लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में लगातार गाड़ियों की संख्या बढ़ती जा रही है। तेल की बढ़ती कीमतें और अधिक प्रदूषण के कारण अब लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल की ओर आकर्षित हो रहे हैं। क्योंकि ये पर्यावरण अनुकूल होने के साथ-साथ पैसों की बचत भी कराती हैं। साथ ही स्पीड और पिकअप के मामले भी ये किसी से कम नहीं होतीं। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ईवी मार्केट में हर साल डबल ग्रोथ देखने को मिल रही है। अगर इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ा दिया जाये तो इसमें और ग्रोथ देखने को मिल सकती है।

80 हजार से अधिक ईवी राजधानी में

राजधानी में ईवी का क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसमें टू व्हीलर ईवी की संख्या सबसे ज्यादा है। परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में राजधानी में 2,793 ईवी और 2021 में 6,981 ही ईवी गाड़ियां थीं, लेकिन यह संख्या 2024 तक आते-आते बढ़कर 81,367 हो गई। फरवरी तक 7307 ईवी स्कूटर-मोटर साइकिल और 1148 ईवी कार रजिस्टर्ड हो चुकी हैं, जिनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

हर साल डबल हो रही ग्रोथ

गुंजित कालरा, एमडी, एसएएस हुंडई ने बताया कि जबसे ईवी को लेकर आरटीओ शुल्क माफ किया और यूपी में बने वाहनों पर सब्सिडी की सुविधा मिली है, काफी लोग ईवी खरीद रहे हैं। ईवी का ट्रेंड बढ़ रहा है। हर साल इसकी डबल ग्रोथ देखने को मिल रही है। अगर सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर खासतौर पर चार्जिंग प्वाइंट पर फोकस करे तो ईवी की सेल और अधिक हो जाएगी। खासतौर पर सरकारी पार्किंग, पेट्रोल पंप, एयरपोर्ट आदि जगह पर सुविधा मिले तो अधिक फायदा होगा।

लगातार बड़ा हो रहा मार्केट

एमए फारूकी, एमडी, एफटेक मोटर्स इंडिया प्रा.लि। बताते हैं कि ईवी का मार्केट लगातार बढ़ रहा है। युवाओं को टू व्हीलर काफी पसंद आ रही हैं। हमारी यूपी में ईवी की पहली फैक्ट्री है। सरकार की कई योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। इंटरनेशनल मार्केट में भी हमारी पहुंच है। ईवी पर्यावरण अनुकूल होने के साथ तेल पर निर्भरता कम करने में बेहद मददगार है। भारत जैसे बड़े मार्केट में ईवी का बहुत स्कोप है। युवाओं को ध्यान में रखते हुए अब तो स्पीड वाली बाइक तक आ गईं है। जो बेहद पसंद की जा रही है। इसमें खर्चा भी कम होता है।

ईवी चार्जिंग जेब पर हल्की

एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर कोई पेट्रोल गाड़ी हर माह करीब 1500 किमी चलती है और उसका मायलेज 12 किमी प्रति लीटर है, तो माह भर में करीब 12 हजार तक का पेट्रोल गाड़ी में डलवाना होगा। वहीं, बात ईवी की करें तो हर माह इतनी ही गाड़ी चलाने पर चार्ज करने पर खर्च करीब 2,300 रुपये तक आएगा। इस हिसाब से ईवी ओनर हर माह करीब 9-10 हजार की बचत कर सकता है। ऐसे में पेट्रोल-डीजल के मुकाबले ईवी आपकी जेब के लिए भी हल्की होती है।

ईवी मार्केट लगातार बढ़ रहा है। युवाओं को फोकस करते हुए खूबसूरत और पावरफुल बाइक्स भी मार्केट में आ चुकी हैं। साथ ही डीलर्स को गवर्नमेंट की योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है।

-एमए फारूकी, एमडी, एफटेक मोटर्स इंडिया प्रा.लि.

ईवी का मार्केट हर साल डबल ग्रोथ कर रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़े तो इसका मार्केट और ग्रोथ करेगा।

-गुंजित कालरा, एमडी, एसएएस हुंडई