अकाउंट में पैसे आ जाएं तो उन्हें खर्च न करें।

-लालच में फंसकर पैसे अपने अकाउंट में न लें। ऐसा होने पर तत्काल बैंक और साइबर पुलिस को सूचित करें।