लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ यूनिवर्सिटी ने रिसर्च स्कॉलर व ग्रैजुएट व पोस्ट ग्रैजुएट छात्राओं को भी मेटरनिटी लीव देने पर मुहर लगा दी है। इस फैसले के बाद बीएड, एमएड, जैसे कोर्स में पढ़ रही छात्राओं को राहत मिली है। एलयू ने पीएचडी स्कॉलर्स के लिए यूजीसी और बीएड व एमएड के लिए नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन के मेटरनिटी रूल्स को अपनाया है। पीएचडी फीमेल स्कॉलर्स को मेटरनिटी लीव शोधकार्य के दौरान एक बार दी जाएगी। अगर कोई फीमेल रिसर्च स्कॉलर को शादी के कारण किसी दूसरी जगह जाना पड़ता है, तो उसके रिसर्च को दूसरी स्थानांतरित करने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए स्कॉलर को पेरेंट गाइड या यूनिवर्सिटी को क्रेडिट देना होगा।

यूजी व पीजी की छात्राओं को मिलेगी राहत

एलयू व संबद्ध कॉलेजों में कई ऐसे कोर्स हैं जिनमें छात्राओं की संख्या अधिक है। बीएड, एमएड कोर्स के दौरान कई ऐसी छात्राएं हैं जिनकी पढ़ाई के दौरान ही शादी हो जाती है या कई ऐसी छात्राएं भी होती हैं जिनके छोटे बच्चे होते हैं, ऐसे में इन छात्राओं को इन सब कारणों के चलते पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ती है। इस समस्या के समाधान को देखते हुए यह फैसला लिया गया है, ताकि छात्राओं की पढ़ाई चलती रहे और मातृत्व या बच्चे की देखभाल को लेकर उन्हें पढ़ाई न छोड़नी पड़े। कई कॉलेजों के प्राचार्यों ने इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इस फैसले से 20 हजार के करीब छात्राओं को राहत मिलेगी। एलयू ने फैसले के बाद सूचना कॉलेजों को भेज दी थी। इस फैसले को इसी सत्र से लागू किया जा रहा है।

31 दिसंबर तक कॉलेजों को भेजना होगा फीस का डाटा

लखनऊ यूनिवर्सिटी से संबद्ध सभी 545 कॉलेजों को 31 दिसंबर तक अपनी फीस का डाटा एलयू से अप्रूव कराना होगा। दरअसल, शैक्षिक सत्र 2023-24 के लिए मिलने वाली स्कॉलरशिप से पहले सभी कॉलेजों को अपने फीस का डाटा एलयू से वेरीफाई करवाना होगा। इसके लिए एलयू ने सभी संबद्ध 545 डिग्री कॉलेज को 31 दिसंबर तक हर हाल में अपनी फीस के डाटा विषय वार अप्रूव करने को कहा है। एलयू प्रशासन की ओर से सभी डिग्री कॉलेज को इसके लिए निर्देश भेजे गए हैं। निर्देश के मुताबिक, स्कॉलरशिप फॉर्म भरने की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में कॉलेज को इस बार नए नियम के अनुसार, फीस अप्रूवल कराना अनिवार्य किया गया है। जो भी कॉलेज फीस अप्रूवल नहीं करेंगे उन्हें बाद में फीस को लेकर किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी।

समाज कल्याण विभाग से मिली जिम्मेदारी

समाज कल्याण विभाग की ओर से मिलने वाली स्कॉलरशिप में इस बार नोडल संस्थाओं को ही फीस वेरीफाई करने की जिम्मेदारी दी गई है। ऐसे में लखनऊ यूनिवर्सिटी ने सभी 545 डिग्री कॉलेज को इस बाबत निर्देश जारी कर दिए हैं। विवि ने कॉलेजों से कहा है किजिन कॉलेजों की फीस वेरीफाई नहीं होगी उन्हें एलयू की ओर से स्कॉलरशिप के लिए अनुमोदन प्रदान नहीं किया जाएगा।

फीस वेरिफिकेशन में आती थी गड़बड़ियां

इस मामले को लेकर जानकारों का कहना है कि बीते साल तक कॉलेज स्कॉलरशिप के लिए फीस दूसरी भरवाते थे और कॉलेज में फीस दूसरी लेते थे। ऐसे में कई बार जब एलयू में उनके आवेदन को वेरीफाई किया जाता था तो कई गलतियां सामने आईं थीं। इस समस्या को दूर करने के लिए इस सत्र से कॉलेज को वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू होने से पहले फीस अप्रूवल करने को कहा गया है। इससे एलयू का पता होगा कि कॉलेज में अपने आप संचालित कोर्स में अधिकतम कितनी फीस ली है।