लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश में गंभीर मरीजों को एयरलिफ्ट कराने के लिए एयर एंबुलेंस सुविधा शुरू करने की कवायद जारी है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रपोजल बनाकर शासन को भेजा गया है, जिसके तहत एयर एंबुलेंस प्रदाता कंपनियों से करार किया जाएगा, ताकि समय रहते गंभीर मरीजों को सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, शासन के आदेशानुसार काम किया जाएगा।

कंपनियों से होगा करार

प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों से गंभीर मरीजों को बड़े मेडिकल संस्थानों जैसे केजीएमयू, पीजीआई या देश के अन्य बड़े मेडिकल संस्थान के लिए रेफर किया जाता है। पर इसमें काफी समय और खर्च भी होता है। वहीं, निजी एयर एंबुलेंस काफी महंगी होती हैं। इसी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग प्रदेश में गंभीर मरीजों के हितों के लिए एयर एंबुलेंस सेवा शुरू करने की रणनीति पर काम कर रहा है। इसके लिए एयर एंबुलेंस प्रदाता कंपनियों से दूरी और समय के हिसाब से किराया तय करने का काम किया जाएगा, ताकि गंभीर मरीजों को तत्काल एयरलिफ्ट कर बड़े संस्थान इलाज के लिए भेजा जा सके, जिससे समय रहते मरीज की जान बचाई जा सके।

कई मरीज हो चुके एयरलिफ्ट

राजधानी के केजीएमयू, लोहिया और पीजीआई में प्रदेश भर से गंभीर मरीज रेफर होते हैं। कई बार यहां से ग्रीन कॉरीडोर भी बनाया जा चुका है। केजीएमयू के शताब्दी फेज-2 और पीजीआई में इमरजेंसी मेडिसिन के पास हैलीपैड बनाने के लिए जगह को चिन्हित किया जा चुका है। पर अभी तक यह सुविधा शुरू नहीं हो सकी है, जबकि बीते दिनों उन्नाव रेप पीड़िता और लोहिया में एक नर्स को एयरलिफ्ट करने के लिए सरकार द्वारा एयर एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। यह सुविधा शुरू होने से मरीजों को बड़ा फायदा मिलेगा और उन्हें समय रहते इलाज मिल सकेगा।

शासन से जो भी आदेश मिलेगा, उसे पूरा किया जाएगा। मरीजों के हित को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है।

-डॉ। ब्रजेश राठौर, डीजी, हेल्थ